कमिश्नर प्रणाली बहुत सक्सेस प्रणाली होगी और आगामी एक - दो महीनों में बहुत अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे . !
समाज को अच्छा बनाने के लिए राजनीतिक लोग और पुलिस विभाग दोनों इंवॉल्व रहते है lऔर जब दोनों एक ही मानस से काम करते हैं तो समाज स्वछ और सुरक्षित होता है..!
अगर समाज में पुलिस का वातावरण ठीक नहीं होगा, अवैध गतिविधियां होंगी तो समाज परेशान रहेगा, इसलिए जो भी पुलिस अधिकारी हैं उनकी मंशा इस तरह से होना चाहिए कि, समाज अच्छा रहे..!
DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
इंदौर में जो कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है इसको कई राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए भी देखा जा रहा है ?
नहीं यह एक बहुत अच्छा प्रयास है, इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से अपराधों पर बहुत अच्छा नियंत्रण होगा और जो भी क्रिमिनल्स हैं, जो व्यवस्था है वह काफी सुचारू रूप से संचालित होंगी lइस प्रणाली से अपराधियों पर निश्चित रूप से खौफ बनेगा, सारे बाउण्ड ओवर की जो कार्यवाही है हमारे जो वरिष्ठ अधिकारी हैं उनके नॉलेज में रहेगी तो उनके नॉलेज में सारे क्रिमिनलस वगैरह रहेंगे l इस कारण से क्रिमिनल्स पर भी हमारा पूरा नियंत्रण रहेगा और जो अपराधी प्रवृत्ति के रहेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी l ऐसा हमारा मानना है और जो अन्य प्रदेशों में कमिश्नरी प्रणाली चल रही है, वह काफी सक्सेसफुली है कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है इसको राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जा सकता है l यह अच्छा निर्णय है और सभी को शुभकामनाएं और बधाई l
क्या आप ऐसा मानते हैं कि इसके कारण पुलिस प्रशासन में और भी कसावट आएगी ?
बिल्कुल मेरा स्पष्ट मानना है कि इस व्यवस्था से निश्चित रूप से प्रशासन में कसावट आयेगी, इस व्यवस्था से और बल मिलेगा और भी जो संसाधन है वे सब भी मिलेंगे l इसके अलावा और भी जो अधिकारी है जो नॉलेजेबल है उन अधिकारियों का विभाग को लाभ मिलेगा और इसी कारण आम जनता भी काफी प्रसन्न रहेगी l क्योंकि अपराध पर नियंत्रण रहेगा उसे आम जनता को भी काफी सहूलियत रहेगी l
शिक्षित बेरोजगार जो है वह अपराध की ओर जा रहे हैं आपका क्या मानना है ?
नहीं ऐसा तो नहीं है, हमारे द्वारा भी कई कॉलेजों में मीटिंग ली जाती है l जॉब तो वैसे सभी जगह है फिर भी कुछ कमी तो है l फिर भी उसकी मंशा होना चाहिए, उसकी मेहनत है और अगर वह मेहनत करेगा तो हंड्रेड परसेंट उसको जॉब मिलेगी और वह अपराधिक गतिविधियों से दूर रहेगा l
शहर में महिलाएं अपराध कर रही है इस पर पुलिस प्रशासन का क्या कंट्रोल है ?
मेरा मानना है कि इस में इस तरह के बहुत ही कम रेयर केस में है l हमारे क्षेत्र कि अगर हम बात करें तो एक महिला है जो अपराधिक गतिविधियों में कही न कही लिप्त थी,उसकी गतिविधियों को देखते हुए उसे अरेस्ट किया और आज वह जेल में है l पर यह बहुत रेयर केसेस में है हजारों में कोई ऐसा होता है तो इस तरह का अपराध समाज को चेंज नहीं कर सकता है, तो सभी दूर है ऐसा नहीं है l
घरेलू हिंसा में आप किसे दोषी मानते हैं ?
आज समय बदल गया है, और जो प्रिंट मीडिया और व्हाट्सएप अभी जो चल रहा है, उस के माध्यम से कुछ परिवारों में यह स्थितियां बदलती है l परंतु उनके संस्कार और अच्छे लोगों के माध्यम से जो वातावरण बनता है, उससे कहीं ना कहीं लाभ मिलता है, जैसे हमारे यहां महिला डेस्क है, महिला थाने हैं, इन के माध्यम से जो भी समस्याएं होती हैं उसका निराकरण भी होता है l
सीएम साहब ने सख्त निर्देश दिए हैं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आपका क्या नजरिया है ?
मेरा तो मानना है कि यह बहुत अच्छा संदेश है और गुंडों के खिलाफ और बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी, तो हमारा जो समाज है वह बहुत खुशहाल रहेगा l जो भी गुंडागर्दी करता है और महिलाओं से जो भी छेड़छाड़ करता है या अन्य अपराध करता है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए l जिला बदर की कार्यवाही और रासुका की कार्यवाही,उनके अवैध अतिक्रमण अवैध मकान हो यानी कोई जायदाद हो, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए यही निर्देश दिया है c.m. साहब ने और यह सही भी है l
अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता है यह कहां तक सही है ?
नहीं मुझे तो इस तरह का कोई बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देता है l क्योंकि मुझे भी लगभग 28 वर्ष इस विभाग में हो गए हैं l तो ऐसा नहीं है, अगर आप अच्छी कार्यवाही कर रहे हैं,तो आप के प्रति राजनीतिक लोग भी अच्छे हैं, और समाज भी आपकी तारीफ करेगा l तो वह ऐसी परिस्थिति नहीं होती है, समाज को अच्छा बनाने के लिए राजनीतिक लोग भी इंवॉल्व रहते हैं और पुलिस विभाग भी इंवॉल्व रहता है l
और जब दोनों एक ही मानस से काम करते हैं तो समाज में अच्छे लोग रहते हैं और गुंडों पर सख्त कार्रवाई होती है l
साइबर अपराध के मामले में आपके थाने पर दक्ष स्टाफ की क्या स्थिति है ?
साइबर के मामले में हमारे यहां हमारे थाने पर कुछ 4-5 जवान और हेड कांस्टेबल हैं, अगर किसी प्रकार कोई क्राइम होता है, तो पहले तो साइबर थाने भी हैं, साइबर के माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय भी हैं l और इसके अलावा साइबर के जो प्रकरण देखते हैं, जो शिकायत आती है उसकी जांच करते हैं l और बहुत सारे साइबर के जो अपराध हैं उन्हें हम भी ट्रेस करने की कोशिश करते हैं l और अगर हमको ऐसा लगता है कि हमारे अलावा और भी जो इस से रिलेटेड संस्था होती है उससे हम मार्गदर्शन लेते हैं और समाधान का प्रयास करते हैं l
समाज सेवा में पुलिस का क्या महत्वपूर्ण रोल रहता है ?
यह सवाल आपका अच्छा है,समाज सेवा में पुलिस का बहुत महत्वपूर्ण रोल है l काफी अच्छा रोल पुलिस का होता है,पुलिस के द्वारा समाज में यदि अच्छा वातावरण रखा जाएगा तो निश्चित रूप से समाज बढ़िया चलेगा l अगर समाज में पुलिस का वातावरण ठीक नहीं होगा, अवैध गतिविधियां होंगी तो समाज परेशान रहेगा, इसलिए जो भी पुलिस अधिकारी हैं उनकी मंशा इस तरह से होना चाहिए कि, समाज अच्छा रहे l उसके लिए जो अवांछनीय गतिविधियां हैं उसको शक्ति से खत्म करना चाहिए l
आमजन की आप तक पहुंच कैसी है ?
आमजन की हम तक बहुत अच्छी पहुंच है, हम तो 24 अवर्स उपलब्ध हैं, जब भी हमारी किसी को आवश्यकता होती है, हमारे मोबाइल नंबर सभी जगह डिस्प्ले हैं l और इसके अलावा हम जब यहां थाने पर रहते हैं या मोहल्ला मीटिंग लेते हैं तो उनसे हमारा संपर्क होता है, तो उससे डायरेक्ट व्यक्ति हमसे संपर्क में रहता है l तो उसको जल्दी राहत मिलती है, जनता हमारे बड़े अधिकारियों के संपर्क में आती है, तो वह बड़े गंभीर होते हैं और उससे उन को बड़ी राहत मिलती है l
आप अगर पुलिस में नहीं होते तो कहां होते ?
यह भी आपने अच्छा पूछा है l और मैं अगर पुलिस विभाग में नहीं होता,तो चूंकि मै निश्चित रूप से स्पोर्टस से संबंधित हूं तो स्पोर्ट्स में ही कहीं अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा होता l और पुलिस विभाग में भी मैं ऐसे ही उद्देश्य से आया था क्योंकि मैं( जिमनास्टिक में ऑल इंडिया में गोल्ड मेडलिस्ट रहा हूं ) तो अगर मैं पुलिस विभाग में नहीं होता तो निश्चित रूप से स्पोर्ट्स में अपनी भूमिका निभा रहा होता l
इतनी व्यस्तता के बावजूद क्या आप परिवार को समय दे पाते हैं ?
पुलिस की सेवा व्यस्तता की सेवा है उसके बाद भी अपने परिवार को पूरे समय देते हैं l जितना समय हम को मिलता है अधिकतम समय हम परिवार को देते हैं, परिवार हमारे साथ रहता है और हमारे बच्चे वगैरह भी अच्छे स्कूल में हैं और हम पुलिस की सेवाओं से संतुष्ट हैं l