- आम थानों में और हमारे कार्य प्रणाली में अंतर होता है उस की प्रणाली यह होती है कि उनके पास नामजद आरोपी होता है। साइबर सेल मैं इसके विपरीत होता है पहले आप जांच करते हैं, साइबर के पास नामजद आरोपी नहीं होता है। यह आम थानों और साइबर सेल में अंतर होता है।
- साइबर सेल द्वारा अपराध रोकने के अनेक कार्य किए जाते हैं स्कूल कॉलेजों में जाकर अवेयरनेस के प्रोग्राम चलाए जाते हैं है कि अपनी कोई गोपनीय चीजें किसी को शेयर नहीं करना चाहिए अपने मोबाइल को कैसे सिक्योर रखना है सभी चीजें हमारे द्वारा लोगों को बताई जाती है यह हमारा प्रयास लोगों को जागरूक करना होता है यह साइबर सेल द्वारा समय-समय पर किया जाता है साइबर का मूल उद्देश्य यही है कि आप सतर्क रहेंगे तो ही इस क्राइम से बच सकते हैं।
DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है इसको आप किस नजरिए से देखते हैं?
मध्य प्रदेश शासन के द्वारा इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है, यह एक प्रदेश शासन की बहुत ही अच्छी व्यवस्था है,इससे युवा वर्ग में भी काफी सजगता हुई है, पुलिसकर्मियों में भी इससे बड़ी उत्सुकता है,नया जोश है और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे बढ़िया प्रणाली प्रमाणित होगी। इसलिए हम कह सकते हैं कि कमिश्नर की प्रणाली इंदौर में जो लागू हुई है वह प्रशंसनीय कदम है।
अन्य थानों और साइबर सेल के थानों की कार्यप्रणाली में क्या अंतर होता है?
अच्छा सवाल है साइबर सेल और अन्य थानों की कार्यप्रणाली में काफी अंतर होता है। साइबर सेल की कार्यप्रणाली अन्य थानों के कार्य प्रणाली की अपेक्षा उनकी तुलना में एकदम अलग होती है। ,जो शिकायतकर्ता होता है उसकी शिकायत ही मुख्य आधार होती है। उसी के आधार पर हमको काम करने के लिए एक चैन बनानी पड़ती है, बहुत ही चैलेंजिंग काम है साइबर सेल का, अन्य थानों की अपेक्षा।
साइबर सेल के काम करने का उद्देश्य क्या है ?
साइबर सेल के काम करने का उद्देश्य है कि जिस तरह से अभी नए नए अपराध आ रहे हैं और आने वाले समय में भी इस तरह के अपराध और बढ़ेंगे,हमारी जो टेक्निकल चीजें हैं उसमें आधुनिकता में हर जगह डिवाइस सबसे इंपोर्टेंट है। तो उस पर लेकर सारे पॉइंट होते हैं साइबर सेल का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अवेयर करें ,उन्हें जागरूक करें और उनकी शिकायत पर कार्रवाई करें।
आम अपराधी का सीधा संबंध साइबर सेल से होता है क्या ?
देखिए इसमें साइबर सेल से सीधा संबंध तो अपराधी का नहीं होता है,क्योंकि हमें अपनी जो कार्यप्रणाली है, फाइबर की जो कार्यप्रणाली है,चुकी शिकायतकर्ता की जो शिकायत है उस पर से ही साइबरसेल काम शुरू करता है। तो एक छोटा क्लू मिलता है,जिसके आधार पर बहुत बड़ी चैन तैयार करना होती है। उसी आधार पर जो फाइनली मुख्य अपराधी होता है उस तक हमें जाना होता है।
अपराधी में साइबर सेल के नाम का खौफ है या नहीं?
अपराधियों में निश्चित रूप से साइबर सेल के नाम का खौफ है और खौफ होना भी चाहिए। अब लोगों में भी साइबर से संबंधित अपराध के लिए अवेयरनेस है,काफी जागरूकता आ गई है,तो कहीं ना कहीं इसमें युवा वर्ग और नौजवान लड़के लड़कियां जो है, जो नौकरी छोड़ चुके हैं,जो साइबर के प्रति अट्रैक्ट होने से अपराध करने के लिए अब उनको थोड़ा सा डर यह है कि अगर हम अपराधी प्रमाणित हो गए,तो हमारा भविष्य कहीं न कहीं खतरे में नजर आएगा।
साइबर सेल का कार्य क्षेत्र क्या है?
इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि साइबर सेल के मध्य प्रदेश में अलग-अलग जोन है। हमारा जो हेड क्वार्टर है वह भोपाल में है। भोपाल से साइबर सेल 4 झोनो में विभाजित है। भोपाल इंदौर ग्वालियर और जबलपुर इन चारों में साइबर सेल कार्य करता है।
क्या साइबर सेल सीधे अपराधियों पर कार्रवाई कर सकता है?
साइबर सेल अपराधी पर सीधे-सीधे कोई कार्यवाही नहीं करता है। क्योंकि मैंने पहले भी बताया है कि शिकायतकर्ता बताता है कि उसके उसके साथ किस तरह का फ्रॉड हुआ है। उसके बाद ही हम अपराधी तक पहुंचते हैं, पहले शिकायत ली जाती है शिकायत जांच की जाती है। उसके बाद जैसे हमें आरोपी का पता लगता है, उसके बाद एफआईआर दर्ज करते हैं फिर हम आरोपी के पास तक पहुंचते हैं।
साइबर सेल द्वारा कोई विशिष्ट कार्य किया ?
सवाल अच्छा है साइबर सेल द्वारा हमेशा ही विशिष्ट कार्य किए जाते हैं साइबर सेल के द्वारा बड़े-बड़े मुलजिम और बड़े बड़े अपराधियों को पकड़ा है अभी दिल्ली में राजस्थान और पश्चिम बंगाल में साइबर क्राइम जो अपराधी हैं जो विदेशी लोग आकर इंडिया में बस गए हैं। उनके द्वारा क्राइम बहुत ज्यादा किया जाता है, इस संबंध में साइबर द्वारा बड़े-बड़े कैस की सफलता है। साइबर द्वारा विदेशी नागरिकों को पकड़ा है ऐसे लोग जो भारत आकर बस जाते हैं वह क्राइम करते हैं।
जनता के प्रति साइबर सेल कितना जवाब देह है?
साइबर सेल जनता के प्रति जवाब देह तो बहुत ज्यादा है। अभी जो क्राइम बढ़ रहे हैं वह साइबर क्राइम बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। लड़के लड़कियां के साथ सोशल मीडिया के फ्रॉड बहुत हो जाते हैं, कोई किसी की आईडी हैक कर रहा है, फेक आईडी बना रहा है, कोई किसी की अश्लील तस्वीरें वायरल वायरल की जा रही है,किसी के साथ बैंक खाते का फ्रॉड हो जाता है, पैसा निकाल लिया जाता है, इस तरह के जो फ्रॉड हो रहे हैं। लेकिन हम उसके बहुत डीप में जाकर आरोपी की पहचान कर क्राइम के शिकार फरियादी को रिलीफ दिलाते हैं फिर उसको लगता है कि उसको लाभ मिला है साइबर सेल में आकर।
आपकी कोई विशेष योग्यता बताइए ?
मैं स्पोर्ट्स से हूं, मेरे द्वारा गोताखोरी को लक्ष्य बनाया गया है और इसी फील्ड में मैंने काम भी किया है। तैराकी में मैंने कई पुरस्कार जीते हैं। मैंने भारत का भी प्रतिनिधित्व किया है। अंतरराष्ट्रीय गोताखोर होना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है, मैंने 3 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व गोताखोरी में किया है, चाइना, मलेशिया और बैंकॉक मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
मैं राष्ट्रीय स्तर की गोल्ड मेडलिस्ट गोताखोर रही हूं। भारत सरकार द्वारा मुझे दिल्ली में ही राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मध्य प्रदेश सरकार का एकलव्य पुरस्कार मध्यप्रदेश में जिसे खेल रत्न कहा जाता है उस पुरस्कार से भी मुझे सम्मानित किया गया है। और इन सब का श्रेय मैं अपने पिताजी को देना चाहती हूं,उनके मार्गदर्शन में ही मैंने तैराकी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। मेरे पिताजी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक रहे हैं। इंडिया के बेस्ट वाटर पोलो प्लेयर रह चुके हैं वह भी। और मेरा नेटिव प्लेस इंदौर ही है।