Highlights

देश / विदेश

संयुक्त राष्ट्र संघ में रामकथा : आओ!  "राम को प्रिय" ऐसे 'मनुष्य' को निर्मित करें

  • 29 Jul 2024

मोरारी बापू द्वारा वैश्विक सद्भाव हेतु
"प्रेम देवो भव" की उद्घोषणा -
ये हिस्टोरिकल कथा नहीं है ...ये स्पिरिचुअल कथा है

@ डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट
शांति और आस्था का प्रतीक संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय अमेरिका में पहली बार राम कथा के द्वारा सत्य- प्रेम - करुणा का सार्वभौमिक संदेश समग्र विश्व में गुंजायमान करने हेतु मोरारी बापू द्वारा 940वीं रामकथा का UNO (United Nation) Head Quarter , New York, USA से प्रसारण...

मेरे मन में कोई इच्छा है ही नहीं लेकिन यदि मुझे कोई कथा करने की मंजूरी दे..  मैं इस मंच से बोल रहा हूँ इस बिल्डिंग से बोल रहा हूँ कि जहां-जहां युद्ध चल रहा है साल डेढ़ साल से कई निर्दोष लोग मरे जा रहे है। मुझे यदि इन सरहद पर कथा करने की मंजूरी मिले तो मुझे पोथी लेकर वहां जाना है। वो दोनों ओर से शस्त्र फेंके मैं बीच में शास्त्र लेकर बैठूंगा। मेरी यह इच्छा है। मैं जग जाहिर कर रहा हूँ।

 

न्यूयार्क/अमेरिका। मोरारी बापू  UNO मुख्यालय में राम कथा "मानस वसुधैव कुटुंबकम" का आगाज़ करते हुए कहते है कि विश्व संस्था UNO की इस बिल्डिंग में  इस भाग में परमात्मा की कृपा से राम कथा के 9 दिन का अनुष्ठान करने का हम सबको अवसर मिला ये केवल केवल और केवल कोई परम की कृपा इसका परिणाम है।
हमारे पीछे 'टेल विंड' है ये पीछे जो पवन पुत्र है उसी की ये कृपा है। यहां 9 दिन तक राम कथा का गायन होना अपने आप अस्तित्व की कृपा है हनुमान जी की कृपा है हमको ये 9 दिन का अवसर मिला ये भगवत कृपा है।
बापू ने कहा कि..
4 प्रधान सूत्र है उद्देश्य है UNO के 
5 मुझे डालना है। 5 उद्देश्य अपने ढंग से व्यासपीठ की ओर से
1. दुनिया में शांति की स्थापना हो ...
2. दुनिया में भूख ना रहे, बीमारी ना रहे और निरक्षरता ना रहे 
3. तीसरा उद्देश्य इस संस्था का ये है कि परस्पर मैत्री हो ,राष्ट्र राष्ट्र के बीच में
4. किसी की स्वतंत्रता और किसीके अधिकार को कोई छीने ना
बापू ने अपने 4 उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि 
5. विश्व में संवाद हो...
6. ...छठी बात होगी सबका स्वीकार... मैंने तो बार-बार कहा कि मेरा कोई मिशन किसी को सुधारने का है ही नहीं... जो जैसा भी हो उसका स्वीकार करने का अपना काम है... विश्व में यदि विकास के साथ विश्राम की स्थापना करनी है तो उसे स्वीकार करना सीखना होगा...
फिर 7, 8 और 9 जो मूल है सत्य प्रेम और करुणा...
ये 9 सूत्रीय संवाद हम इन दिनों में इस स्थान में करेंगे..
राम राज्य में कोई निरक्षर नहीं था..कोई अपंडित नहीं था..कोई रोगी नहीं था... जो इस संस्था के सूत्र है वो ऑलरेडी रामचरितमानस में है पहले से उपलब्ध हैं... 450 साल पहले तुलसी ने कहा ये मानस क्या कर रहा है? वैश्विक शांति का संदेश ये त्रिभुवनीय ग्रंथ दे रहा है।
अखिल बिस्व यह मोर उपाया 
सब पर मोहि बराबरि दाया
सब मम प्रिय सब मम उपजाए 
सब ते अधिक मनुज मोहि भाए
बापू ने कथा का आरम्भ करते हुए रामचरितमानस के उत्तरकांड की चौपाइयों का आश्रय लेते हुए "मानस वसुधैव कुटुंबकम" विषय पर रामकथा का श्री गणेश करते हुए कहा कि भगवान कहते हैं सब मुझे प्रिय है.   इनमें अधिक प्रिय मनुष्य है... और आज मनुष्य क्या कर रहा है ?.जिस मनुष्य को परमात्मा इतना चाहता है मनुष्य ने आज की स्थिति में बहुत कुछ गड़बड़ पैदा की है...
"आओ फिर राम को प्रिय ऐसे मनुष्य को निर्मित करें।"
27 जुलाई से 4 अगस्त तक  यह नव दिवसीय राम कथा का गायन - संवाद बापू द्वारा किया जाएगा।भारतवर्ष के लिए यह गौरव का विषय है कि प्रथम बार UNO मुख्यालय में नवदिन तक एक साधु द्वारा व्यास पीठ से हेतुरहित भाव से सत्यप्रेमकरुणा की गंगोत्री से  रामकथा के रूप में हरि नाम संकीर्तन का गुंजन किया जाएगा जो ऐतिहासिक रूप के साथ साथ और  अधिक आध्यत्मिक रूप से भी अति विशेष महत्व रखता है।
बापू ने कहा कि मेरे देश के सभी भाई बहनों की शुभकामना लेकर हम यहां आए हैं मेरे देश के जो सही में अध्यात्म जगत के साधु संत है इन सबका आशीर्वाद लेकर हम यहां आए हैं।
ये कथा कोई एक विशेष लक्ष्य तक पहुंचने के लिए नहीं है..ये कोई रिकॉर्ड बनाने के लिए या तो कोई बुक में नाम आ जाए इसलिए नहीं.. इस बुक (मानस) में नाम आ गया फिर और सब बुक बेकार है।
भारत में इस कथा का प्रसारण  समय भेद से नित्य शाम 7.30 से रात्री 11 तक होगा जिसे chitrakutdhamtalgajarda यूट्यूब चैनल और आस्था चैनल पर live देखा जा सकता है। आप सभी आमन्त्रित है।


संपादित @ पुष्पेन्द्रपुष्प