भोपाल । मध्यप्रदेश में अगले 48 घंटे बाद यानी 3-4 दिसंबर को बारिश और कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है। छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल समेत अन्य जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान है, जबकि बर्फीली हवा से पूरा प्रदेश ठिठुर सकता है। उत्तरी हिस्से के ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। इससे पहले रात के टेम्परेचर में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी संभव है।
मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, चक्रवाती तूफान 'फेंगल' पूर्वी हिस्से में सक्रिय है। इस वजह से हवा का असर बढ़ा है। अनुमान है कि छिंदवाड़ा, सिवनी समेत अन्य जिलों में 3-4 दिसंबर को हल्की बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया-
उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है। इस वजह से पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्यप्रदेश में तेजी से आएगी। जिससे पूरे प्रदेश में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है।
नवंबर के बाद दिसंबर की शुरुआत भी तेज ठंड से
इस बार नवंबर में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। राजधानी भोपाल में तो 36 साल बाद नवंबर में रात का तापमान सबसे कम रहा। ऐसा ही मौसम दिसंबर में भी रहने का अनुमान है। हालांकि, पहले ही दिन प्रदेश के कई शहरों में ठंड का असर देखने को मिला। रात के साथ रविवार को दिन में भी तापमान में गिरावट देखने को मिली।
बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में रविवार-सोमवार की रात पारा 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इंदौर में 12 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गिरवर में पारा सबसे कम 6.1 डिग्री तापमान दर्ज
शाजापुर से जुड़े गिरवर में पारा सबसे कम 6.1 डिग्री दर्ज किया गया। राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना, रतलाम, खरगोन, रीवा, धार, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, सागर, सीधी में टेम्परेचर 12 डिग्री से कम रहा।
कोहरा बढ़ेगा, ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाए
कड़ाके की ठंड के साथ ही अब कोहरे का असर भी बढ़ेगा। ऐसे में भोपाल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में रेलवे ने फॉग सेफ डिवाइस भी लगाई है। लोको पायलटों को कुल 341 फॉग सेफ डिवाइस (FSD) दी गई है। दरअसल, कोहरे के दौरान विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है। जिससे लोको पायलटों के लिए सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से आंकलन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे हालात में फॉग सेफ डिवाइस लोको पायलटों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है। यह पायलट को अलर्ट कर देता है।
इस बार कड़ाके की ठंड के साथ मावठा भी गिरेगा
प्रदेश में इस बार 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर आएगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं भी चल सकती हैं। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह बर्फीली हवाओं का सीधे आना है। दूसरे पखवाड़े में ही मावठा यानी, बारिश भी हो सकती है।
भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ट टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा, लेकिन कड़ाके की ठंड दिसंबर में पड़ेगी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, इस बार ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी।
साल 2014 से 2023 तक के ट्रेंड पर नजर डाली जाए तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होती है। इन पांच बड़े शहरों में पारे में सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में होती है।
पिछले 10 साल में एक बार टेम्परेचर1.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबलपुर में यह 4.4 डिग्री और उज्जैन में 2.5 डिग्री तक रहा है। भोपाल और इंदौर में भी टेम्परेचर 5 डिग्री से नीचे रहे हैं।
इंदौर में 15 दिसंबर बाद शीतलहर जैसा एहसास:तब तक सामान्य सर्दी रहेगी;
इस बार ठंड का पैटर्न कुछ अलग है। इंदौर में अधिकतम तापमान जहां औसत से 4-5 डिग्री कम होकर 24.9 डिग्री तक रिकॉर्ड हो रहा है, वहीं न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक ही बना हुआ है। 10-12 किमी की रफ्तार से चल रही पूर्वी हवा से ठंड महसूस हो रही है।
दिसंबर के शुरुआती 10-15 दिन भी मौसम इसी तरह का रहने वाला है। शीतलहर जैसा एहसास 15 दिसंबर के बाद ही होगा। तब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या इससे कम रिकॉर्ड होगा।
दरअसल, इस बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हो रहे हैं। हवा चलने की वजह से दिन के तापमान में गिरावट हो रही है। नवंबर में अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक जाना इसका प्रमाण है। दिसंबर के शुरुआती 15 दिनों में भी रात के मुकाबले दिन का तापमान सामान्य से कम रहेगा। कारण यह कि हवा की दिशा अभी पूर्वी ही रहने वाली है। रात का तापमान 10 से 13 डिग्री के बीच ही रहने वाला है।
1.1 डिग्री भी रहा रात का पारा
31 दिसंबर 2015 : अधिकतम तापमान 33 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था, जो अब तक का उच्चतम है।
27 दिसंबर 1936 : 1.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।
दिसंबर 1967 : सबसे ज्यादा 108.5 मिलीमीटर यानी करीब सवा 4 इंच पानी गिरा था इस महीने में।
17 दिसंबर 2009 : 24 घंटे में 53 मिमी बारिश हुई जो अब तक की सर्वाधिक मानी जाती है।
भोपाल
MP में बारिश के आसार- छिंदवाड़ा-सिवनी, बैतूल में गिरेगा पानी; ग्वालियर-चंबल और उज्जैन में चलेगी बर्फीली हवा
- 02 Dec 2024