रज के दो अर्थ होते हैं.... रज माने रजोगुण ..रज माने भगवत चरण या गुरु चरण की रज .....
रजोगुणी रज बोझ बढ़ाता है ..गुरु चरण रज आदमी को निर्भार कर देती है..
इंद्र वाला रजोगुण अहल्या को एकदम भारी बना गया..और भगवान राम चरण रज ने उसको तार दिया
(मानस अहल्या )
चिंतन और संवाद
मोरारी बापू : रज के दो अर्थ होते हैं...

- 17 Dec 2019