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DGR विशेष

सोशल मीडिया पर प्रसिद्धी पाने का शौक ले रहा जान !

  • 23 Dec 2021

शेयर और लाइक्स पाने की चाहत में करते हैं खतरों के बीच बनाते हैं वीडियो और फोटो
अधिकांश नाबालिग और युवा हो रहे मानसिक बीमारियों का भी हो रहे हैं शिकार

 पुुष्पेंद्र पुष्प

इंदौर। आज तेजी से हर कोई सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। कुछ भी कार्य करने के बाद तत्काल सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो वायरल कर दिए जाते हैं। फिर इंतजार रहता है लाइक्स, कमेंट्स और शेयर का। कई बार जब यह नहीं मिलता है तो मन उदास हो जाता है। यही सोशल मीडिया अब लोगों की जान का दुश्मन भी बन रहा है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर प्रसिद्धी पाने के चक्कर में खुद की जान से खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
दरअसल अधिकांश नाबालिग और युवा वर्चुअल वल्र्ड को ही रियल समझने की गलती करते हुए तनाव के चलते मानसिक बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। वर्चुअल वल्र्ड में प्रसिद्धी पाने के लिए नाबालिग बच्चे और युवा वर्ग काफी हद तक जोखिम उठाते हैं और कभी-कभी हादसे का शिकार भी हो जाते हैं। देखा गया है कि चलती ट्रेन के साथ सेल्फी लेना या यू ट्यूब के लिए वीडियो बनाना। चलती गाड़ी पर सेल्फी लेना सहित खतरनाक स्थानों पर फोटो खिंचने के दौरान हादसे हो जाते हैं। मानसिक चिकित्सक और एक्सपर्ट भी मानते हैं कि सोशल मीडिया के कारण मानसिक रोगों में बढ़ोतरी हुई है और कई लोग  तनाव में आकर इन रोगों की गिरफ्त में आ रहे हैं।
हाल ही में शहर में हुई एक घटना की शुरूआती जांच में भी यही पता चला है कि बंदूक के साथ फोटो खिंचाने के चक्कर में गोली चल गई और युवक की मौत हो गई। वहीं पूर्व में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें एक नाबालिग के गले में मौत का फंदा कस गया। वहीं सेल्फी लेने के चक्कर में एक छात्रा की जान चली गई।
रील्स बनाने के शौक में गई जान
इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के लिए वीडियो बनाने के दौरान 10 वीं के एक छात्र की मौत हो गयी। वह एक इंस्टाग्राम स्टार था और अक्सर रोचक अंदाज में वो शॉर्ट वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड भी करता था लेकिन वीडियो बनाना महंगा पड़ गया और जरा सी चूक के चलते उसकी जान चली गई। दरअसल, छात्र की मौत का सनसनीखेज मामला इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र का है। जहां कबीटखेड़ी लाहिया कालोनी में रहने वाले 10 वीं के छात्र आदित्य पिता देवीलाल नायक की मौत खेल-खेल में हो गई। जानकारी के मुताबिक 14 साल के आदित्य को इंस्टाग्राम रिल्स और शार्ट वीडियो बनाने का बहुत शौक था और वो स्वयं को इंस्टाग्राम स्टार मानता था और आदित्य का ये ही शौक उसकी जान के दुश्मन बन गए। आदित्य खेल-खेल में फांसी लगाने का नाटक कर उसका वीडियो बना रहा था जब वह कुर्सी पर चढ़ता है और फांसी का फंदा गले में डाल लेता है। जैसे ही हाथ छोड़ता है तो कुर्सी अनबैलेंस होकर गिर जाती है। फिर वह फंदे पर झूल जाता है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये हादसा हुआ था, उस समय घर पर आदित्य और उसका छोटा भाई मौजूद थे। घटना के वक्त मृतक आदित्य के माता पिता पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने जावरा गए हुए थे। इधर, जब आदित्य फांसी पर झूला तो वहां मौजूद उसके भाई ने शोर मचाया तो आस पास के लोग आ गए और उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। आदित्य के पिता देवीलाल नायक की माने तो जिस वक्त ये सबकुछ हुआ उस वक्त वो बाहर गए हुए थे।
सेल्फी के चक्कर में मौत
उधर, एरोड्रम थाना क्षेत्र में 12 साल की एक मासूम बच्ची की सेल्फी लेने के चक्कर में जान चली गई। घटना एयरपोर्ट के सामने मां वैष्णो देवी नगर की है। यहां 12 साल की आयुषी सोलंकी पिता अतुल सोलंकी अपने कमरे में थी। काफी देर तक बाहर नहीं आने पर परिजन जब उसके कमरे में पहुंचे तो वह फंदे पर लटकी मिली। पुलिस ने मामले में आशंका व्यक्त की है बच्ची घर पर कुर्सी पर खड़ी होकर फांसी लगाने की एक्टिंग कर सेल्फी ले रही थी। इस दौरान बैलेंस बिगड़ा और कुर्सी सरक गई, जिससे फंदा गले में कस गया और मासूम की मौके पर ही मौत हो गई।
सोशल मीडिया के कारण हो रहे दंपत्तियों में विवाद
पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आने की एक वजह सोशल मीडिया भी है। इस साल में ऐसे कई मामले महिला पुलिस के पास पहुंचे हैं, जिनमें सोशल मीडिया के कारण दांपत्य जीवन में कड़वाहट फैल गई। रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने सूझबूझ से इन मामलों को सुलझाया और पति-पत्नी के बंधन को और मजबूत धागे से बांधा। हालांकि इसके बाद भी इन केसों में कोई कमी नहीं आई है और हर महीन पांच से दस मामले पुलिस अफसरों के सामने आ रहे हैं। भले ही सोशल मीडिया से जुड़े रहना आज के दौर की जरुरत हो गई है, लेकिन पति-पत्नी के बीच विवाद की मुख्य वजहों में भी ये शामिल हो चुका है। पुलिस के पास आने वाले ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी के बीच विवाद की वजह दहेज प्रताडऩा या सास- ससुर से पटरी न बैठना के बजाय सोशल मीडिया ही बन रहा है। महिला थाने में दहेज प्रताडऩा, सास-ससुर की प्रताडऩा, पति द्वारा परेशान करना जैसे अन्य कई शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा के मामले आते हैं। अब हर महीने 20 के आसपास केस सोशल मीडिया से जुड़े आ रहे हैं। महिलाओं की शिकायत हैं कि पति दिनभर मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं और परिवार को समय नहीं देते। पति भी कुछ ऐसी ही शिकायत करते हैं। उनका कहना है कि पत्नी परिवार, बच्चों को छोड़ दिनभर चेटिंग में व्यस्त रहती है। पति-पत्नी में छोटी से विवाद पर घर टूट जाता है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। ऐसे मामले लगातार न बढ़ें और टूटे रिश्तों को दोबारा जोडऩे की कोशिश की जाए, इसलिए महिला थाने में ही महिला परामर्श केंद्र बनाया गया है, जहां पति-पत्नी की काउंसलिंग कर समझाइश दी जाती है।