स्प्रीट में रंग मिलाकर महंगे दाम पर बेचते थे
इंदौर। इंदौर में भी नकली शराब का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसका खुलासा ग्रामीण क्षेत्र की पुलिस की कार्रवाई में हुआ। इस नकली शराब का सेवन जान के लिए खतरा भी उत्पन्न कर सकता है। पकड़ाए आरोपियों ने पुलिस को जब नकली शराब बनाने की जानकारी दी और तरीका बताया तो पुलिस भी अचरज में पड़ गई।
जानकारी के अनुसार महू के किशनगंज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो स्प्रीट में रंग मिला कर अंग्रेजी शराब की बोतल में भर कर महंगे दाम पर बेचते थे। इनके पास से कच्ची शराब, स्प्रीट, रंग, अंग्रेजी शराब की खाली बोतल व नकली लेबल, ढक्कन भारी मात्रा में जब्त किया गया। आरोपित प्रतिदिन साठ से ज्यादा पेटियां नकली शराब ढाबों पर बेचते थे। उनका यह काम एक साल से चल रहा था। पकड़े गए आरोपितों पर विभिन्न थानों में अनेक प्रकरण दर्ज हैं।
एएसपी पुनीत गेहलोत ने बताया कि सूचना मिलने पर एसडीओपी विनोद शर्मा के मार्गदर्शन में टीम बना कर तीन जुलाई को किशनगंज थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया व उनकी टीम ने ग्राम नावदा निवासी लखन आंजना के घर पर छापा मारा तो पाया कि यहां नकली अंग्रेजी शराब बनाई जा रही है। घर के बाहर कार क्र. एमपी 13 बीए 2733 खड़ी थी। पुलिस को देख उसमें बैठे युवक ने भागने का प्रयास किया जिसे पकड़ कर पूछताछ की तो उसने अपना नाम हेमंत पुत्र पूनमचंद लूनिया बताया। तलाशी ली गई तो वाहन में 30-30 लीटर की दो केन मिली जिसमें कच्ची शराब भरी हुई थी। घर के अंदर सात युवक मिले, जिनके नाम लखन पुत्र शंकरलाल आंजना निवासी नावदा चौक, संदीप पुत्र गजेंद्र मालवीय निवासी पुरानी तहसील महूगांव, विक्रम पुत्र हुकुमचंद वर्मा निवासी गायकवाड, दीपक पुत्र विजय चौहान निवासी खेडा धार, लालजी पुत्र रामनाथ निवासी खेडा धार, गोविंद पुत्र पूनम लुनिया निवासी खेडा धार, अमन पुत्र दिनेश चौहान निवासी खेडा है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि कच्ची शराब व स्प्रीट से अंग्रेजी दिखने जैसी शराब बनाते हैं, जिसके लिए वह हेमंत लुनिया के साथ मिल कर स्प्रीट, चुस्की कलर, एसेंस का उपयोग करते हैं। पुलिस ने यहां से 58 बोतल भरी हुई शराब, जिस पर रॉयल स्टेज क्लासिक ह्विस्की का लेबल लगा था। इसके अलावा बड़ी मात्रा में खाली बाटल, लेबल, मसाला, रेपरिंग मशीन, बोतल में लगने वाले ढक्कन के साथ कच्ची शराब जब्त की जिसकी कीमत सवा लाख रुपये बताई गई।
असली जैसी दिखने लगती
पुलिस के अनुसार आरोपित गुडडू जायसवाल निवासी भौरासा देवास, जंतु चौहान निवासी तीन इमली इंदौर व प्रवीण पवांर निवासी तेलीखेडा से स्प्रीट, चुस्की कलर, एसेंस, खाली बाटल, स्टीकर, होलोग्राम व ढक्कन खरीदे जाते हैं। इसके बाद हेमंत लुनिया, लखन, दीपक, लालजी, गोविंद, अमन खरीदे गए कच्चे माल से नकली शराब बनाते फिर उसे अंग्रेजी शराब की बाटल में भर कर उस पर लेबल लगाते जो असली जैसी दिखने लगती। इस शराब को आरोपित संदीप मालवीय, विक्रम वर्मा, राहुल लोध इंदौर के बाजार व आसपास के ढाबों में बेचने का काम करते।
रोज की खपत
आरोपित प्रतिदिन 60 से 100 पेटी शराब बेच देते थे। इसके लिए उन्हें एक पेटी पर दो से तीन हजार रुपये का फायदा होता था। बाजार में एक पेटी की कीमत 11 से 13 हजार रुपये है और आरोपित प्रति पेटी 9 से 11 हजार रुपये में बेचते हैं। लाकडाउन का इन्होंने काफी फायदा उठाया और चोरी छिपे शराब बेची।
कई प्रकरण दर्ज हैं आरोपितों पर
पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपितों पर कई थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं जिसमें हेमंत लुनिया पर किशनगंज थाने में 11 प्रकरण, सागौर थाने में हत्या का प्रयास व लूट के दो, बेटमा में लूट व आम्र्स एक्ट के दो, छात्रीपुरा, राजेंद्र नगर, अन्नपूर्णा, पलासिया, पीथमुपर आदि में कुल 20 प्रकरण हैं जबकि पलासिया थाने के एक अपराध में वह फरार है तथा उस पर दो हजार रुपये का इनाम है। विक्रम पर छह अपराध किशनगंज थाने में, छत्रीपुरा में दो, संयोगितागंज व पलासिया थाने में एक-एक कुल दस प्रकरण दर्ज हैं। गौतम पर एक अपराध महू थाने में, दीपक पर एक सागौर थाने में, गोविंद पर एक प्रकरण सागौर थाने में दर्ज है।
चार आरोपित फरार हैं
एएसपी पुनीत गेहलोत ने बताया कि प्रकरण में चार आरोपित भी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। आरोपित लेबल, बाटल, आदि कैसे व कहां से लाते हैं, इसकी जांच की जा रही है।
यह जांच भी होगी
एएसपी गेहलोत ने बताया कि आरोपित स्प्रीट टैंकरों से चुराते थे। क्योंकि स्प्रीट के टैंकर रात को ढाबे पर रुकते हैं जिसमें एक-दो ड्रम निकाल लेते जिससे टैंकर मालिक को पता भी नहीं चले। बड़ी मात्रा में एकत्र होने पर उसका उपयोग कच्ची शराब बनाने में करते। इसकी भी जांच की जाएगी।
इनका योगदान रहा
प्रकरण में किशनगंज थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया, अनिल चाकरे, बलराम रघुवंशी, कुंवर सिंह बर्डे, मोहन देवड़ा, मुन्नाालाल यादव, सुभाष, पंकज कटारे, मुकेश नागर, योगेश रघुवंशी, फतेहसिंह, मुकेश,रणजीत, रामेश्वर, भरत जाट, दीपक पाटीदार, अनूप तिवारी का योगदान रहा।
इंदौर
पुलिस किया गिरोह का पर्दाफाश, इंदौर में नकली अंग्रेजी शराब
- 05 Jul 2021