मुंबई में शीशी और रेपर तैयार कराए, रिमांड के दौरान हो रही कड़ी पूछताछ
इंदौर। महामारी के संकटकाल में कोरोना के मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर नकली बनाकर बेचने को लेकर पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई करते हुए आरोपियों की धरपकड़ की जा रही है। इसी कड़ी में गुजरात से जिन चार आरोपियों को गिरफ्त में लिया गया था, वे 26 मई तक रिमांड पर हैं। इस दौरान इनसे की जा रही पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैें। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि उन्होंने मुंबई में शीशी और रेपर तैयार कराए थे। वहीं अब तक करीब 6 हजार इंजेक्शन बेच चुके हैं।
थाना प्रभारी विजयनगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि बुधवार को गुजरात से कौशल वोरा, सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कुलदीप को पकड़ा था। पूरे मामले में मास्टर माइंड सुनील मिश्रा नहीं, बल्कि पुनीत शाह है। आरोपी पुनीत शाह गुजरात में डिस्पोजल ग्लब्स बनाने का काम करता था। इस काम में उसे ज्यादा कमाई नहीं होती थी। एक दिन किसी दोस्त ने उसे बताया कि अधिक पैसा कमाना हो तो मैं सलाह देता हूं। पुनीत को दोस्त ने सलाह दी कि कोरोना संक्रमण चल रहा है। इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन जरूरी है। यह बनाकर मरीजों के परिजनों को बेचे तो काफी पैसा कमाया जा सकता है। पुनीत को उसकी बात सही लगी। दोस्त मेडिकल स्टोर पर काम करता था।
रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के लिए पहले पुनीत ने मोरबी में एक असली इंजेक्शन खरीदा। चूंकि, इंजेक्शन उसी व्यक्ति को दिया जाता है जिसके पास कोरोना मरीज की पाजीटिव रिपोर्ट होगी। इसके लिए नकली रिपोर्ट तैयार कराई। बाद में उसे देखकर इंजेक्शन में नमक और ग्लूकोज मिलाकर बेचने लगा। उसके साथ सुनील मिश्रा और अन्य लोग जुड़ते चले गए।
पहले इंजेक्शन 20 अप्रैल को गुजरात में बेचा। इंजेक्शन का हूबहू 5 हजार रैपर और सीसी मुंबई से तैयार कराया। पुलिस अब मुबंई के उस व्यापारी को भी पकड़ेगी, जिसने रैपर और सीसी बनाकर दी। इसके साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को भी पत्र लिखा जाएगा, ताकि आरोपियों पर कापीराइट एक्ट का प्रकरण दर्ज हो सके।
इंदौर
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के आरोपियों ने किए कई खुलासे
- 21 May 2021