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Exclusive / MP : पूरे प्रदेश में कसा माफियाओं पर शिकंजा www.dgr.co.in

  • 29 Dec 2019

बचने के लिए लगा रहे जुगाड़, नहीं मिल रही राहत
इंदौर। पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन दिनों माफियाओं पर जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, वन विभाग, परिवहन विभाग सहित अन्य विभागों ने एक साथ शिकंजा कस दिया, जिसके चलते माफिया अब बचने के लिए नेताओं व अपने आकाओं के पास पहुंचने सहित अन्य तरह की जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही है। 
भू माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, परिवहन माफिया, शिक्षा माफिया सहित अन्य माफियाओं और संगठित अपराध करने वालों पर नकेल कसने के लिए जब प्रदेश के मुखिया ने पुलिस को फ्री हैंड दिया तो फिर पुलिस कहां पीछे रहने वाली थी। पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर माफियाओं पर कार्रवाई कार्रवाई के लिए प्लान बनाया। जिसका नतीजा यह रहा कि प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों में माफिया राज की शामत आ गई। आलम यह हो गया कि वे अपने आकाओं (संरक्षण देने वाले नेता व अन्य) की शरण में पहुंचकर कार्रवाई से बचने की गुहार लगाने लगे, लेकिन उन्होंने भ हाथ खड़े कर दिए, क्योंकि कार्रवाई के निर्देश सीधे सीएम ने दिए थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रदेश में माफिया राज का खात्मा किया जाएगा। मां अहिल्या की नगरी कहलाने वाला इंदौर  में सबसे अधिक भू माफिया और अवैध शराब माफियाओं ने पैर पसारे है। अब स्वच्छता में नंबर वाले इस शहर में माफियाओं के राज को खत्म करने का जो अभियान प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर चल रहा है उसमें इसका सबसे अधिक असर इंदौर में दिखाई दे रहा है। अभियान की शुरूआत से ही की जा रही सख्त कार्रवाई का असर यह हुआ कि भू-माफिया, शराब माफिया सहित अन्य में दहशत दिखाई दे रहे हैं। 
हर क्षेत्र में हैं माफिया
शहर में हर क्षेत्र में माफिया हैं। चाहे वह सहकारिता के माध्यम से भूमाफिया हो, माइनिंग माफिया हो, ड्रग माफिया, बाजारों में अवैध वसूली या परिवहन के क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित कर रखा हो, आमजन के साथ आर्थिक रूप से धोखाधड़ी कर रहा हो के अलावा अवैध शराब माफिया और खाद्य सामग्रियों में मिलावट करने वाले भी माफिया हैं। 
बचने के निकला रहे रास्ते 
कमलनाथ सरकार के द्वारा अचानक माफियाओं के खिलाफ अभियान शुरू करने के निर्देश देने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन तथा नगर निगम सहित अन्य विभागों द्वारा की जा रही कार्रवाई के बाद माफियाओं खासकर भू- माफियाओं ने अपने बचने के रास्ते निकालने शुरू कर दिए, जिसके चलते राजनीतिक दलों के नेताओं के पास पहुंचने लगे हैं, जिनका उन्हें संरक्षण है। बताया जाता है कि इन माफियाओं ने इंदौर तो क्या दिल्ली-भोपाल तक संरक्षण देने वालों अपने आपको बचाने की गुहार लगाई, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सख्त तेवर देखते हुए संरक्षण देने वालों ने भी हाथ खींच लिए हैं। इससे साफ है कि अब माफियाओं को कोई भी संरक्षण देने वाला कार्रवाई से नहीं बचा सकता।
भूमिगत हो गए इस अभियान के तहत पुलिस,जिला प्रशासन,निगम सहित अन्य विभागों ने मिलकर माफियाओं पर कार्रवाई का डंडा चला दिया है। इस अभियान से गुंडे बदमाशों एवं भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है। कई गुंडे बदमाश और भूमाफिया या तो भूमिगत हो गए हैं या शहर छोड़कर फरार हो गए हैं। काले कारनामे कर अकूत संपति बनाने वाले इन तत्वों के खिलाफ अभियान से अब आम जनता को भी उम्मीद है कि इसमें राजनीति संरक्षण वालों गुंडों एवं भूमाफियाओं पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी। पुलिस माफियाओं की एक सूची बनाई है, जिसमें शामिल गुंडों के पुराने रिकार्ड भी पुलिस खंगाल रही है।
माफियाओं की कैटेगरी
भू-माफिया
इसमें ऐसे लोग जो सरकारी जमीनों पर कब्जा कर व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही जो दूसरों की जमीन पर कब्जा करते हैं और उसे खाली कराने के एवज में अड़ीबाजी करते हैं। इस केटेगरी में वह लोग भी चिन्हित किए जा रहे है जो मकान, जमीन खाली कराने का ठेका लेते है और राजीनामा कराने के नाम पर सौदा करते है। 
शराब माफिया 
इस कैटेगरी में अवैध शराब का कारोबार करने वालों के साथ ही नकली शराब बनाना और बेचने के साथ ही एक परमिट पर एक से ज्यादा ठेके संचालित करने वालो की सूची बनाई जा रही है। 
पत्थर माफिया 
इस श्रेणी में अवैध उत्खनन करने वालों के साथ ही ऐसे लोग जो बिना अनुमति पत्थर व गिट्टी का उत्खनन कर रहे है। बिना रायल्टी पत्थर या गिट्टी विक्रय कर रहे है। अब सरकार के आदेश के बाद खनिज विभाग को भी ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई करना होगी। 
रेत माफिया 
बिना रायल्टी रेत का परिवहन करने वालों के साथ ही ऐसे लोग जो बिना अनुमति रेत का उत्खनन कर रहे है। जिले में इन दिनों बड़ी मात्रा में रेत उत्खनन का खेल चल रहा है। 
सूदखोर 
इस श्रेणी में ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो बिना किसी लाइसेंस के लाखों-करोड़ों रूपए ब्याज पर बांटकर सूदखोरी कर रहे है तथा ब्याज रूपए देने के बदले मकान, जमीन पर कब्जा करते हैं। इसके साथ ही इसमें ऐसे लोग भी शामिल है जिन्होंने व्यापार या अन्य किसी एवज में किसी से रुपए लेकर हड़प गए। 
शिक्षा माफिया
जिस तेजी से शहर एज्यूकेशन हब बनता जा रहा है उसी तेजी से शहर में शिक्षा माफियाओं ने भी अपने पैर पसार लिए है, जो बाहर से आने वाले छात्रों से परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर रुपए ऐंठते हैं। इनमें अधिकांश कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोग हैं। 
मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले 
इस कैटेगरी में स्मैक, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। गौरतलब हो कि पिछले वर्ष ही स्मैक, गांजा की खरीद-फरोख्त के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई थी। 
किसी भी माफिया को नहीं मिलेगी माफी-कलेक्टर
कलेक्टर ने इंदौर को माफिया मुक्त बनाने के लिए संगठित अपराध करने वालों तथा उन्हें सहयोग देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और विभिन्न विभाग माफियाओं के पीछे पड़ गए हैं। विभागों की बैठक में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी  लोकेश कुमार जाटव ने कहा कि जिन्हें बार-बार माफ  किया, वह माफिया बन गये। अब इंदौर में किसी भी अपराधी को माफ  नहीं किया जायेगा, और ना ही छोड़ा जायेगा। उनके तथा उन्हें सहयोग देने वालों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे।  किसी भी श्रेणी में संगठित अपराध करने वालों का अपराध क्षम्य नहीं होगा। कलेक्टर ऑपरेशन क्लीन अभियान के तहत की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस बैठक में एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र, नगर निगम आयुक्त  आशीष सिंह, एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी, अवधेश कुमार गोस्वामी, सूरज वर्मा, एडीएम  बीबीएस तोमर,  डी.के. जैन, नगर निगम, सहकारिता, पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने कहा संगठित अपराध करने वाला अपराधी समाज के लिये घातक है। वह माफी के लायक नहीं है। माफ करते रहने से वह माफिया बन जाता है। वह समाज को किसी न किसी तरह परेशान करता रहता है। समाज में भय का वातावरण रहता है। आमजन को परेशान करने वालों को चैन से नहीं रहने दिया जायेगा। उन्हें किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जायेगा। अपराधियों एवं अपराध को जड़मूल से समाप्त करने के लिये कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिले में ऑपरेशन क्लीन अभियान के तहत निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें, इसका प्रभाव आमजन को भी दिखायी दे। माफिया किसी भी क्षेत्र का हो, चाहे वह सहकारिता के माध्यम से भूमाफिया हो, माइनिंग माफिया हो, ड्रग माफिया, बाजारों में अवैध वसूली या परिवहन के क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित कर रखा हो, आमजन के साथ आर्थिक रूप से धोखाधड़ी कर रहा हो, उन्हें छोड़ा नहीं जाये। अभियान के तहत दर्ज की जाने वाली एफआईआर में तुरंत जाँच कर तुरंत चालान प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने सहकारिता विभाग को निर्देश दिये कि वे रिकार्ड को सुरक्षित रखने के लिये रिकार्ड को कोषालय में जमा करायें। अभियान के तहत की जाने वाली कार्रवाई की प्रतिदिन समीक्षा की जायेगी। जिले में एन्टी माफिया डे भी आयोजित किया जायेगा। इसके तहत सप्ताह में एक दिन निर्धारित कर सभी विभाग मिलकर संयुक्त रूप से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। 
जारी है आपरेशन क्लीन अभियान
भूमाफियाओं पर सख्त कार्रवाई का अभियान जारी है। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के निर्देशन में लगातार कार्रवाई चल रही हैं। जिले में शासकीय भूमि तथा निजी भूमियों पर कब्जा करने वालों के विरूद्ध अनेकआपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये और तीन भूमाफियाओं को गिरफ्तार किया गया।