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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट : लिव-इन रिलेशनशिप नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य

  • 20 May 2021

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरक्षा की मांग करने वाले एक प्रेमी जोड़े द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है.हालांकि उच्च न्यायालय का यह रुख ऐसे रिश्तों को मान्यता देने वाले उच्चतम न्यायालय के रुख से अलग है.याचिकाकर्ता गुलजा कुमारी (19 वर्ष) और गुरविंदर सिंह (22 वर्ष) ने याचिका में कहा कि वे एक साथ रह रहे हैं और जल्द ही शादी करना चाहते हैं.उन्होंने कुमारी के माता-पिता से अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई थी.

जस्टिस एचएस मदान ने अपने 11 मई के आदेश में कहा, ‘वास्तव में याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन रिलेशनशिप पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. तदनुसार याचिका खारिज की जाती है.’