इंदौर। डाक्टर्स डे पर भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर ने कोरोना महामारी में जान को दांव पर लगाकर मरीजों की सेवा करने वाले डाक्टर को बड़ी सौगात दी है। आइआइएम डाक्टरों में लीडरशिप की गुणवत्ता को बेहतर करने पर काम करेगा। संस्थान के नेतृत्व विकास प्रशिक्षण 'कृतज्ञ" के तहत आनलाइन लीडरशिप डेवलपमेंट ट्रेनिंग कार्यक्रम कराया जाएगा। कार्यक्रम 70 घंटे का होगा। इसका नियमित शुल्क 1.5 लाख प्रतिभागी होता है लेकिन डाक्टरों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। संपूर्ण खर्च संस्थान वहन करेगा। कार्यक्रम पर संस्थान करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसमें 100 डाक्टर को शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम को पूर्ण करने वालों को लघु अवधि कार्यक्रम करने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय का कहना है कि कार्यक्रम में नेतृत्व, बातचीत, संघर्ष प्रबंधन, प्रभावी संचार कौशल, नए जमाने की तकनीक को समझना, सेवा संचालन, वित्तीय प्रबंधन और अन्य विषयों पर विस्तार से बात होगी। कार्यक्रम आनलाइन होगा और इसे जुलाई से अक्टूबर तक हर शनिवार और रविवार को आयोजित किया जाएगा। आइआइएम इंदौर की वेबसाइट 666.्र्रे्र1ि.ंू.्रल्ल पर तीन जुलाई को कार्यक्रम में शामिल होने की अधिक जानकारी जारी की जाएगी। कार्यक्रम के लिए डाक्टर खुद को या अपने सहयोगियों को नामांकित कर आवेदन कर सकते हैं। आइआइएम के विशेषज्ञों की समिति आवेदनों में से सबसे योग्य 100 डाक्टरों की पहचान करेगी। प्रो. राय का कहना है कि संस्थान उन डाक्टरों का आभार व्यक्त करना चाहता है जिन्होंने महामारी की चुनौती का सामना कर देश को कठिन समय से निकालने में मदद की। उन्होंने कहा कि मेरा भाई भी डाक्टर है। मैंने उसे हमेशा समर्पित, दृढ़ संकल्पित और निस्वार्थ भाव से प्रत्येक जरूरतमंद की सेवा करते देखा है। इसी तरह की भावना सभी डाक्टर में है। हमारी भी कोशिश होनी चाहिए कि कुछ न कुछ उनके लिए करते रहे।
कोविड से दिवंगत चिकित्सकों को दी श्रध्दांजलि
कोविड महामारी के दौरान देशभर में 1372 चिकित्सकों की मौत हुई हैं। गुरुवार को चिकित्सक दिवस के मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की इंदौर शाखा द्वारा दिवंगत चिकित्सकों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। आनलाइन हुए कार्यक्रम में वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन (डब्ल्यूएमए) के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रवि वानखेड़ेकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनके अलावा चेन्नई स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) कालेज ऑफ जनरल प्रैक्टिशनर्स के डीन डा. नटवर शारदा भी अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस आनलाइन कार्यक्रम में डा. रवि वानखेड़ेकर ने बताया कि चिकित्सकों ने सैनिक की भांति पूरे देश में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन किया और कभी-भी पीछे कदम नहीं हटाया। आज समाज को यह समझने की आवश्यकता है कि चिकित्सकों पर होने वाले हिंसात्मक प्रहार का निषेध होना चाहिए ताकि बचाने वाले को बचाओ जैसे अभियान को चलाने की जरूरत आइएमए को न करना पड़े। कार्यक्रम में आइएमए इंदौर शाखा के अध्यक्ष डा. सतीश जोशी, मानद सचिव डा. साधना सोडाणी, राज्य अध्यक्ष, डा.अनिल भाटिया तथा डा. सुमित शुक्ला भी उपस्थित थे। कोविड के कारण एमजीएम मेडिकल कालेज से पास हुए करीब 30 चिकित्सकों का इस वर्ष जनवरी से अब तक निधन हो चुका है।
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आइआइएम देगा डॉक्टरों को बड़ी सौगात, फ्रंटलाइन सेवा में कार्यरत डाक्टरों को लीडरशिप डेवलपमेंट कार्यक्रम कराएगा
- 02 Jul 2021