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कोरोना कर्फ्यू में यहां भी आने लगी दिक्कतेें ...  पशुओं के लिए हो सकता है खतरनाक, पुरानी बोतलों में भरी जा रही वैक्सीन

  • 24 May 2021

इंदौर। महू स्थित पशु स्वास्थ्य जैविक उत्पाद संस्थान में कोरोना काल के इन दिनों वैक्सीन पुरानी बोतलों को साफ करके भरी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक कोरोना कफ्र्यू के दौरान बोतलें मिलने में दिक्कत होने के कारण ऐसा किया जा रहा है। हालांकि विभाग के ही कुछ कर्मचारियों ने इस बारे में अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री, पशुपालन मंत्री और प्रमुख सचिव तक को शिकायत की है। उधर विभाग के निदेशक के मुताबिक पुरानी बोतलों में वैक्सीन भरना कहीं से भी गलत नहीं है।
प्रदेश में पशुओं की वैक्सीन बनाने वाला यह इकलौता संस्थान है। यहां पशुओं को होने वाले गलघोंटू आदि बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाई जाती है। वैक्सीन को बोतलों में भरने का काम इन दिनों जारी है। कर्मचारी यहां कई साल पुरानी बोतलों को धो रहे हैं और उनमें वैक्सीन भर रहे हैं। संस्थान के बहुत से लोगों ने इस प्रक्रिया को गलत बताया है और उनके मुताबिक इस तरह से वैक्सीन भरना पशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है।
जिन बोतलों में वैक्सीन भरी जानी है वे पुरानी बोरियों में भरी रखी हैं और अब कर्मचारी उन्हें निकालकर उनकी धूल साफ कर उन्हें धो और सुखा रहे हैं। शिकायतकर्ता सुभाष प्रजापति ने बताया कि इन बोतलों में वैक्सीन भरने से पहले उन्हें ऑटो क्लो मशीन में स्टरलाइज किया जाना चाहिए था जबकि फिलहाल तय प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में वैक्सीन की गुणवत्ता पर फर्क तो पड़ ही सकता है। साथ ही जानवरों को भी नुकसान हो सकता है।
सीएम और पशु पालन मंत्री को शिकायत
पिछले दिनों इसे लेकर मुख्यमंत्री और पशुपालन मंत्री को भी शिकायतें की गई थीं जिनमें पुरानी बोतलों में वैक्सीन भरने का विरोध किया गया था। इस बारे विभाग की निदेशक डा. रेणु मिश्रा का कहना है कि उनके विभाग में कुछ भी गलत नहीं किया जा रहा है। वे तो पुरानी बोतलों का उपयोग कर रही हैं और यह उपयोग पहली बार ही हो रहा है। ऐसे में इसमें किसी तरह की खराबी की गुंजाइश नहीं है और ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि नई बोतल फिलहाल नहीं मिल पा रही हैं। मिश्रा के मुताबिक विभाग के कुछ कर्मचारी ही उनके बारे में लगातार झूठी शिकायत करते रहते हैं।
 पुरानी बोतलों को अगर अच्छी तरह स्टरलाइज किया जा रहा है तो ऐसा करने में कोई परेशानी नहीं है। इसके अलावा हम इस बारे में जानकारी लेंगे।
आरके रोकड़े निदेशक, पशुपालन, डेयरी एवं फार्मिंग विभाग