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संवाद और परिचर्चा

श्री अमित कुमार भाबोर, थाना प्रभारी बडगोंडा, ( इंदौर )

  • 25 Jul 2022

DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )


सामाजिक परिवेश को सुधारने में पुलिस की क्या भूमिका होती है ?
पुलिस समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है और  वर्तमान परिवेश में सामुदायिक पुलिस को लेकर भी हमारे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए जाते हैं।  कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं,पुलिस मुख्यालय पर भी कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं।  जिनकी वजह से सामाजिक सुधार होता है । महिलाओं के सुधार हेतु ,बच्चों के सुरक्षा हेतु एवं यातायात के प्रबंधन हेतु भी पुलिस की एक महत्वपूर्ण भूमिका है । क्राइम होने के बाद उसे डिटेक्ट करना और क्राइम होने के पहले ही लोगों को जागरूक करना, क्राइम के पैटर्न को समझें और जागरूक रहें।  आम जनता समाज का एक अभिन्न अंग बने यह पुलिस का मुख्य कार्य होता है। 

 क्या कमिश्नर  प्रणाली इंदौर में लागू होने से ग्रामीण क्षेत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा ?
जी बिल्कुल, कमिश्नर प्रणाली शहर में लागू होने का प्रभाव, ग्रामीण क्षेत्रों पर भी पड़ेगा।  शहर में सिटी में जितने भी अपराधी हैं, कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद उन लोगों ने अपना ठिकाना बदल कर ग्रामीण क्षेत्रों की ओर किया है।  इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी हमें अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। 

ग्रामीण थाना क्षेत्र और शहरी थाना क्षेत्र की कार्य प्रणाली में क्या अंतर होता है ?
चूंकि ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश में ,अधिकतर लोग अशिक्षित निवास करते हैं, उनको क्राइम के बारे में अधिक से अधिक  अवेयरनेस की आवश्यकता है।  शहरों में काफी लोग अवैर हैं बनिस्बत गांव की अपेक्षा । जो कि अपराध के बारे में समझ का बेसिक अंतर है। 

शहरी थाना क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण थाना क्षेत्र में किस तरह के अपराध होते हैं ?
शहरी क्षेत्रों में और ग्रामीण क्षेत्रों में  अलग तरह के अपराध होते हैं, सामान्य प्रकृति के अपराध हमारे यहां पर होते हैं।  अशिक्षा और कानून के बारे में कम समझ होने के कारण घरेलू झगड़े , जमीन जायदाद आदि अधिक होते हैं । बड़े अपराध फ्रॉड जैसे अपराध ग्रामीण क्षेत्र में नहीं होते हैं । 

अपराधी होने के पीछे आपकी नजरों में क्या कारण होते हैं ?
ग्रामीण क्षेत्र के अपराध होने के पीछे मुख्य रूप से परिस्थितियां निर्भर करती हैं, परिस्थितियों के कारण कई बार अपराध घटित हो जाते हैं, पुराने झगड़े हैं । यहां पर कोई प्रोफेशनल नहीं होते हैं, जमीनी विवाद और पारिवारिक झगड़े ही यहां पर अधिक पाए जाते हैं यही सामान्य अपराध होते हैं। 

शहर की आधुनिकता का ग्रामीण क्षेत्र की आम जनता पर कितना प्रभाव पड़ा है ?
यह सही है शहरी आधुनिकता का प्रभाव ग्रामीण परिवेश में भी देखने को मिला है।  क्योंकि आवागमन के साधन होने से गांव के लोग भी शहरों में जा रहे हैं । और वहां के परिवेश को देखकर ग्रामीण परिवेश में भी उसका प्रभाव पड़ रहा है।  फिर भी गांव के आपसी संबंध सबके साथ रहते हैं।   आधुनिकता का प्रभाव  ग्रामीण क्षेत्र पर भी पड़ा है। 

आपके थाना क्षेत्र में क्या महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है ?
महिला महिलाओं से संबंधित अपराध का ग्राफ, छेड़खानी है घरेलू हिंसा है इस तरह के महिलाओं संबंधित अपराध सामान्य रूप से होते हैं।  हम जागरूकता के माध्यम से प्रयास करते हैं, महिलाएं और लड़कियां इन सब चीजों के लिए विरोध करने के लिए आगेआ गई है । 

चोरी , चैन स्नैचिंग , लूटपाट जैसी घटनाओं का ग्राफ आपके थाना पर क्या बड़ा है ?
मेरे थाना क्षेत्र की बात करूं तो मैं यही कहूंगा कि, इस तरह के जो अपराध हैं,उनका ग्राफ मेरे यहां बढ़ा नहीं है।  सामान्य जो घटनाएं होती हैं वही  है ऐसी कोई घटना मेरे संज्ञान में नहीं आई है। 

भ्रष्टाचार पर आपकी टिप्पणी क्या होगी ?
भ्रष्टाचार निश्चित रूप से समाज में एक गलत व्यवस्था है ।जो भी परिस्थिति को लेकर चल रही है।  भ्रष्टाचार पर पुलिस के कर्मचारियों को भी समय-समय पर अवेयरनेस के प्रयास किए जाते हैं।

नशा मुक्ति के लिए पुलिस के द्वारा क्या प्रयास किए जाते हैं ?
यह भी एक सामाजिक बुराई है और नशा मुक्ति के लिए पुलिस काफी प्रयास कर रही है।  क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची शराब और अन्य तरह के साधनों का पहले से प्रचलन है।  आबकारी विभाग के सहयोग के माध्यम से और हमारे पुलिस स्टाफ के माध्यम से समय-समय पर अवेयरनेस प्रोग्राम व उचित कार्यवाही कर उस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाता है। 

परेशान व्यक्ति की पहुंच अब तक कैसी है ?
क्योंकि यह बात आप भी समझ रहे हैं कि, आजकल मीडिया का दौर है, मोबाइल का दौर है, ग्राम रक्षा समिति के माध्यम से भी हमारा सीधा संपर्क रहता है और सीधा संवाद रहता है।  अब वह पुरानी स्थिति नहीं है अब आसानी से आम आदमी हमसे संपर्क कर सकता है । सभी जगह हमारे नंबर उपलब्ध हैं,गांव गांव जाते हैं वहां मीटिंग्स होती है।  भ्रमण के दौरान भी बीट  प्रभारी हैं, वह भी लगातार संपर्क में रहते हैं ।  पुलिस तक पहुंच आम जनता की कोई समस्या नहीं है । कभी भी जनता कहीं भी संवाद कर सकती है आसानी से। 

अगर आप पुलिस में नहीं होते तो कहां होते ?
यह एक अच्छा सवाल है, हम अगर पुलिस में नहीं होते तो, हमने एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई पूरी की है।  हम निश्चित रूप से समाज सेवा के कार्य में कहीं सेवा दे रहे होते,समाज सेवा कर रहे होते ।

जनता को क्या सावधानी रखना चाहिए आपकी नजरों में ?
वर्तमान दौर में हमारा यही कहना है, यही संदेश है कि, जो साइबरक्राइम है, अभी इस का बोलबाला है और पढ़े लिखे और अशिक्षित सभी प्रकार के लोग इससे कहीं ना कहीं प्रभावित हैं ।  काफी मेहनत की गाढ़ी कमाई, साइबर ठग द्वारा ठग ली जाती है । तो यही संदेश है कि वर्तमान में सभी को जागरूक किया जाए । खुद व अपने मित्र पड़ोसी जो भी हैं उन सब के लिए संदेश है कि, पुलिस के द्वारा अभियान चलाए जाते हैं उसका प्रचार प्रसार किया जाए।   इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके यह प्रयास करना चाहिए।