इंदौर। एजुकेशन हब के नाम से मशहूर इंदौर शहर बीते कुछ सालों में होस्टलर्स के हुड़दंग के आगोश में आ गया है। यहीं कारण है, कि शहर की आवाम इंनसे परेशान है, लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। सरे आम छात्र-छात्राएं अश्लीलता फैला रहे है। कितने होस्टल अवैध चल रहे और कितने वैध इसकी भी जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी नहीं है। ना तो होस्टलर्स संचालको से पुलिस संपर्क करती है नाहीं वहां ले रहे स्टूडेंट्स की पूरी डिटेल्स होस्टल संचालक या पेइंग गेस्ट ऑनर लेते है।
होस्टल्स के खिलाफ यदी रहवासी भी एक होते है तो पुलिस यह कहते हुए इतिश्री कर लेती है, कि दो बालिग रजामंदी से कु छ करते है तो इसमें हम क्या करें। कोई ऐसा कानून भी नहीं की हम कार्रवाई कर सके। शांती और संस्कृति के बाद स्वच्छता में नम्बर वन शहर में होस्टलों में रहने वाले तथा क थित छात्र-छात्राअें के चलते अस्वच्छता की गंदगी से घिरा नजर आ रहा है।
इस मामले यह बात सामने आई कि शहर में एक होस्टल सेचालक का एसोसियएशन है। यह एसोसिएशन चार भागों में बटा है। भंवरकुआ, विजय नगर, राजेद्र नगर और गीताभवन। यह वहीं चार भाग है जहां देश के क ौने-कौने से छात्र-छात्राएं अपना उजवल भविष्य को लेकर इंदौर में पढऩे आते है और इन्हीं क्षेत्रों में रहने में रहकर पढ़ाई करते है, लेकिन धीरे-धीरे शहर में फैल रही हुड़दंग व अश्लीता हाबोंहवा के चपेट में आजाते है। इससे शहर के रहवासी भी परेशान है तो वहीं आने वाले कल का भी अंधकार की ओर जाता दिख रहा है।
भंवरकुआ क्षेत्र में करीब 25 हजार छात्र-छात्राएं वो है जो बाहर से आकर अध्ययन कर रहे है। पूरे मामले में होस्ट्ल ऑनर एसोसिएशन के सेकैट्री राजेंद्र दांगी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि एसोसिएशन में करीब 5000 हजार लोग जुडेÞ है जो होस्टल्स चला रहे है। एसोसिएशने ने कुछ मापदंड तैयार किए है जैसे की हर स्टूडेंट की जानकारी में उसका आईडी प्रूर्फ पहला आधार कार्ड दूसरा जिस संस्थान में पढ़ाई करने जाते है।, मूलनिवासी की जानकारी, परिवार वालों से के नाम और उनसे सयम-समय पर बात करते हुए बच्चों की गतिविधियां बताना, लोकल लेवर पर कोई परिचित का नाम पता और यदी छुटी में जाना है तो पहले एप्लीके शन देना होती है, छुट्टी पर जाने के पहले परिवार वालों से बात करना और इंदौर आने पर भी परिवार वालों से बात करना, होस्टल से बाहर जाते समय और अंदर आते समय रजिस्टर्ड में एंट्री करना। वहीं सारी जानकारी पुलिस थाने पर भी देना और आदी कई जानकारी देना होती है।
कॉलेज में पढऩे वाले छात्र ज्यादा है
इस क्षेत्र में डीएवीवी युनिवर्सिटी, आटर्स एंड कामर्स, होलकर कॉलेज, आईटी कॉलेज, लॉ कॉलेज, युनिवर्सिटी के कॉलेज और कई सारी काचिंग संस्थान है इसके चलते यहां स्टूडेंट ज्यादा रहते है। यहां पर आने के पहले वो सभी यहीं बोलते है कि वे किसी तरह का नशा नहीं करते,लेकिन गलत लोगों के संपर्क में आने के बाद वो भी सिगरेट, शराब और नाश के आदी हो जाते है। यहीं एक कारण है की इस क्षेत्र में सिगरेट और नशें का समान ज्यादा मात्रा में बिकता है। इसी नशे के आगोश में आकर हुड़दंग काफी रहती है। कभी-कभी तो सभी एकत्र होकर झुंड बना कर रस ड्राइविंग भी करते है। इसी थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले भी सामने आए है। यह हम नहीं बल्की भंवरकुआ थाने पर दर्ज रिकार्ड के आकेडेÞ चिखचिख कर बता रहे है।
DGR विशेष
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- 09 Dec 2019