Highlights

संवाद और परिचर्चा

श्री विजय सिंह सिसोदिया, थाना प्रभारी मानपुर

  • 02 Aug 2022

DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )


हमारे अखबार और न्यूज़ चैंनल के संकल्प-सूत्र वाक्य " सतर्करहें-सजग रहे अभियान " पर आपकी प्रतिक्रिया और संदेश ..!
आम जनता के लिए यही संदेश देना चाहूंगा कि वह  अपराध होने की स्थिति में यही प्रयास करें कि अपराध से बचें । किसी तरह के अपराध में शामिल ना हो, अपराध होने का जब शक हो या कोई असामान्य बात होने लगे तो तत्काल उनको सतर्क होना चाहिए, सजग रहना चाहिए और पुलिस को सूचना करना चाहिए । ताकि होने वाले अपराध से जनता को सुरक्षित रखा जा सके।  पुलिस का सहयोग करना चाहिए यही मेरा संदेश है ।


शहरी थाना क्षेत्र और ग्रामीण थाना क्षेत्र के कार्य प्रणाली पर अंतर बताइए?
देहात का जो छेत्र होता है वह शहर से लगा होता है, जो जनता होती है इस पर प्रेशर कम होता है और वहां पर क्राइम भी अलग प्रकार के होते हैं । सिटी में जो है वहां पर पुलिस को ज्यादा सख्ती करना पड़ती है और हमारे यहां बहुत ज्यादा सख्ती की आवश्यकता नहीं होती है।  क्योंकि यहां पर ग्रामीण जनता होती है और वह लाग लपेट से दूर होती है। 


क्या बड़े थाना क्षेत्रों में और आपके थाना क्षेत्र में भी राजनीतिक हस्तक्षेप देखा जाता है ?
नहीं ऐसा नहीं है मैं जहां तक समझता हूं, चाहे थाना बड़ा हो या थाना छोटा हो, इसमें राजनीति के हस्तक्षेप को नहीं देखा जाना चाहिए।  राजनीति का दखल सामान्य रूप से कम होता है। 
सामाजिक परिवेश को सुधारने के लिए पुलिस की क्या भूमिका रहती है ?
निश्चित रूप से पुलिस विभाग  जनसेवा का कार्य करता है और सामाजिक परिवेश को सुधारने के लिए पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  कोई भी काम हो पुलिस का रोल उसमें रहता ही है।  पुलिस हमेशा  उपलब्ध रहती है और सकारात्मक भूमिका निभाती है। 


पारिवारिक विवादों में पुलिस क्या भूमिका निभाती है ?
देखिए पारिवारिक विवाद होते हैं ,पारिवारिक विवादों की जहां तक हम बात करें तो मैं समझता हूं कि पारिवारिक विवादों में महिलाओं संबंधित और भाई बंधुओं के झगड़े ही खास होते हैं।  इन में पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और पुलिस के द्वारा हमेशा एक अच्छा वातावरण तैयार किया जाता है । महिला  डेस्क भी हमारे यहां काम करती है।  उसी के माध्यम से हम महिलाओं के जो अपराध होते हैं या महिलाओं संबंधित जो पारिवारिक विवाद होते हैं, उनको सुलझाने का प्रयास करते हैं। डेस्क द्वारा यह भी प्रयास किया जाता है कि आपस में बिठाकर समझौता कराकर परिवार में अच्छा वातावरण बने ,परिवार टूटे नहीं, इस बात का हम लोग प्रयास करते हैं।  यह पुलिस की भूमिका होती है ।


क्या शहरी आधुनिकता का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्र में भी पड़ा है ?
निश्चित रूप से कोई भी व्यवस्था बदलती है या कोई नया चलाना आता है तो उसका प्रभाव पड़ता है । इसी तरह से शहर में जो आधुनिकता है जो आधुनिकता के साधन है, उनका प्रभाव ग्रामीण क्षेत्र की जनता पर भी पड़ा है।  ग्रामीण जनता भी उससे प्रभावित हुई है,इससे हम इंकार नहीं कर सकते हैं ।


आपके थाना क्षेत्र में महिला संबंधित अपराध का ग्राफ कम हुआ है या बढ़ा है ?
यह ग्रामीण क्षेत्र है और यहां पर महिलाओं का अपराध का ग्राफ मेरी नजर में नहीं बढ़ा है।  क्योंकि यहां पर जो जनता है जो महिलाएं ज्यादा पढ़ी लिखी नही होती है,मजदूर इलाके की महिलाएं होती हैं ,तो ज्यादा नियम वगैरह के कानून ज्यादा को जानते नहीं हैं । 363 ऐसी कोई बहुत बड़ी कार्यवाही नहीं होती है, इसलिए मेरा यही कहना है कि हमारे इलाके में महिलाओं के अपराध का ग्राफ नहीं बढ़ा है ।


क्या आपके थाना क्षेत्र में भी आदतन अपराधी हैं ?
नहीं मेरे साथ क्षेत्र में आदतन अपराधी की संख्या ना के बराबर है ,मेरे कार्य क्षेत्र में और मेरे थाना क्षेत्र में मेरे द्वारा इस पर कड़ा शिकंजा कसा हुआ है।  इसलिए मैं यह मानता हूं कि यहां पर आदतन अपराधी नहीं है।  और अगर कोई होगा भी तो वह बहुत ज्यादा नजर में नहीं है। 


आदतन अपराधी पर क्या कार्यवाही करना चाहिए ?
देखिए जो आदतन अपराधी होते हैं उन पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए , क्योंकि भय के बिना प्रीति नहीं होती है।  इसलिए जो आदतन अपराधी है उन पर कार्रवाई होना चाहिए।  एनएसए की कार्यवाही उन पर होना चाहिए, जिला बदर की कार्यवाही होना चाहिए और इस पर 110 की कार्रवाई होना चाहिए । सख्त कार्यवाही होना चाहिए जिससे कि जो आदतन अपराधी हैं उन पर डर बना रहे। 


बेरोजगारी को अपराध होने के कारण मानते हैं?
नहीं बेरोजगारी के कारण लोग अपराध करने लग गया है यह कोई बहुत अच्छी बात नहीं है।  और यह व्यवस्था ठीक नहीं है । इस तरह के अपराध लोगों को करना भी नहीं चाहिए और अपराधी अपराधी होता है।  अपराध होने के कारण नहीं है तो बेरोजगारी ऐसा बड़ा कारण नहीं है । जिसके पीछे अपराध किया जाए । अपराध जो मानसिकता बनी हुई है वही अपराध करेगा और अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं पाता है । रोजगार नहीं है और आदमी अपराध करने लग जाए यह तो एक अच्छी व्यवस्था नहीं है । ना सामाजिक परिवेश इस तरह का होना चाहिए तो अपराधी होने के पीछे बेरोजगारी कोई कारण नहीं होता है । 


भ्रष्टाचार पर आप क्या टिप्पणी करेंगे ?
भ्रष्टाचार एक बुराई जो कि सामाजिक बुराई की तरह से देखना चाहिए । भ्रष्टाचार में लेने वाला और देने वाला दोनों ही उसके हिस्से होते हैं।  भ्रष्टाचार इसलिए सामाजिक बुराई है, इसको आगे नहीं बढ़ना चाहिए। 


सर्वधर्म समाज के लिए पुलिस के क्या प्रयास होते हैं ?
सभी धर्म समान होते हैं और हमारी नजरों में कोई भी ऐसा नहीं है जिसको अलग से देखा जाए । सभी धर्मों को हम एकरूपता देखते हैं और सभी धर्मों की सुरक्षा के लिए उनके आयोजनों के लिए पुलिस की सुरक्षा हमेशा तत्पर से ही रहती है। 


राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पुलिस के द्वारा क्या प्रयास किए जाते हैं ?
जहां तक मेरा ख्याल है  कि  वह निश्चित रूप से सभी को उच्च भावना रखना चाहिए, राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न जब खड़ा होता है।  तो हम तो यही कहेंगे कि हम सब काम कर रहे हैं जो पुलिस काम कर रही है, वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम कर रही है।  पुलिस का काम राष्ट्रीय सुरक्षा करना है तो निश्चित रूप से पुलिस वही काम कर रही है । राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता है। 


परेशान व्यक्ति की आप तक पहुंच कैसी है?
जनता का जो भी व्यक्ति है और अगर वह किसी तरह से परेशान है उसे मेरा सीधा संपर्क होता है । क्योंकि मैं ही  समस्या को सुनता हूं और जनता से हमारा सीधा संपर्क होता है।  मैं जनता के बीच जाकर जनता की समस्याओं को सुनता हूं,  आम जनता के बीच हमेशा में उपलब्ध रहता हूं, उनके पास मेरे मोबाइल नंबर वगैरह सुविधा से उपलब्ध है।  कोई भी कभी भी संपर्क कर सकता है । सभी मुझे सहयोग करते हैं। 


वैसे तो कमिश्नरी प्रणाली शहर में लागू हुई है,  आप इसको कैसे देखते हैं ?
कमिश्नर प्रणाली निश्चित रूप से इंदौर शहर में लागू हुई है, क्योंकि हमारा क्षेत्र इंदौर जिले में ही आता है और जो बड़े शहर में कोई अगर गतिविधि होती है कोई कार्यवाही होती है।  पुलिस के लिए अच्छा प्रयास होता है,तो उसका प्रभाव हमारे क्षेत्र में पड़ता है । भले ही  कमिश्नर प्रणाली शहर में लागू हुई हो, लेकिन उसका सकारात्मक और एक अच्छा प्रभाव, क्राइम रोकने के लिए  है यह एक अच्छी पहल है।