हमारा सबसे बड़ा दायित्व तो यही है कि शासकीय राजस्व को सुरक्षित रखना। उसके अलावा अगर इसके रास्ते में कोई बाधा आती है, कोई इसको क्षति पहुंचाने का प्रयास करता है,इस तरह का कोई अपराध करता है, इस तरह की गतिविधि करता है, या जनता से हमको कोई सूचना मिलती है इस अपराध से संबंध में, तो उस पर हम फोरी कार्यवाही करते हैं। ताकि शासन का जो राजस्व उसमें कोई क्षति ना होने पाए क्योंकि हमारा मूल दायित्व शासन के राजस्व को सुरक्षित रखना ही है।
DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
आबकारी में अपराध की परिभाषा क्या है ?
आबकारी में अपराध की परिभाषा यह होती है कि, आबकारी विभाग राजस्व संग्रहित करने वाला एक विभाग है, हमारा जो मुख्य काम है वह यह है कि, सरकार के राजस्व को सुरक्षित रखना, जो सरकारी राजस्व होता है उसकी सुरक्षा करना और उसको संरक्षित करना। यह मुख्य रूप से हमारे विभाग का काम होता है। अब हमारे विभाग का मुख्य काम यह है कि जब कोई अपराध करता है या सरकारी राजस्व को कोई नुकसान पहुंचाता है, क्षति पहुंचाता है, वह कोई भी हो सकता है। कोई स्मगलर हो। जैसे अवैध मदिरा का कोई संग्रहण करता है, उत्पादन करता है तो यह जो प्रक्रिया होती है,वह यह होती है कि वह हमारे राजस्व की प्रक्रिया में आड़े आ रहा है और राजस्व में हमको जो सहयोग कर रहा है, जिसको हमने लाइसेंस दिया हुआ है, तो उसके लिए एक तरह से यह सेंध लगा रहे हैं। यह आबकारी अपराध की श्रेणी में आता है। उस समय फिर हम एक थाने के अधिकारी के रूप में हम काम करते हैं और हम अपराधों पर लगाम लगाते हैं। ताकि अपराधों की पुनरावृत्ति ना हो और शासकीय राजस्व का नुकसान ना हो वह सुरक्षित रहे। यह आबकारी विभाग के कार्य प्रणाली होती है।
आबकारी अपराध रोकने के लिए आपके क्या प्रयास होते हैं ?
इंदौर का जो पूरा आबकारी महकमा है वह 15 वृत में बटा हुआ है 11 वृत शहरी क्षेत्र में और 4 ग्रामीण क्षेत्र में तो यह 15 सर्किल मिलकर काम करना होता है। सबको अलग-अलग अपने इन क्षेत्रों में काम करने वाले अधिकारियों के इनके अधिकार हैं इनके अपने दायित्व हैं और उनसे संबंधित क्षेत्र में जितनी मदिरा की दुकानें हैं उनका राजस्व सुरक्षित रह पाए यह यह इनके प्रयास होते हैं यही इनके दायित्व भी हैं । और आबकारी संबंधित कोई अपराध अगर घटित हो रहा है तो उस पर सख्त कार्यवाही करें।
इस पर बड़ी कार्यवाही कैसे होती है ?
इसमें भी जैसे कोई बड़ा अपराध करता है निर्धारित मात्रा से अधिक शराब लेकर जा रहा है परिवहन कर रहा है या रखा हुआ है। तो हम उस पर नॉन बेलेबल ऑफेंस की धारा के तहत उस पर कार्रवाई करते हैं। इसके अलावा हम यह भी देखते हैं कि कहीं कोई जहरीली शराब का व्यापार तो नहीं कर रहा है। जिससे की कोई वारदात ना होने पाए समय-समय पर हमारे द्वारा कार्यवाही भी की जाती है। अवैध महुआ का संग्रहण तो कोई नहीं कर रहा है, जहां से शराब बनती है। इस संबंध में लगातार दबिश देते हैं लगातार उस पर कार्यवाही कर रहे हैं। यही सतत हमारी तरफ से कार्रवाई की जाती रहती है। शायद आपको ध्यान हो के आसपास के जिलों में शराब कांड हुआ था, इसमें इंदौर जिले में काम करते हुए हम लोगों ने मानपुर से 70 लीटर से ज्यादा ओपी एक ढाबे से पकड़ा था। वह जहरीली शराब एक तरह से होती है उपयोगकर्ता के खिलाफ हमने धारा 49 के तहत उसका प्रकरण कायम किया। माननीय कलेक्टर महोदय ने उसकी जो ढाबे और उससे संबंधित जो भी कुछ था स्थानीय थाने के माध्यम से सर्वे करवाया,उसका जो ढाबा था अवैध गतिविधियों का अड्डा था,उसको नेस्तनाबूद करवाया गया। इसी तरह से इंदौर में भी जो कुछ इस तरह के ढाबे थे पंजाबी ढाबा था, देवास नाके के पास दो-तीन ढाबे थे, जो अवैध शराब बिठाकर पिलाते थे, उस पर भी माननीय कलेक्टर महोदय और नगर निगम द्वारा और आब कारी विभाग की टीम द्वारा प्रयास कर उन अवैध ढाबा को नेस्तनाबूद किया।
आबकारी से संबंधित कोई बड़ा प्रकरण जो आपने सॉल्व किया हो?
हां एक प्रकरण मुझे ध्यान आता है कि, एक घटना बड़ी मंदसौर में हुई थी।एक मानपुर में ढाबे पर कार्यवाही की। उसको सील किया। वहां से जब्ती हुई उसका प्रकरण कायम करके उसको जेल भिजवाया। इसके अलावा हमने करीब 60 से 70 फोर व्हीलर वाहन पकड़े 100 से ज्यादा हमने टू व्हीलर वाहन पकड़े। जो सब के सब सब जप्त हैं।उन सब के खिलाफ गैर जमानती धाराओं मैं प्रकरण कायम किया गया है। वह सारे अपराधी जेल में बंद है। यह सब बड़ी कार्यवाही लगातार हमारे द्वारा की जाती रही है।
अक्सर सुना जाता है कि बड़े जो अपराधी हैं वह बड़ी सावधानी से छूट जाते हैं, ऐसा क्यों?
नहीं बड़े आबकारी के जो अपराधी हैं वह बच कर नहीं निकल पाए। ऐसा तो कुछ नहीं है, न्यायालय में हमारे द्वारा जो कार्यवाही होती है वह बहुत पुख्ता कार्रवाई होती है। कई चरणों में वे न्यायालय में मुकदमा लड़ते हैं उस प्रक्रिया में अगर वह बच जाते हैं छूट जाते हैं तो ऐसा मुश्किल होता है। हमारे द्वारा जो जानकारी मिलती है वह अवैध शराब का इस तरह का कोई काम कर रहे हैं,तो उनके खिलाफ पुख्ता कार्यवाही करने का हमारा पूरा प्रयास सफल होता है।और जो आबकारी धाराओं में हमको प्रदत अधिकार प्राप्त हैं वे सब सख्त कार्रवाई करते हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप की क्या भूमिका होती है?
न्यायिक प्रक्रिया में हमारे द्वारा जो प्रकरण कायम किया जाता है चाहे वह 34 a के तहत अपराध हो जो वे लेवल होता है, चाहे 34 /2 के तहत होता है जो नॉन बिलेबल होता है,धारा 49 के तहत जो जहरीली शराब के तहत वह भी नॉन बेलेबल धारा होती है, उन सब को न्यायालय में हम पुट अप करते हैं। माननीय न्यायालय द्वारा उस पर निर्णय लिया जाता है हमारे द्वारा न्याय की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पुख्ता की जाती है।
समाज सुधार के लिए आबकारी विभाग क्या कार्य करता है?
क्या हमारा विभाग जो है वह शासकीय रेवेन्यू को संरक्षित करने वाला विभाग है फिर भी समाज सुधार के लिए हमारी और से प्रयास किए जाते रहते हैं। समाज अच्छा रहें सुरक्षित रहें सुरक्षित रहें यह हमारी भी कामना रहती है।
आबकारी विभाग की ओर से कोई अपील?
हां अवश्य आबकारी विभाग द्वारा यही अपील की जाती रहती है कि, आप अवैध अड्डों पर ना जाएं, अवैध माध्यम जो होते हैं, उनसे शराब ना लें। सस्ती मदिरा के चक्कर में कोई दुर्घटना के शिकार ना हो।
युवा वर्ग नशे की और बहुत आकर्षित हो रहा है इसको आप क्या मानते हैं ?
देखे यह प्रश्न हमारे विभाग से संबंधित नहीं है। युवाओं के लिए जो अलग-अलग संस्थाएं हैं, सोशल नेटवर्क है, फोरम है या जो इकाईयाँ हैं,जो इस दिशा में काम कर रही हैं। यह सब उनके लिए सोचने का विषय है कि युवाओं को कैसे जागृति पैदा करें कि वह नशे की ओर आकर्षित ना हो। और पुलिस हो या हमको तो जो सूचना मिलती है कि किसी को बरगलाया जा रहा है,तो हम उस पर उचित तत्काल फॉरी कार्यवाही कर सकते हैं। और हमारे द्वारा जो प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा सकती है वह करेंगे ।
आबकारी विभाग पुलिस और आम पुलिस की कार्यशैली में क्या अंतर है?
पुलिस का तो बहुत विस्तृत कार्य क्षेत्र है और हमारा तो एक छोटा सा डिपार्टमेंट है। हमारा तो काम राजस्व को सुरक्षित करना है। हम राजस्व अधिकारी हैं,शासकीय राजस्व सुरक्षित है,उसके लिए हम काम करते हैं। इसमें अगर कोई व्यवधान डालता है, कोई अवैध संग्रहण करता है, उसको मीट आउट करने के लिए हमको धाराएं दी गई है। हम उस में काम करते हैं,तो मेन काम जो हमारा है वह राजस्व को बचाना है और पुलिस का तो विस्तृत कार्य क्षेत्र है यही हमारे कार्य शैली में अंतर है।