शहर में अचानक बढऩे लगे अपराध, रात में भी सड़क पर उतरने लगी पुलिस
इंदौर। अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने आपरेशन क्राइम कंट्रोल शुरु किया था। कुछ अरसे पहले पुलिस के सड़क पर उतरकर गुंडे-बदमाशों की धरपकड़ की तो अपराधों के ग्राफ में कुछ कमी आई थी। लेकिन कुछ दिनों से शहर में गुंडे-बदमाशों की हरकतें फिर शुरु हो गई। हत्या,लूट,चोरी,चेन स्नेचिंग,मादक पदार्थों -नशीली टेबलेट की तस्करी,अवैध हथियार,छेड़छाड़,हमले जैसी वारदातें बढने लगी हैं। इन वारदातों को देेखकर ऐसा लगने लगा है कि आपरेशन क्राइम कंट्रोल भी पूरी तरह क्राइम कंट्रोल नहीं कर पा रहा है। त्योहारों का मौसम शुरु हो चुका है। ऐसे समय में गुंडे बदमाशों के सक्रिय होने से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती हैं। शायद बढते अपराधों पर लगाम लगाने में पुलिस नाकाम सी दिख रही है यही वजह है कि एसएसपी ने पुलिस टीम को आपरेशन क्राइम कंट्रोल तेज करने के निर्देश दिए हैं। यही कारण है कि रात द्गह्यड्ड पुलिस एक बार फिर से सड़कों पर उतर गई। बड़े अफसरों के निर्देश बाद सभी टीआई अपने अपने क्षेत्र में रहने वाले आदतन अपराधियों और संदिग्धों पर कार्रवाई कर रहे हैं।
रात में पुलिस ने पुलिस टीम ने अपने अपने क्षेत्रों में नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना शुरू किया तो दूसरी और गुंडे बदमाशों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसका एक बड़ा कारण पिछले कुछ समय से लगातार अपराधों का बढऩा भी है। सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस अपने यहां रहने वाले आदतन अपराधियों और संदिग्ध बदमाशों पर नजर रख रही है। आदतन अपराधियों पर जहां धारा 110 की कार्रवाई करते हुए उनसे अपराध न करने के लिए बांड भरवाए जा रहे हैं, संदिग्धों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अब रात की गश्त भी करने लगी है। पिछले दिनों पुलिस ने गश्त के दौरान कई बदमाशों को पकड़ा था। क्राइम झोन एरियों में अब चेकिंग पाईंट लगाने शुरू कर दिए हैं। आमतौर पर सिर्फ चालान के लिए सड़क पर उतरने वाली पुलिस इन दिनों बदमाशों पर नजर रखने के लिए सड़कों पर उतरी है।
पुलिस का खौफ खत्म होने लगा..?
शहर में पुलिस टीम को एक बार फिर से सड़कों पर उतरना पड़ा तब सवाल ये उठता है कि क्या गुंडे -बदमाशों में पुलिस का खौफ खत्म होने लगा है। आपरेशन क्राइम कंट्रोल के दौरान की गई कार्रवाई के बाद भी उनके फिर से सक्रिय होना इस बात पर संदेह पैदा करता है कि क्या पूर्व में उन पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई या फिर वे अब उन्हें पुलिस को कोई खौफ नहीं है। हालात तो इतने खराब हो गए हैं कि छेड़छाड़ करने वाले दिन दहाड़े ही मुख्य चौराहे पर हरकत करना शुरु कर देते हैं। शराबी हफ्ता वसूली के लिए चाकू चला देते हैं। बाइक सवारों को रोककर कभी मोबाइल या नगदी लूट लेते हैं तो कई बार उन पर हमला बोल देते हैं। नाबालिगों को दोस्ती करने के लिए बदमाश धमकाने के साथ हमला भी कर देते हैं,यदि परिजन विरोध करते हैं तो उन पर भी हमला हो जाता है। कई बदमाश तो घर में घुसकर भी महिलाओं के साथ हरकत करने से नहीं चूकते। पार्किंग से दिन दहाड़े बाइक चोरी हो जाती है। अवैध हथियार दिखाकर लूट की वारदातें भी हो रही हैं। छोटे अपराधों से लेकर बड़े अपराध भी बढ गए हैं। वर्चस्व के लिए हत्या जैसी वारदातों को भी अंजाम दिया जाने लगा है। बीते 20 दिन में ही कत्ल की तीन ऐसी वारदातें हुई हैं जिनमें अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
पुरानी रंजिश में घातक हमला
तरुण पिता कैलाश जाटव , रविदासपुरा की शिकायत पर राहुल बैरागी और उसके साथियों के खिलाफ हत्या एवं प्राणघातक हमले का केस दर्ज किया गया है। हमले में हर्ष उर्फ बिट्टू पिता बब्बू पाठक, छत्रीपुरा, सोनू पिता रमेश चौधरी , रविदासपुरा और सौरभ पिता रमेश तंवर, पंचमूर्ति नगर घायल हो गए। घायलों को गंभीर हालत में बड़े अस्पताल लाया गया, जहां बिट्टू की मौत हो गई। उसने मृत्यु पूर्व पुलिस को बताया कि आरोपितों से रंजिश चल रही थी। वह दोस्त सौरभ को छोडऩे उसके घर जा रहे थे। धार रोड पर बदमाशों ने उसे रोक लिया और गाली गलौच कर मारपीट शुरू कर दी। साथियों को बचाने की कोशिश की तो उस पर भी धारदार हथियार और फुटपाथ के ब्लाक से हमला कर दिया। तीनों घायलों को साथी अस्पताल लाए थे। यहां इलाज के दौरान बिट्टू की मौत हो गई। आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गवाह को घेरकर मार डाला
वारदात बाल विनय मंदिर के पास शाम पांच बजे की है। घायल नीलेश पिता ज्ञानदेव दलवी के भाई भगवान दलवी की 2017 में हत्या हो गई थी, जिसका वह चश्मदीद गवाह है। शाम को वह आटो से बच्चों को लेने बाल विनय मंदिर स्कूल गया था। इसी दौरान उसे पांच बदमाशों ने रोका और गवाही न देने का दबाव बनाया। जब नीलेश ने इससे इनकार किया तो आरोपियों ने गालीगलौच करते हुए उसकी आंख में मिर्च झोंक दी। उस पर चाकू के पांच घातक वार कर बदमाश भाग निकले। पुलिस को हमलावरों के नाम पप्पू पिता प्रदीप जाधव, विजय जाधव, विकास गायकवाड़, विक्का और कुनाल जाधव पता चले हैं। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश में छापेमारी की, लेकिन सभी घर से गायब मिले।
हत्यारों की पहचान भी नहीं...
राऊ पुलिस को सूचना मिली कि श्मशान के पास राजेन्द्र नगर रोड पर एवर फ्रेश संचालक अंकित पिता संतोष मिश्रा मूल निवासी बरेई जिला भिंड हाल निवासी सिलिकॉन सिटी खून से लथपथ पड़ा हुआ है। पुलिस तत्काल स्पाट पर पहुंची। अंकित को अस्पताल के लिए रवाना किया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस को घटना स्थल के पास से ही अंकित को दो दोस्त मिले जो छिपे हुए थे। संदेह के आधार पर दोस्तों से पूछताछ शुरु की गई। दोस्तों के मुताबिक अंकित मिश्रा अपने 4 अन्य दोस्तो के साथ शराब दुकान से पार्टी मनाकर लौट रहा था। दो बाइक पर ये पांचों सवार थे। जांच में पता चला कि 2 अज्ञात व्यक्तियो से कट मारने की बात को लेकर उनका विवाद हुआ। बदमाशों ने बाइक रोककर इनसे मारपीट शुरु कर दी। उनके पास हथियार भी थे। हमला देखकर अंकित के चारों दोस्त वहां से भाग गए। बाइक सवार बदमाशों ने पास पड़े बड़े पत्थर से अंकित पर हमला कर दिया। उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था जिसमें रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस हत्याकांड में तो अभी तक आरोपियों की पहचान भी नहीं हो पाई है।
त्योहार के मौसम में बढती गुंडागर्दी पर कैसे लगाम लगेगी..?
आने वाले दिनों में दीप पर्व की शुरुआत होने वाली है। पुलिस के सड़क पर उतरने के बाद क्या क्राइम कंट्रोल होगा..? इस यक्ष प्रश्न तो किसी के पास नहीं है फिलहाल तो आम जनता इस बात से चिंतित है कि आपरेशन क्राइम कंट्रोल से किस तरह राहत मिलेगी। हालात तो ऐसे हैं कि अब तो बाजार में खरीददारी करने के लिए निकलने वाली महिलाएं भी चेन,मंगलसूत्र घर पर उतारकर जाती हैं। ज्यादातर लोग तो घर के आसपास ही खरीददारी करने जा रहे हैं। शहर के कई इलाकों में अभी भी शराबियों के आतंक और गुंडे बदमाशों की हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब देखना ये है कि पुलिस के एक बार फिर से सड़क पर उतरने से कितना क्राइम कंट्रोल होता है।