- अपराधियों को लगता है कि पुलिस सजग हैं सचेत है और क्षेत्र में है तो वो लोग अपराध करने से डरते भी हैं और अपराध में कमी आती है...
- मैं अपने टाइम की पंचुअल हूं और मैं अपने घर का काम भी करती हूं और थाने पर भी मैनेज करती हूं....
- पहले महिला पर जब अपराध होता था तो वो खुलकर सामने नहीं आती, घरवालों तक को नहीं बताती थी, आज की परिस्थिति में सामने आ रहे हैं और अपराध रजिस्टर्ड हो भी रहे है ....
- मेरे पिताजी और उनके पांच भाई सब पुलिस में थे मेरे ससुराल में भी मेरे ससुर जी मेरे हस्बैंड जो है वह तीनों भाई पुलिस में है मेरा बैकग्राउंड भी पुलिस विभाग का रहा है ...
- जनता से मेरी यही अपील है कि आप सजग रहकर सतर्क रहकर अपना दायित्व निभाए...
श्रीमती मंजू यादव थाना प्रभारी तिलक नगर ने अनेक विषयों पर बेबाकी से जवाब दिया...मुख्य अंश...
शहर में पुलिस प्रशासन के लिए कमिश्नर प्रणाली को लागू किया गया है आप कैसे देखते हैं, आम नागरिक को लाभ मिलेगा?
जी सबसे पहल की गई है कि विजुअल पुलिस का उद्देश्य है कि पुलिस ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र में रहे ताकि आम जनता के संपर्क में भी रहे और उनके हम समस्याओं को भी सुनते हैं और चेकिंग वगैरह ट्रैफिक से संबंधित चीजें हैं और उससे क्या होता है कि जब पुलिस ज्यादा बाहर दिखती है अपराध में वैसे भी कमी आती है क्योंकि अपराधियों को लगता है कि पुलिस सजग हैं सचेत है और क्षेत्र में है तो वो लोग अपराध करने से डरते भी हैं और अपराध में कमी आती है आम जनता को इससे अवश्य लाभ मिलेगा।
प्रशासन को काम करने में आसानी होगी या परेशानी आएगी ?
नहीं परेशानी वाली पर ऐसी कोई चीज नहीं है क्योंकि काम तो वही है लगभग पूरे कोर्ट का काम है जो थोड़ा सा है बाकी तो धीरे-धीरे रूटीन में आ जाएगा, नहीं परेशानी वाली तो ऐसी कोई चीज नहीं है ।
पुलिस कार्यवाही में राजनीतिक हस्तक्षेप को आप कैसे देखते हैं ?
पुलिस कार्यवाही में राजनीतिक हस्तक्षेप अगर मैं अपना पर्सनल बताऊं तो कभी ऐसा फील नहीं हुआ कि कोई बहुत ज्यादा हस्तक्षेप है, जो राजनीतिक प्रतिनिधि हैं उनके फोन भी आते हैं और उन्हें सही बात बताई जाती है तो वे उन्हें मानते भी है। बहुत ज्यादा मुझे ऐसा कुछ हस्तक्षेप जैसा नहीं लगा ।
महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को आप कैसे नियंत्रण करते हैं?
महिलाओं पर वर्तमान में बहुत अपराध हुए भी हैं और मैं तो एक महिला पुलिस अधिकारी हूं इसलिए सबसे पहले महिला समस्या को देखते हुए जैसा आपने अभी देखा - मैं थाने पर आते ही सही सबसे पहले महिलाओं की समस्याओं को मैंने देखा सुना, प्राथमिकता के आधार पर हम महिलाओं की समस्याओं को लेते हैं समस्या हल करते हैं। त्वरित निराकरण जहां तक हो सके करना चाहिए ।
एक महिला पुलिस अधिकारी होने के कारण आपको कार्य संपन्न करने में व्यवहार में कठिनाई आती है ?
मैं अपने टाइम की पंचुअल हूं और मैं अपने घर का काम भी करती हूं और थाने पर भी मैनेज करती हूं 21 साल की नौकरी में बाई चांस कभी ऐसा हुआ विपरीत परिस्थिति हुई हो तो वरना मुझे अभी तक ऐसा कोई एहसास नहीं हुआ।
लड़कियों के विवाह उम्र 21 की गई है इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?
वैसे भी आजकल क्योंकि जो शादी है वही 20:21 के बाद ही होती है, यह बढ़िया है। नाबालिग लड़कियां संभल नही पाती है, जल्दी शादी होने से कई समस्याएं आती हैं । परिपक्व होने पर शादी करना ठीक है।
जैसे कि हम देख रहे हैं कभी छोटी बच्चियां गुमराह हो जाती है?
हां यह गुमराह होती है जैसे अभी मां बता रही थी कि बच्चे को पढ़ने के लिए मोबाइल दिया और वह उसका उपयोग गलत कर रही है माता-पिता ने उसे मोबाइल दिलाया व माता-पिता अनपढ़ है, माता-पिता वर्किंग हैं तो वह कई चीजें नहीं देख पाते हैं, मोबाइल नेटवर्क है या सोशल साइटों को लेकर जो छोटे बच्चे हैं वह गुमराह हो रहे हैं उन लोगों को अभी बहुत सारी अच्छी बुरी चीजें समझ में नहीं आती है । लेकिन अगर उन्हें प्रयास किया जाए और अच्छे से समझाया जाए तो बच्चे समझने का प्रयास करते हैं।
कोई ऐसा अपराध जिसने आप को चौंकाया हो?
बिल्कुल मैं जब थाना प्रभारी एरोड्रम थी, मैंने नए-नए जॉइन किया था तो एक 10 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ था बड़ा चैलेंजिंग था बहुत छोटी बच्ची थी 10 साल की और जो अपराधी था वह 45 साल का था सुनील करोसिया वाला जो काफी हाइलाइटेड प्रकरण था सभी को पता भी है, हमने उसमें बहुत चैलेंज के साथ काम किया गया और उसका अंत बहुत अच्छा हुआ ,अच्छी सजा मिली ।उसमें उनको दोनों को प्राकृतिक सजा मिली है मतलब जीवित रहते तक वह जेल में ही रहेंगे । यह एक बड़ी सफलता थी।
अपराध का ग्राफ बढ़ा है या कम हुआ है?
अभी रजिस्ट्रेशन अधिक हो रहे हैं पहले महिला पर जब अपराध होता था तो वो खुलकर सामने नहीं आती, घरवालों तक को नहीं बताती थी, आज की परिस्थिति में सामने आ रहे हैं और अपराध रजिस्टर्ड हो भी रहे है, इस वजह से संख्या बढ़ी हुई दिखाई दे रही है रजिस्ट्रेशन अधिक हो रहे हैं ।
महिलाएं अपराधी हो रही है क्यों ?
महिलाएं अपराधी हो रही हैं वह बहुत सारी चीजें, जो टीनएजर्स बच्चे हैं उनमें आज का जो चकाचौंध वाली जो लाइफ है उसमें बहुत जल्दी आगे बढ़ने या बहुत सारे शौक बहुत सारी उनकी जो इच्छाएं होती हैं तो उस कारण भी बहुत सारे लोग अपराध की तरफ उन्मुक्त हो जाते हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि जो आज महिलाओं में अपराधिक प्रवृत्ति है, या दूसरा जो एकदम फ्रीनेस है, आज लड़के और लड़की को दोनों समान रूप से रखा गया है परंतु कहीं ना कहीं बहुत सारे बच्चे जो वेस्टर्न कल्चर है उसे वे समझते हैं कि उनके लिए अच्छी है उनकी समझ ना होने से उस तरफ वो ज्यादा उन्मुक्त होते हैं।
बाल अपराध पर हम कैसे नियंत्रण कर सकते हैं?
बाल अपराध पर पहले की अपेक्षा काफी कुछ हुआ है जैसे पहले 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखा जाता था आजकल वह नहीं होता है, बच्चों के लिए बहुत सारी हेल्पलाइन है या पुलिस भी पुलिस पूरी मदद करती है हम लोग जाते हैं सब जगह स्कूलों में भी जाते हैं जो बच्चे हैं लड़कियां हैं महिलाएं हैं, उनको उन चीजों के बारे में बताते हैं उन्हें गलत सही अपराधों से परिचित कराने का प्रयास भी किया है बच्चों को बेड टच गुड टच के बारे में भी हम बताते हैं, बच्चों को अवैर करें ताकि उनमें अवेयरनेस आ सके।
आपके क्षेत्र में आप की पकड़ कैसी है और आपके संपर्क कैसे हैं, अपराधियों पर आप का डर है कि नहीं?
इस पर मैं कैसे कह सकती हूं यह तो आप क्षेत्र में जाएं सर्वे करें और जनता से पूछे जनता बताएगी कि मेरा संपर्क और डर कैसा है।
ऐसे तो कुछ अपराधी होंगे जिन पर आपको तरस आता होगा..
हां कई बार अपराधियों को तरस आता है पर देखिए अपराधी तो अपराधी होता है उनकी कई बार पारिवारिक परिस्थितियां ऐसी होती हैं वे अपराध की ओर चले जाते हैं उनके घर में खाने को नहीं है तो भी छोटे-मोटे अपराध अभी हमने देखा कि नशे वाले लड़के टीनएजर्स जो है वह नशे की और बहुत उन्मुक्त हो रहे हैं, नशे के कारण व अपराध करते हैं , परिस्थितियों में अपराध करना उनकी मजबूरी हो जाती है, नशा करना है नशे के लिए घरवाले तो पैसे देते नहीं है तो वह अपराध करते हैं, ऐसे अपराधियों की हम काउंसलिंग भी करते हैं हमारे पुलिस विभाग द्वारा नशा मुक्ति हेतु कई अभियान भी चलाए जाते हैं उसके द्वारा उन्हें समझाया जाता था कि अपराध से दूर है
अगर आप पुलिस विभाग में नहीं होती तो कहां होते?
मैं शादी के बाद इस जॉब में आई हूं मेरी बेटी थी डेढ़ साल की तब मैं इस जॉब में आई हूँ, पुलिस में ऐसा कोई वह नहीं था हालांकि में शुरू से स्पोर्ट्स में रही हूं फिर उसे मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि जो है वह पुलिस की रही है मेरे पिताजी और उनके पांच भाई सब पुलिस में थे मेरे ससुराल में भी मेरे ससुर जी मेरे हस्बैंड जो है वह तीनों भाई पुलिस में है मेरा बैकग्राउंड भी पुलिस विभाग का रहा है।
आम जनता के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे, और आम जनता की आप तक पहुंच कैसी है?
आम जनता को हमारा संदेश है कि आपको आपके परिवार में या समाज में या के आसपास कहीं भी कुछ हो रहा है तो या कोई गलत गतिविधि हो रही है आपको जो लगे कि उसे पुलिस तक लाना चाहिए तो अवश्य पुलिस तक उस बात को लाना चाहिए उन्हें नजरअंदाज ना करें, जिससे अन्य के साथ अगर कोई अपराध हो रहा होगा तो कल वह हमारे साथ भी हो सकता है, जनता से मेरी यही अपील है कि आप सजग रहकर सतर्क रहकर अपना दायित्व निभाए ।