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DGR विशेष

शराब के शौकीन सरकारी अधिकारी सावधान, शराब पीकर परिवार की अवहेलना पड़ेगी महंगी

  • 08 Jul 2021

50% वेतन पहुंच जायेगा पीड़ितों के खाते में

डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट कि यहां खास खबर उन सरकारी मुलाजिमों को सतर्क करने के लिए है। जो शराब के कुछ ज्यादा ही शौकीन है, और शराब को महत्व देने के साथ उन्होंने परिवार की अवहेलना करने का प्रयास किया है,  तो उन्हें अब ये सब काफी महंगा पड़ सकता है। क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय पारित किया है पैश है हमारी खास रिपोर्ट...।

इंदौर @ ( राजेश पिपलोदिया)

अब प्रदेश भर के सभी शराबियों पर तो मध्य प्रदेश सरकार अंकुश नहीं लगा सकती है। क्योंकि सरकार को उनसे भारी-भरकम राजस्व जो प्राप्त होता है। लेकिन उन्होंने अपने शराबी किस्म के शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों पर जरूर एक बड़ा अंकुश लगा दिया है। विशेषकर उन लोगों पर जो अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं। बल्कि अपने परिवार जनों के साथ भी गलत व्यवहार मारपीट कर प्रताड़ना या प्रताड़ित करने जैसा व्यवहार करते हैं साथ ही उनके भरण-पोषण के लिए भी ठीक से रुपया पैसा अदा नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार ने पहले भी एक नियम पारित किया था जिसे एक बार फिर दोहराया गया है। मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव के हस्ताक्षर से जारी यह आर्डर लगभग सभी विभाग प्रमुखों के पास पहुंच चुका है। ताकि वे अपने मातहत सभी अधिकारी कर्मचारियों को इससे अवगत करा देंवें। लेकिन अनेक लोगों ने अभी तक अपने अधिनस्त सरकारी कर्मचारी अधिकारियों को यह नहीं बताया है। तो लीजिए डिटेक्टिव ग्रुप आपको वह जानकारी दे रहा है जो शायद आपको पता नहीं है।

जी हां मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में यह फैसला किया है। यदि कोई सरकारी अधिकारी कर्मचारी शराब या अन्य कोई दीगर नशा करता है, और वहां अपने परिवार का पालन पोषण परिवार माता-पिता बच्चे या आश्रितों का पालन पोषण नहीं कर रहा है। यदि इसकी जानकारी संबंधित परिजन या किसी अन्य सूत्र के माध्यम से भी सरकार तक पहुंच जाएगी तो सरकार अपने स्तर पर उसके खिलाफ जांच करने की कार्रवाई करेगी। जांच सही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के वेतन से 50% राशि काट कर संबंधित पीड़ित आश्रितों के खाते में सीधे पहुंचा दी जाएगी और इसके लिए आप किसी प्रकार का विरोध भी दर्ज नहीं करा सकते हैं।

क्या कहते हैं कानून के जानकार...।

उक्त मामले को लेकर जब हमने कानून के जानकार वरिष्ठ शासकीय लोक अभियोजक विमल मिश्रा से संपर्क किया उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय पहले ही पारित हो चुका है और इसके खिलाफ संबंधित व्यक्ति यदि कोर्ट में भी जाएगा तो परिजनों की ही सुनवाई होगी। हालाँकि कोर्ट में जाने का अधिकार व्यक्ति के पास स्वतंत्र है। व्यक्ति को कोर्ट में जाने से नहीं रोका जा सकता है लेकिन वह कोर्ट में सिद्ध करेगा क्या इस पर निर्भर करता है  - विमल मिश्रा शासकीय लोक अभियोजक

सरकारी अधिकारियों ने किया स्वागत -

वही जब इस मामले में सरकारी अधिकारी से चर्चा कर उनकी राय जाननी चाही तो अधिकांश लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उक्त मामले में डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट की टीम से चर्चा करते हुए वरिष्ठ शासकीय अधिकारी डॉ राजकुमार चौहान ने बताया कि इस तरह के सरकार के फैसले निश्चित ही स्वागत योग्य है।  वास्तव में समाज की एक बड़ी बुराई के रूप में शराब को देखा जाता है कुल मिलाकर सरकार के इस फैसले का कहीं भी कोई विरोध नहीं है सभी स्वागत करते हैं।

- डॉ राजकुमार चौहान शासकीय अधिकारी

समाज सेवकों की राय

शराब समाज में भी एक बड़ी सामाजिक बुराई के रूप में देखी जाती है उक्त मामले को लेकर जब समाजसेवी इंदौर फुल माली समाज के महासचिव राजेंद्र वर्मा से उनकी राय जानी गई तो उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर पर तो शराब या अन्य सभी नशीली वस्तुओ का विरोध किया जाता है और अब सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है जो निश्चित ही स्वागत योग्य है। वहीं कुछ अन्य लोगों ने बताया कि उनके समाज में सामाजिक कार्यक्रमों में शराब पीकर आना ना सिर्फ प्रतिबंधित है बल्कि समाज उन पर अर्थदंड भी करता है।

डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट की अपील

सतर्क रहें सजग रहें अपने अभियान को सार्थक करते हुए डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट भी आप से अपील करता है कि स्वयं इस बुराई से दूर रहें और अन्य को भी दूर रखें। शराब या अन्य नशीली वस्तु के शौकीन अधिकारी कर्मचारी सतर्क हो जाएं ऐसी नौबत ही ना आने दे कि आप की जेब का 50% हिस्सा आपके परिजन तक पहुंच जाए और इसके लिए सरकार को कोई विशेष प्रयास भी नहीं करना पड़ेगा। लेकिन आप जरूर मुसीबत में पड़ जायेंगे या पढ़ सकते हैं।