.....भ्रष्टाचार के बारे में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से मुझे कहीं भ्रष्टाचार दिखाई नहीं देता। और इसके बारे में कहीं सुनाई नहीं देता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कमिश्नरी प्रणाली लागू होने से भ्रष्टाचार पर भी फर्क पड़ा है। उस पर रोक लगी है, तो भ्रष्टाचार पर तो निश्चित रूप से ब्रेक लगा है।
..इस प्रणाली के माध्यम से एक अच्छा मैसेज आएगा। सभी दूर पुलिस प्रशासन की साख में वृद्धि होगी तथा अच्छा संदेश ही जाएगा और सुधार होने की पूरी संभावना है।
DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है इसको आप किस तरह से देखते हैं?
इंदौर की जो कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है यह निश्चित रूप से एक अच्छा सराहनीय कदम है और मध्यप्रदेश शासन की मंशा के अनुसार कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है, इसमें मैं देख रहा हूं और काम भी कर रहा हूं, गुंडे और बदमाशों में इसके कारण काफी दहशत है और और हमारे शहर के क्राइम में भी काफी गिरावट आई है। तो हम कह सकते हैं कि कमिश्नरी प्रणाली को सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए।
क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली कैसे होती है ?
क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर मेरा ऐसा माननाहै कि, हमारे डीसीपी साहब जो हैं,वह इसको पूरी मॉनिटरिंग करते हैं, और उनके आदेश पर ही हम सारे कार्य करते हैं। वह साइबर फ्रॉड, इसके साथ ही बड़े-बड़े 420 के जो प्रकरण होते हैं, और इसके अलावा हम सबसे बड़ी कार्यवाही ड्रग्स एमडी और हीरोइन पर कार्य करते हैं। क्राइम ब्रांच विधान अनुसार कार्य करती है।
इंदौर में ड्रग्स का व्यापार काफी बढ़ रहा है इसमें युवा और महिलाएं भी लिप्त हो रही है इस पर आप क्या कहेंगे ?
आपका सवाल ठीक है, लेकिन हमने अभी एक बड़ी कार्यवाही की है और कोशिश में सफलता भी हमने प्राप्त की है। बीच में 70 किलो हमने एमडी ड्रग्स पकड़ा था,यह एक बड़ी कार्यवाही थी। और अभी भी लगातार हमारे द्वारा इस तरह कार्यवाही जारी है की क्राइम को रोका जा सके। और इतना ही नहीं इस तरह के कई प्रकरण हमने छह सात बार पकड़ चुके हैं।
क्राइम ब्रांच और न्यायालय के बीच कैसे तालमेल बैठता है ?
क्राइम ब्रांच के द्वारा एक अलग पद्धति के साथ काम किया जाता है। क्राइम ब्रांच का सेशन एक अलग है और जैसे अन्य थानों का न्यायालय में संबंध होता है उसी तरह से क्राइम ब्रांच का भी अपना सेशन है,वही पर अन्य थानो तरह से कार्य संपन्न किया जाता है।
क्राइम ब्रांच में राजनीतिक हस्तक्षेप को भी कहीं देखा जाता है क्या ?
क्राइम ब्रांच का अपना एक काम करने का अलग तरीका है। और मेरा जहां तक मानना है कि क्राइम ब्रांच के कार्य प्रणाली में और उसके कार्य पद्धति में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं आता है। और मेरे द्वारा ऐसा कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं देखा गया। तो हम कह सकते हैं कि क्राइम ब्रांच के कार्य पद्धति में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता है।
आपके रहते क्राइम ब्रांच के थाने द्वारा कोई बड़ी सफलता के बारे में आप बताएं?
जैसा कि मैंने आपको अभी थोड़ी देर पहले ही बताया है हमारे द्वारा पिछले दिनों 70 किलो एमडी पकड़ा गया था यह क्राइम ब्रांच के लिए बड़ी सफलता थी, इसमें मुंबई के नामचीन लोग शामिल थे और उसमें जो नकली जमानतदार थे, उनको भी क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़ा गया है, इससे क्राइम ब्रांच द्वारा काफी बड़ी बड़ी कार्यवाही की गई है। साथी एक कार्यवाही हुई जिसमें शहर के 2 बड़े बदमाश है इनमें से एक अपराधी पर 40 प्रकरण दर्ज से और एक अपराधी पर 20 प्रकरण दर्ज थे। तीन बार एनएसए हो चुका था अभी शॉर्ट एनकाउंटर में उन्हें भी पकड़ा गया है। तो क्राइम ब्रांच के द्वारा लगातार कार्य किए जाते हैं और सफलता भी मिलती है।
एनएसए की कार्यवाही क्या होती है ?
एनएसए की कार्यवाही होती है एनएसए की एक नेशनल ला होता है उसके तहत कार्यवाही होती है, और उस नियम के तहत अपराधी को 1 साल के लिए बॉन्ड करते हैं , और जो लॉ कहता है उसे अनुसार कार्यवाही की जाती है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अपराधी का कोई जाति धर्म नहीं होता है उनके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए?
बिल्कुल ठीक बात है ना अपराधी से घृणा नहीं कहते हैं और अपराधी को तो सुधारने का पूरा प्रयास करते हैं हमारा मानना भी है कि हम अपराध से घृणा करें अपराधी से नहीं। अपराधी को सख्ती से पेश आने के कारण ही वह सुधर सकता है और वह अपराध से घृणा करने लगेगा।
पिछले दिनों की तुलना में अपराध का ग्राफ कम हुआ है या ज्यादा हुआ है ?
देखिए मेरा ऐसा मानना है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस नए वर्ष में अगर हम तुलनात्मक अध्ययन करें तो, कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से अपराध का ग्राफ तो काफी कम हुआ है, और आंकड़ों की जहां तक बात करें तो मेरा ऐसा मानना है कि बड़ी-बड़ी घटनाएं नहीं हुई है। और अभी जो खरगोन में घटना हुई है उसको लेकर हमारे हमारे एसीपी साहब ने नीचे से लेकर ऊपर तक के स्तर पर बहुत बारीक मॉनिटरिंग की है और हमारे शहर में कोई भी ऐसी अप्रिय घटना नहीं होने दी यही बड़ी सफलता है
अपराधियों पर कितना शिकंजा कसा गया है ?
देखिए कमिश्नर प्रणाली को लागू हुआ अभी कुछ समय हुआ है और अभी तो शुरुआत है, निश्चित रूप से इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा मजबूत शिकंजा कसा जाएगा।
आम जनता के लिए आपका कोई संदेश जो क्राइम से सावधान करता हो ?
हमारा आम जनता को यही संदेश है कि क्राइम से बचें और स्वस्थ रहें मस्त रहें और कोई भी अगर आम आदमी को परेशानी होती है प्रॉब्लम होती है तो सब अधिकारियों के और मेरे मोबाइल नंबर डिस्प्ले किए हुए हैं। कभी भी कॉल कर सकते हैं,हमारे डीसीपी साहब 24 घंटे उपलब्ध हैं आम व्यक्ति उन्हें कभी भी कॉल कर सकता है। और महिलाओं के लिए जहां तक मेरा संदेश है वे भी सतर्क रहें हालांकि यह भी एक अच्छा विषय है कि,मुझे अभी यहां पर 4 महीने हुए हैं और इस बीच में इंदौर में ऐसा कोई महिलाओं से संबंधित बड़ा अपराध दर्ज नहीं हुआ है।
घरेलू हिंसा में आप किसे दोषी मानते हैं एक क्राइम ब्रांच के अधिकारी होने के नाते ?
यह एक ऐसा विषय है इसमें कुछ भी स्पष्ट कहना ठीक नहीं है,दोनों पक्ष उपस्थित हो सामने तो कुछ कहा जा सकता है। दोनों पक्षों को सुना जाए फिर गलती किसकी है यह तय किया जाए और इन सब मामलों के लिए महिला थाना अलग से भी काम कर रहा है। और इन सब से क्राइम ब्रांच काफी दूर रहता है।