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संवाद और परिचर्चा

श्री राकेश मोदी जी थानाप्रभारी - पंढरीनाथ

  • 29 Mar 2022
  • समाज में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है, अवेयरनेस आ रही है, पुलिस के प्रति  सहानुभूति है...
  • सामान्य रूप से सामंजस्य के माध्यम से घरेलू हिंसा को टाला जा सकता है...
  • साइबर अपराध के मामले में हमारे यहां दक्ष स्टाफ की थोड़ी कमी है पर्याप्त नहीं है...
  • माता-पिता के द्वारा उनध्यान नहीं दिया जाना, इस कारण से बच्चे जो होते हैं वह अपराध की ओर आकर्षित हो जाते हैं..

DGR @ एल.एन.उग्र (PRO ) 

 

इंदौर में कमिश्नरी प्रणाली  से क्या आम जनता को  लाभ होगा ?
इंदौर में जो कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है, उस के माध्यम से अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा और जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं, उनके खिलाफ पुलिस को डायरेक्ट पावर मिल जाने से कार्रवाई की जाएगी, अपराधियों पर कार्रवाई करने में बड़ी आसानी होगी इसीलिए कमिश्नर प्रणाली को लागू किया गया है । आम जनता को इससे निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

क्या ऐसा माना जा सकता है कि राजनीतिक कारणों से कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है ?
इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है, यह कहना गलत है । मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि राजनीतिक कारण से कमिश्नर प्रणाली को लागू किया गया है ।

अपराध का ग्राफ आपके क्षेत्र में बड़ा है या कम हुआ है ?
हम पिछले वर्षो की तुलना में अगर अध्ययन करें ,तो मेरा ऐसा मानना है कि मेरे थाना क्षेत्र में अपराध के ग्राफ में कमी आई है।


इंदौर में ड्रग्स का व्यापार और युवा वर्ग की संलग्नता काफी तेजी से बढ़ी है ,पुलिस का इस विषय में किस प्रकार से एक्टिव है?
इस मामले में इंदौर में काफी कार्रवाई की गई है, ड्रग्स कई मात्राएं पकड़ाई गई है इसमें, और जैसे-जैसे सूचना मिलती है पुलिस को वैसे ही पुलिस के द्वारा इस पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
समय-समय पर हमारे द्वारा अवेरनेस जो कैंप लगाए जाते हैं युवाओं को चेतना देते हैं ,मीडिया के माध्यम से भी हम समय-समय पर जानकारी देते हैं और कहते हैं  इसके गिरफ्त में ना आए इससे आप दूरी रखें , यह आपके लिए ठीक नहीं है , इस तरह से पुलिस के द्वारा कार्यवाही की जाती है। 

शासन और प्रशासन के मध्य पुलिस अधिकारी होने के नाते आप कैसे समन्वय बैठा पाते हैं ?
अब तो यहां पर इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हो गई है तो इस तरह के जो भी निर्णय लेते हैं वह हमारे वरिष्ठ अधिकारी है और वही इस मामले में निर्णय लेते हैं प्रशासन शासन  अपना काम है करते हैं तो निश्चित रूप से इसमें समन्वय बना रहता है ।

क्या पुलिस प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप को भी आप महसूस करते हैं ?
मुझे ऐसा लगता नहीं है कि पुलिस प्रशासन के कार्य प्रणाली में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप होता है, मुझे ऐसा कोई अनुभव नहीं है ।

शहर के वरिष्ठ जनों की सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से पुलिस का कैसा सहयोग होता है ?
इसमें यह होता है कि हमारी कई सेवा हैं ,उनका लाभ वरिष्ठ जनों को और आम नागरिकों को भी मिलता है, जैसे हंड्रेड डायल है ,थाने के नंबर सभी जगह उपलब्ध हैं ,बीट वालो का नंबर है, हमारे नंबर सबके पास है, बोर्ड पर सभी के हमारे नंबर अंकित होते हैं । और हमारे द्वारा जाकर लोगों से संपर्क भी किया जाता है उनको भी हम नंबर दे कर आते हैं ,अगर उनको कोई समस्या होती तो ,वह हम लोगों को संपर्क करते हैं और हमारे पास इस तरह की कोई भी समस्या आती है तो हम उसे हल करने का प्रयास करते हैं ।

घरेलू हिंसा में आप किसे दोषी मानते हैं?
मेरा ऐसा मानना है कि घरेलू हिंसा में दोनों ही पक्ष जिम्मेदार होते हैं । दोनों पक्षों में कुछ ना कुछ गलतियां तो रहती है, फिर भी सामान्य रूप से सामंजस्य के माध्यम से घरेलू हिंसा को टाला जा सकता है। 

सामान्य रूप से पुरूष को दोषी माना जाता है ?
हां कानून कुछ इस तरह से बना हुआ है जिसमें कार्यवाही सिर्फ  पुरुष वर्ग के खिलाफ ही की जाती है ,होती है । क्योंकि सामान्य रूप से महिलाओं के द्वारा ही पीड़ित होने पर पुलिस में शिकायत घरेलू हिंसा की, की जाती है ।

सामाजिक बदलाव में पुलिस की भूमिका कैसी होती है ?
देखिए मेरा ऐसा मानना है कि समाज में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है, अवेयरनेस आ रही है, पुलिस के प्रति  सहानुभूति है ,जो कार्य शैली है वह लोगों को मालूम पड़ रही है, आम जनता का पुलिस के प्रति पॉजिटिव एटीट्यूट रहता है ।

पुलिस हमारी मित्र हैं, ऐसी भावना किसी अधिकारी द्वारा शुरू की गई थी, इस पर आप क्या कहेंगे ? 
निश्चित रूप से हम यही कहेंगे कि, वह बहुत अच्छी पहल है और इसकी वजह से पुलिस और आम जनता के बीच अच्छे सम्बन्ध होने की संभावना बनी रहती है ।

आम आदमी को धारा 110 की कोई जानकारी नहीं है इसमें क्या होता है ?
धारा 110 यह कार्रवाई होती है कि अपराधियों पर 3 या 3 से ज्यादा 4 केस दर्ज होते हैं उन पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाती है और वह कार्यवाही 110 धारा के अंतर्गत की जाती है, इस धारा में उनको नोटिस निकलता है इसके बाद उसको बाउंड ओवर किया जाता है बाउंड ओवर के बाद यदि फिर वह उल्लंघन करता है ,तो उसके खिलाफ 122 की कार्यवाही की जाती है।

साइबर अपराध के मामले में आपके थाने में दक्ष स्टाफ की क्या पोजीशन है ?
हां यह बात सही है साइबर अपराध के मामले में हमारे यहां दक्ष स्टाफ की थोड़ी कमी है पर्याप्त नहीं है । लेकिन इस तरह की जो भी केसेस आते हैं तो हम सायबर को ही रेफर करते हैं ।

क्या हमारे शहर में बाल अपराध में बढ़ोतरी हो रही है ?  जो अवयस्क बालक है वह अपराध की ओर बढ़ रहे हैं ?
हां यह बात तो सही है कि बच्चे  अपराध में शामिल हो रहे हैं ,उनके बारे में इसमें सामाजिक कारण हम कह सकते हैं । माता-पिता के द्वारा उन पर ध्यान नहीं दिया जाना, इस कारण से बच्चे जो होते हैं वह अपराध की ओर आकर्षित हो जाते हैं और अपराध में लिप्त हो जाते हैं अगर माता-पिता का उन पर कंट्रोल हो तो मेरा ऐसा मानना है कि वे बच्चे अपराध की ओर अग्रसर नहीं होंगे ।