DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
हमारे अखबार का मूल मंत्र है "सतर्क रहें सजग रहें अभियान" इस पर आपके विचार प्रस्तुत करे...
आपका यह जो मूल मंत्र है "सतर्क रहें सजग रहें अभियान" यह पसंद आया यह बात सही है कि अगर आप सावधान सुरक्षित रहना चाहते हैं तो हम सभी को जागरूक रहना होगा और इसको हम सूत्र में पिरो कर देखे तो हम कह सकते हैं कि हमें" सतर्क रहना है और सजग रहना" है तभी जीवन सार्थक होगा। तो "सतर्क रहें सजग रहें अभियान" सफल हो यही कामना करता हूं।
पारिवारिक विवादों को आप कैसे हैंडल करते हैं ?
परिवार में बहुत सारी समस्याएं रहती हैं, एक नहीं होती है, हम भी कहीं ना कहीं उस समस्या को देख रहे होते हैं और इतने समय से जो अनुभव होता है उसके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि, कई छोटी-छोटी बातों पर परिवार में विवाद ज्यादा होते हैं। किसी के इगो रहते हैं, और भी कई कारण होते हैं जिनके कारण लड़ाई झगड़े होते हैं । हमारा उद्देश्य परिवार न टूटे परिवार ना बिगड़े और सब संगठित हो जाएं ,तो यही कोशिश रहती है , हमारी प्राथमिकता यही होती है कि समझाइश दी जाए। काउंसलिंग की जाए और छोटे-मोटे मनमुटाव है कोई बात है तो यहीं खत्म करके अपना जीवन बिताएं । उसके लिए हर संभव प्रयास करते हैं ।
ग्रामीण क्षेत्र के अपराध किस तरह के होते हैं ?
देखिए ग्रामीण क्षेत्र के जो अपराध होते हैं ऐसा कोई विशेष नहीं है , अपराध जो है उसमें सामान्य रूप से एक्सीडेंट के ज्यादा अपराध होते हैं, हमारे यहां चारों तरफ हाईवे होने से एक्सीडेंट के मामले ज्यादा होते हैं। बाकी मारपीट वगैरा की जो सामान्य घटना है और ग्रामीण क्षेत्र में जो झगड़े होते हैं, इस तरह के अपराध होते हैं और ज्यादातर क्राइम नहीं होते हैं।
अपराधी होने के पीछे आप क्या कारण मानते हैं ?
अपराधी होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं ,मेरी ऐसी मान्यता है कि कोई एक ऐसा कारण नहीं होता है जिसके कारण व्यक्ति अपराधी होता है। जिसको हम बता सके किसी की महत्वाकांक्षा होती है ,तो अपराधी बन जाता है, किसी को दूसरे से आगे बढ़ना है तो वह अपराधी बन जाता है ,किसी की पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी होती है जिसके कारण वह अपराध में चला जाता है। कई बार होता ये है कि आस पास का वातावरण जो होता है उसके कारण भी व्यक्ति अपराध में शामिल हो जाते हैं।
आपके थाना क्षेत्र में महिला संबंधी अपराध का ग्राफ की क्या स्थिति है ?
हमारे थाना क्षेत्र में महिला अपराध की बात करें तो हम कह सकते हैं कि यह ग्रामीण क्षेत्र है और यहां पर महिला अपराध सामान्य ही है ,कोई विशेष नहीं है। जिस तरह से देखा जाता है कि महिलाओं में अपराध लत कम होती है तो यह कह सकते हैं कि महिलाओं के अपराध नहीं है या नहीं के बराबर है ।
आपके थाना क्षेत्र में चोरी, चैन स्नेचिंग, लूटपाट, डकैती जैसी घटनाओं का ग्राफ पिछले वर्ष से अधिक है या कम?
नहीं इस तरह की घटनाओं का ग्राफ पिछले साल कि तुलना करें तो यह कह सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र होने से यहां पर बहुत कम अपराध है। डकेती की कोई घटना नहीं घटी है। लूट पाट की जो घटना हुई है वह भी हमने ट्रेस कर ली है। बाकी इस प्रकार के जो अपराध होते हैं वह भी समान्य है। अपराध बड़े नहीं है।
आम आदमी की आप तक पहुंच कैसे है?
आज समय बदल गया है, नया समय है, नया दौर है, नई टेक्नोलॉजी का समय है और यह भी सही है कि, आज तो प्रधान मंत्री से लेकर मुख्य मंत्री तक पहुंच आम आदमी की बड़ी आसान है। सभी जगह हेल्प लाइन नंबर पर कॉल किया जा सकता है। हमारा थाना भी रात दिन खुला रहता है, कभी भी कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या हल कराने आ सकता है। हमारा प्रयास होता है कि पुलिस परेशान व्यक्ति की हर संभव मदद कर सकें। आसानी से पहुंचा जा सकता है पुलिस तक।
पुलिस विभाग को चुनने के पीछे आपकी क्या सोच रही थी?
कोई ख़ास वजह तो नहीं थी, परन्तु कहीं ऐसा मानना था कि कुछ करना चाहिए बस अच्छा करना चाहिए यही कारण था कि मैं पुलिस विभाग को चुनने में सफल रहा।ओर पुलिस विभाग में कार्य करने में अच्छा लगा । हां यह जरूर है कि पुलिस विभाग में ना होता तो मैं एक स्पोर्ट्स अधिकारी के रुप में कहीं सेवा दे रहा होता।
सायबर फ्राड होने पर आपकी तत्परता कैसी होती है ?
हां, यह सही है कि आजकल सायबर फ्राड अधिक होते हैं, सभी जगह पर देखा जा सकता है कि सायबर अपराध करने वाले लोग चालाक होते हैं। वे बड़ी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाकर धोखा देने में सफल हो जाते हैं। उसमे थाने लेबल पर कुछ नहीं होता है। जो लोग फ्राड करते हैं वे चालाकी से सभी डाक्यूमेंट फर्जी तरीके से रखते हैं। फिर भी अगर पीड़ित व्यक्ति पुलिस अधिकारी के पास आता है तो हम उसकी पूरी तरह से मदद करते हैं। तत्काल प्रभावी कार्यवाही शुरू कर सहायता करने की कोशिश करते हैं।
ड्रग्स व्यापार आपके थाना क्षेत्र में भी पैर पसारता नजर आता है नहीं?
ये देखने में आया है कि यहां पर कुछ लोग चोरी छिपे पुड़िया वगैरा बेचते हैं, लेकिन पुलिस अधिकारी को यह बात जानकारी मिलती है तो उस पर उचित कार्यवाही की जाती है और हमारा प्रयास होता है कि इस प्रकार के लोग जो है उन पर कार्रवाई करना है।
सर्व धर्म समभाव सुरक्षा को लेकर आप केसे देखते हैं?
पुलिस तो हमेशा सकारात्मक सोच के साथ सभी धर्मों को लेकर समान नज़रिया रखती है, सम्मान रखना हमारा दायित्व है। भारत में सभी धर्मों को हम एकरूपता से देखते हैं इसलिए सब धर्मों को लेकर हम चाहते हैं कि सभी धर्म अपने तोयोहर अच्छे से मनाने। सोहद्रता से एक दूसरे को लेकर गंभीर रहे तोआपसी कटुता नहीं बड़े। पुलिस तो हमेशा से यही प्रयास कर रही है कि सभी धर्म समभाव से हो।