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संवाद और परिचर्चा

संवाद और परिचर्चा : थाना प्रभारी सराफा श्री सुनील शर्मा

  • 01 Mar 2022

जबसे पुलिस का उदय हुआ है जबसे आदतन अपराधियों के विरुद्ध  सखत्  रवैया रहा है। पुलिस के पास जो अधिकार है विभिन्न कानूनों के द्वारा अधिकार प्रदान किए गए हैं। उनका बेहतर तरीके से अभी भी प्रयोग कर रहे थे और कमिश्नर प्रणाली में और बेहतर तरीके से उन अधिकारों का  प्रयोग  किया जाएगा।
शासन नीति बनाता है शासन नीति निर्धारक तत्व है  और प्रशासन उसका पालन करता है। प्रशासन का काम उसको लागू करना है।  एक क्रम है,उसके अनुसार जिसको जो दायित्व है दायित्व का निर्धारण है उसी अनुसार वह अपने अपने दायित्वों को पूर्ण करता है।


इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है इससे पुलिस प्रशासन पर कितनी जिम्मेदारी बढ़ेगी और इससे जनता को कितना लाभ मिलेगा  ?
काफी समय से इंदौर में पुलिस प्रणाली पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की कयावद  चल रही थी। इसे लागू किया गया है तो निश्चित ही इससे पुलिस प्रणाली में और भी बेहतर तरीके से  सुधार होगा। बहुत सारे अधिकारों के साथ-साथ बहुत सारी जवाबदेही भी पुलिस की बढ़ेगी और एक जो सुपरविजन लेबल है। निर्णय लेने की क्षमता है उसमें भी काफी बढ़ोतरी होगी। आम जनता को इससे आवश्यक रूप से फायदा होगा।

DGR @ एल.एन.उग्र (PRO ) 


क्या अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा ?
निश्चित रूप से पुलिस द्वारा अपराधियों पर पूर्व से ही शिकंजा कसा गया है और अब पुलिस को नई प्रणाली और नए अधिकार जब मिलेंगे तो और बेहतर तरीके से अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।


जो आदतन अपराधी हैं उन पर आप क्या दृष्टिकोण रखते हैं  ?
जबसे पुलिस का उदय हुआ है जबसे आदतन अपराधियों के विरुद्ध  सखत्  रवैया रहा है। पुलिस के पास जो अधिकार है विभिन्न कानूनों के द्वारा अधिकार प्रदान किए गए हैं। उनका बेहतर तरीके से अभी भी प्रयोग कर रहे थे और कमिश्नर प्रणाली में और बेहतर तरीके से उन अधिकारों का  प्रयोग  किया जाएगा।


इंदौर में मौत के सौदागर ड्रग्स के रूप में जो व्यापार बढ़ा रहे हैं उन पर कंट्रोल कैसे होगा ?
ड्रग्स  के मामले में तो जीरो टॉलरेंस की नीति हमेशा पुलिस की रही है। क्योंकि बहुत सारे अपराधो की जड़ ड्रग्स  होती है। ड्रग्स  के कारण कई अपराध होते हैं पुलिस का कोई भी कर्मचारी और अधिकारी हो वह नशे के खिलाफ नशे व्यापार या इससे जुड़े लोगों  को कुचलने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।


युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में ज्यादा आ रहा है इसको कैसे सुधारा जा सकता है ?
इसके लिए कानूनी प्रावधान के साथ-साथ सामाजिक के जागरूकता,चेतना और शिक्षा में कुछ सुधार करके, पारिवारिक और सामाजिक संगठन है, उनको  बेहतर तरीके से  जागरूक करें। और कानून तो अपना काम कर ही रहा है। तो निश्चित रूप से युवाओं को बेहतर ढंग से हम सुधार करने का प्रयास कर सकते हैं।


शासन और प्रशासन के मध्य आप किस तरह से समन्वय स्थापित कर पाते हैं ?
जिसमें हम कह सकते हैं कि शासन नीति बनाता है शासन नीति निर्धारक तत्व है  और प्रशासन उसका पालन करता है। प्रशासन का काम उसको लागू करना है।  एक क्रम है,उसके अनुसार जिसको जो दायित्व है दायित्व का निर्धारण है उसी अनुसार वह अपने अपने दायित्वों को पूर्ण करता है। ठीक तरह से समन्वय स्थापित किया जाता है।


कार्य में राजनीतिक हस्तक्षेप की भूमिका को आप किस तरह से देखते हैं ?
नहीं ऐसा कोई राजनैतिक हस्तक्षेप कार्य में नहीं रहता है। कोई भी राजनीतिक दल हो कोई भी ग्रुप हो सबकी अपनी अपनी भूमिका होती है। सबकी अपनी अपनी जवाबदेही है सब की एक सीमा है उसके हद में वह काम करते हैं। तो मेरा मानना है कि इस तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप  बहुत ज्यादा हमारे काम में नहीं है।
आपका क्षेत्र व्यवसाय क्षेत्र है और यहां आपसी विवाद सुलझाने में पुलिस की क्या भूमिका होती है ?
जी यहां मेरा जो क्षेत्र है व्यवसाय क्षेत्र है,यहां कोई क्रिमिनल नहीं रहते,सभी व्यापारी लोग रहते हैं। कभी कबार किसी छोटी बात को लेकर या किसी गलतफहमी को लेकर कोई विवाद कभी हो जाते हैं। उस समय हमारा प्रयास रहता है कि दोनों पक्षों को बैठा कर,उस गलतफहमी को दूर किया जाए। और जो विवाद है उनको उनकी एसोसिएशन के माध्यम से या उनके जो बड़े बुजुर्ग लोग हैं उन के माध्यम से समझौता करने का प्रयास किया जाता है। और इसमें काफी सफलता भी मिलती है बहुत जल्दी आपस में वे लोग समझ जाते हैं और विवादों का निपटारा करते है।


लगातार घरेलू हिंसा के अपराध बढ़ रहे हैं इसमें आप किसे दोषी मानते हैं?
मैं यहां तक समझता हूं इस तरह के अपराध में अभी तो कमी आई है। घरेलू हिंसा है या महिला संबंधित जो अपराध है, कमी आई है और महिला संबंधी जो कानून है जो विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। शासन द्वारा प्रशासन द्वारा पुलिस विभाग द्वारा एनजीओ द्वारा उसका भी ए फैक्ट है कि महिला अपराधों में और घरेलू हिंसा जैसे अपराधों में कमी आ रही है।


वरिष्ठ जनों की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा कितने सकारात्मक प्रयास किए जाते हैं  ?
वरिष्ठ  जनों की सुरक्षा का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए हम लोग लगातार कार्य करते हैं, कई योजनाएं हम चलाते हैं, जिसमें वरिष्ठ पुलिस पंचायत का प्रयास जारी है। हम लोगों द्वारा वरिष्ठ जनों की एक सूची तैयार की जाती है महीने में एक बार उन सभी से हमारा कर्मचारी जाकर एक बार कम से कम मिलने का प्रयास करता है। और जब विभिन्न होली दिवाली जैसे त्यौहार आते हैं,तब भी जाकर उनसे हम लोग मिलते हैं। ताकि उससे उनको एकाकीपन और परेशानी ना हो। लॉकडाउन  के दौरान भी लगातार हम लोगों के संपर्क में रहे और हम लोगों के द्वारा जो भी अच्छे से अच्छा बन सका वह हम लोगों ने किया। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी लगातार हमारे प्रयास जारी रहते हैं।


सामाजिक बदलाव के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों से क्या सामाजिक बदलाव आएगा ?
देखिए पुलिस की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। समाज के प्रति और समाज में अपराधों का नियंत्रण करना उन पर कंट्रोल करना तो पुलिस का कार्य है ही,इसके अलावा समाज में जागरूकता हो अपराधियों और अपराध के प्रति सजगता हो। समाज में कोई भी कुरूति हो या ऐसी कोई परंपरा जिससे अपराध का उदय होता हो। उसे रोकने में रोकथाम करने के लिए हमारा पूरा प्रयास होता है, जिसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती है। तो हमारा मानना है कि पुलिस के प्रयासों से  बदलाव निश्चित रूप से आएगा।


आपके थाना क्षेत्र में चोरी, स्नैचिंग ,डकैती जैसे अपराधों के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है या कमी  ?
क्षेत्र थोड़ा संवेदनशील है, व्यापारी क्षेत्र है इसलिए चैन स्नैचिंग जैसी घटनाएं कम होती है । हां कभी कभार चोरी जैसी घटनाएं जरूर होती हैं। इसके सुरक्षा के लिए हमारे द्वारा एक बहुत अच्छा प्रयास किया गया है। पूरे क्षेत्र को उन केमरों के माध्यम से कवर किया हुआ है। और जिसकी परिणीति यह है कि, पिछले 2 वर्ष में जो भी घटना हुई है उसको हमने तुरंत पर्दाफाश किया और आरोपियों को उनके मुकाम तक पहुंचाया है।
कैमरे वाला जो प्रयोग आपने किया है शायद आपके थाने में ही सबसे ज्यादा यह सफल प्रयोग माना जाएगा?
क्योंकि यह क्षेत्र ही ऐसा है कि यहां पर कैमरे बहुत आवश्यक है। इसमें सराफा क्षेत्र में  जितने भी एसोसिएशन है संगठन है वे सभी पूरा सहयोग करते हैं। और जन सहयोग से उनके सुरक्षात्मक सिस्टम डिवेलप किया जा रहा है। इस प्रयास में लगातार सफलता मिल रही है।


आमजन के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे ?
जनता के लिए तो पुलिस का हमेशा यही संदेश है। कि  सभी सुरक्षित रहे और सभी बिना किसी भय के, बिना किसी डर के अपना जो कार्य है वह करें। उसके लिए हमेशा हम तत्पर हैं पुलिस अपना कार्य कर रही है और आप भी जो अपना दायित्व है उसका निर्धारण और अपने कार्य करने का उद्देश्य पूरा  कर सकते हैं।


बाल अपराध पर पुलिस के द्वारा किस तरह से नियंत्रण किया जा सकता है?
वास्तव में जो बाल अपराध के लिए कानून में बहुत सारे उसके प्रावधान है उसका पालन हम लोगों को करना है। उसके लिए बहुत सारे एनजीओ बहुत सारे सरकारी विभाग एवं संगठन अलग से भी कार्य कर रहे हैं। और इस क्षेत्र में बाल अपराध जैसी कोई घटना नहीं है इन्हीं प्रयासों से बाल अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है।