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संवाद और परिचर्चा

आर पाटीदार : महिला थाना इंचार्ज

  • 03 Jan 2022

2013 से पुलिस सेवा के माध्यम से कार्यरत इंदौर में महिला थाने की इंचार्ज आर पाटीदार मैडम से डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट के लिए एल एन उग्र(PRO) द्वारा साक्षात्कार लिया गया...  इस अवसर पर महिलाओं पर हो रहे अपराध और अन्य विषयों पर उन्होंने बेबाकी से अपना विचार प्रस्तुत की है... प्रमुख अंश इस प्रकार है...!
सवाल:- शहर में महिलाओं पर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं...?
जवाब :- अपराध बढ़ने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि 2 साल कोरोना काल के कारण महिलाएं बाहर नहीं आ पाई, घरेलू हिंसा हो या अन्य अपराध सभी प्रकार के अपराध में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को स्वतंत्रता कम होती है इसीलिए घर से बाहर नहीं निकल पाए...अब अनेक संस्थाओं के साथ साथ महिला डेस्क या महिला पुलिस अधिकारी महिलाओं को जागृत करने का काम कर रहे हैं अपने ऊपर अत्याचार और अपराध की आवाज उठाना चाहिए और यही हुआ है  महिलाओं ने न्याय मांगने के लिए आवाज उठाई है! संभवत इसी कारण से महिलाओं के ऊपर हो रहे अपराध का रेशो बढ़ा है ।
सवाल :-अपराध में महिलाओं की सहभागिता भी बढ़ रही है क्यों ?
जवाब :- अपराध में स्त्रीलिंग या पुल्लिंग से कोई संबंध नहीं होता है अपराध तो अपराध होता है,  फिर भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं के अपराध की सहभागिता  यह अंतर बहुत कम है! अपराध प्रवृति पुरुषों में अधिक है और वही देखा जाए तो महिलाओं में अपराध करने की प्रवृत्ति कम पाई जाती है! परिस्थितिवश महिलाओं की आपराधिक सहभागिता हो सकती है परंतु स्वभावगत नहीं होती है l फिर भी महिलाओं के अपराध में उनकी सहभागिता दिखाई दी है परंतु उनको अपराधी में बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं l
सवाल:- पारिवारिक हिंसा में अब किसे दोषी मानते हैं?
 जवाब :- पारिवारिक हिंसा में हम महिलाओं को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं, एक महिला दूसरे परिवार से शादी करके ससुराल में आती है तो वह अकेली पूरे परिवार को प्रताड़ित नहीं कर सकती है उसके साथ जब अत्याचार होता है तब वह परेशान होती है और अन्य की मदद की ओर देखती है! ऐसे में काउंसलिंग के माध्यम से समस्या के समाधान का प्रयास किया जाता है! और इसके लिए परिवार परामर्श केंद्र ऊर्जा डेस्क महिला विकास महिला डेस्क आदि के माध्यम से अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं
सवाल :- सामाजिक बदलाव के लिए क्या महिलाएं भूमिका निभा सकती हैं l
जवाब :- सामाजिक बदलाव में सबसे बड़ी भूमिका महिलाओं की होती है बच्चा जन्म लेता है और उस समय माता ही उसके साथ होती है माता का सरोकार सामाजिक चिंतन उसके द्वारा बच्चों को संस्कार दिए जाते हैं, यह जवाबदारी महिला ही उठाती है! एक जिम्मेदार महिला संस्कार के आधार पर  सामाजिक चेतना के माध्यम से बच्चों को जागृत करती है, वह खुद जागृत होती है, इसलिए बच्चों को भी आगे अच्छे संस्कार देने की जवाबदारी महिला की होती है सामाजिक परिवर्तन में निश्चित रूप से महिलाओं की भूमिका सराहनीय रही है! सामाजिक चेतना से सरोकार रखते हुए महिला अच्छे विचार रखते हुए बच्चों को देगी तो सामाजिक परिवर्तन बच्चों के माध्यम से अवश्य आवेगा l परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है सोच में परिवर्तन ही समाज में बदलाव ला सकता है और यही कार्य महिलाओं के द्वारा किया जा सकता है l
 सवाल :- ड्रग्स मामले में महिलाओं की भूमिका को आप किस तरह से देखते हैं!
जवाब :- इस संबंध में कुछ थाने में कुछ नाम आए हैं एक पुरुष व महिला का अधिकार क्षेत्र अलग होता है l जैसा कि मैंने पहले भी कहा है अपराधों में पुरुषों का और महिलाओं का रेशो समान नहीं होता है l महिलाओं की अपराध प्रवृति कम होती है क्योंकि महिलाओं के अपराध को समाज में घृणा की दृष्टि से देखा जाता है सोसाइटी में इसे अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए भी महिलाओं के ऊपर अपराध प्रवृति होने का आरोप कम लगता है l समाज में महिलाओं के अपराधियों को घृणित कार्य समझा जाता है l अगर कोई महिला अपराधी है तो उसे हम परिस्थिति जन्य अपराध कह सकते हैं l
सवाल :- सामाजिक परिवेश के लिए कोई संदेश  
जवाब :- सामाजिक परिवेश से अपराध कम होना चाहिए ऐसी अपेक्षा हम करते हैं सभी सामाजिक प्राणी मिलजुल कर रहे,अमन चैन से रहें यही हमारी अपेक्षा है l सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया... वंदे मातरम  l
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महिलाओं ने न्याय मांगने के लिए आवाज उठाई है।
अपराधों में पुरुषों का और महिलाओं का रेशो समान नहीं होता है l महिलाओं की अपराध प्रवृति कम होती है।
एक जिम्मेदार महिला संस्कार के आधार पर  सामाजिक चेतना के माध्यम से बच्चों को जागृत करती है, वह खुद जागृत होती है, इसलिए बच्चों को भी आगे अच्छे संस्कार देने की जवाबदारी महिला की होती है।