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न जरीब से और ना ही मशीन से, अब ड्रोन से नपेगी जमीन

  • 23 Feb 2020

आबादी क्षेत्र के नक्शे तैयार करने की शासन स्तर शुरू हुई तैयारी
इंदौर।  जमीन की नपती के लिए अब फसल लहलहाने या मकान बने होने की मुश्किल सामनेे नहीं आएगी।  जरीब और मशीन से नपती की जगह पटवारी ड्रोन पद्धति से जमीनों की नपती करेंगे। आबादी क्षेत्र और बसाहट को लेकर नक्शे भी तैयार करने की योजना जल्द मूर्त रूप लेगी। योजना को शासन स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जमीनों की नपती के लिए पटवारी राजस्व निरीक्षकों को अब गरीब या मशीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीमांकन में खेत में खड़ी फसल और बरसात में चांदा नहीं मिलने की परेशानी भी सामने नहीं आएगी। सरकार भू-राजस्व संहिता के बदलाव के साथ ही जमीनों के सीमांकन के लिए भी प्रणाली बदलने की तैयारी कर रही है।  अभी  तक  जरीब  अथवा मशीन के माध्यम से मौके को मिलाने के बाद  नपती की जाती रही है। अब यह नपती ड्रोन पद्धति के आधार पर होना आरंभ हो जाएगी। जमीनों के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग अत्याधुनिक पद्धति को लेकर तैयारी कर रहा है। उक्त कार्य के लिए विभाग ने भारत सरकार के सर्वे ऑफ   इंडिया के साथ एमओयू भी साइन कर दिया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब आबादी क्षेत्र के नक्शे नहीं होने से सीमांकन रुक नहीं पाएगा। जमीन की नपती के लिए मकान या खड़ी फसल परेशानी नहीं बनेगी। नई पद्धति से की जाने वाली नपती में पटवारी और राजस्व निरीक्षक को कोई परेशानी नहीं होगी । वह आसानी से एक जगह खड़े होकर पूरी जमीन को देख सकेंगे और वह मौके पर ही बता देंगे कि किस खसरे की जमीन कहां से कहां तक है या प्लॉट की भूमि कहां तक की है। राजस्व विभाग बदलाव करते हुए अब जमीनों को अलग-अलग रूप में भी बांटने जा रहा है। आबादी क्षेत्र का नक्शा सही नहीं होने के कारण प्रदेश में इसके लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। जल्द आबादी क्षेत्र के नक्शे तैयार कर वहां की भूमि की जानकारी भी ऑनलाइन कर दी जाएगी। इस पद्धति के चलते सरकारी, निजी और कॉलोनी की भूमि के साथ ही कृषि भूमि आबादी तथा  उपयोग परिवर्तित भूमि अलग-अलग नजर आने लगेगी।  विभाग जल्द ही प्रदेश के सभी  गांवों की आबादी का सर्वे कराने के साथ ही  वहां बसे लोगों की जानकारी, जमीन का उपयोग आदि भी दर्ज करने का कार्य करेगा। जिले में नगरीय क्षेत्र में हल ही में बनाई गई 5 नई तहसीलों के बाद यहां की भूमि को सर्वे कर उसकी जानकारी और नक्शों में सुधर का कार्य भी किया जाना है। विभाग की इस मंशा के चलते ही सरकार ने जिले में भू प्रबंधन अधिकारी की नियुक्ति की है।