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इंदौर

शिकायतों के बावजूद नहीं बनी फैमिली कोर्ट में पुलिस चौकी

  • 31 Dec 2019

वकीलों व जज से दुव्र्यवहार के बाद भी नहीं बदले हालात
इंदौर। दर्जनों शिकायतों और वकीलों व जज से दुव्र्यवहार की घटनाओं के बाद भी स्थानीय जावरा कंपाउंड स्थित फैमिली कोर्ट में अभी तक पुलिस चौकी नहीं बनी है।
जानकारी के अनुसार स्थानीय फैमिली कोर्ट में आए दिन उतापे होते रहते है। संबंधित पक्षों के बीच मारा-पीटी से लेकर कई बार जज से भी दुव्र्यवहार की घटनाएं घट चुकी है। इसके मद्देनजर जावरा कंपाउंड स्थित कोर्ट परिसर में एक पुलिस चौकी बनाई जाएं और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है।
एडवोकेट अचला जोशी के अनुसार 60 से ज्यादा शिकायतों के बाद भी चौकी नहीं बनी है। गौरतलब है कि आशा राठौड़ नामक एक महिला ने अपने पति का गिरफ्तारी वारंट नहीं निकालने पर 9 मई 2018 को फैमिली कोर्ट में जज रेणुका कंचन को न केवल अंगुली दिखाई बल्कि गालियां तक बकी थी। इस मामले में आशा को बाद में जज की रिपोर्ट पर गिरफ्तार कर जेल तक भेजा गया था। हालांकि घटना के बाद फौरी तौर पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई थी क्योंकि कोर्ट परिसर में एक भी महिला सिपाही तक नहीं मिली जिसके जरिये हुड़दंगी महिला को वहां से हटाया जा सकें। लेकिन इसके बाद भी इस दिशा में कोई सुध नहीं ले रहा है।
कोर्ट का मामला होने से याचिका जबलपुर ट्रांसफर हो गई थी
बताया जाता है कि पिछले साल एक नागरिक प्रशांत गिल्लौरे ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में चाही गई सहायता के बारे में रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट को बताया था कि चीफ जस्टिस ने 10 फरवरी 2016 को एक आदेश जारी किया था जिसके अनुसार कोर्ट परिसर की व्यवस्था से जुड़े मामलों की जबलपुर स्थित प्रिंसीपल बेंच में ही सुनवाई होगी। ऐसे में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस रिपोर्ट के आधार पर यह याचिका आगे की सुनवाई के लिए जबलपुर भेज दी थी।
सबूत जुटाना तो दूर, शिनाख्ती भी मुश्किल
बार एसोसिएशन व वकीलों ने लंबे समय से यहां स्थायी तौर पर पुलिस चौकी स्थापित करने की मांग की है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से समय पर निबटा जा सकें। इसके पहले भी उक्त कोर्ट के परिसर में मारपीट से लेकर धमकाने तक की कई घटनाएं घट चुकी है लेकिन हुड़दंगियों या हमलावरों को रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हुए है। कोर्ट परिसर में जिला कोर्ट की तरह सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे है, ऐसे में कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा किसी तरह की वारदात की जाएं तो उसके सबूत जुटाना तो दूर उसकी शिनाख्त करना तक मुश्किल है।