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स्पेशल स्टोरी :  इंदौर के वकीलो के लिए आग से ज्यादा पीड़ा दायक होगी ये बरसात

  • 05 Jul 2021

*इंदौर जिला कोर्ट में परेशान हो रहे वकील 
*आगजनी के बाद तोड़ दिए गए थे वकीलों के शेड 
*जिला न्यायालय प्रशासन ने दिखाई मेहरबानी 
*वकीलों के लिए तैयार किए जा रहे हैं नए शेड

इंदौर।  इंदौर जिला कोर्ट परिसर में पिछले दिनों हुई आगजनी की घटना भले ही शांत हो चुकी है। लेकिन अभी भी वकीलों के दिल दिमाग में एक तरह से यह आग कुछ अलग रूप से धड़क रही है।  इस धधकती आग पर जिला न्यायालय प्रशासन सहानुभूति की ठंडी बौछार कर रहा है। जिसमें कुछ अभिभाषक ही रुकावट पैदा कर रहे हैं जिसे लेकर इंदौर जिला कोर्ट में अभिभाषको का दल दो भागों में विभक्त दिखाई दे रहा है। लेकिन अभिभाषकों की एकता के कारण वह बाहर नहीं  आ रहा है। क्या है पूरा मामला आइए पेश है डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश पिपलोदिया की एक खास खबर....।

 यह इंदौर जिला न्यायालय परिसर में इनदिनों अनेक स्थानों पर लोहे के भंगार सामानों का ढेर दिखाई दे रहा है। यह सामान  न्यायालय परिसर में स्थित ऐतिहासिक इमारत के आसपास लगे अभिभाषकों के टिन सेड से निकाला गया सामान है।  यहां कभी वकीलों के बैठने का छायादार स्थान था जहां पर लोहे के टीन शेड लगे हुए थे। जहां पर बैठकर अभिभाषक गण यहां आने वाले आगंतुकों की सेवा कर रहे थे। लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ की यहां की सारी तस्वीर बदल गई इसकी तह में जाने पर पिछले दिनों हुई घटना की याद ताजा हो गई। दर असल इंदौर जिला न्यायालय परिसर में स्थित यह जो प्राचीन इमारत दिखाई दे रही है यह पूरी प्राचीन इमारत पुरातत्व विभाग के अधीन होकर ऐतिहासिक धरोहर के रूप में शामिल है जिसके अंदर विभिन्न न्यायालय संचालित किए जा रहे हैं। इसी न्यायालय परिसर के तलघर में न्यायलीन कार्य, निर्णय आदि से संबंधित दस्तावेज रखने के लिए स्थान नियत किया गया था जिसे न्यायालय रिकॉर्ड रूम के नाम से जाना जाता था। यहां पर 8 अप्रैल 2021 को अचानक आगजनी की घटना घटित हो गई जिसमें रिकॉर्ड रूम में रखा सालों पुराना न्यायालयीन रिकॉर्ड जलकर नष्ट हो गया। यह घटना 8 अप्रैल की रात्रि को घटित होना बताई जा रही है सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम यहां पहुंची और लगभग 500 टैंकर पानी का उपयोग करने के बाद इस आग को पूरी तरह से शांत किया गया इस आगजनी की घटना को पूरी तरह से काबू में करने के लिए लगभग 1 सप्ताह का समय इंदौर दमकल विभाग को लगा था इस ऐतिहासिक इमारत के आसपास लगभग 300 से अधिक अभिभाषकों ने अपने टीन सेट लगाकर छोटे बड़े स्थान बैठने के लिए नियत कर रखे थे। प्रत्येक टीन शेड में लगभग 8 से 10 अभिभाषक कार्य कर रहे थे। इस मान से यहां लगभग 3 हजार अभिभाषक इस ऐतिहासिक इमारत के आसपास ही बैठकर यहां आने वाले आगंतुकों को न्याय दिलाने का कार्य कर रहे थे किंतु नियति को कुछ और मंजूर था किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसी घटना भी हो सकती है। इस आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए अचानक ताबड़तोड़ तरीके से अभिभाषकों के टीन शेड  हटाने पड़े और चारों तरफ से दमकल विभाग की गाड़ियों ने इस पर पानी की बौछारें कर आग पर काबू पाया। टीन शेड हटा दिए जाने के कारण  अभिभाषकों में आक्रोश भी देखा गया इस दौरान इंदौर जिला अभिभाषक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास पहुंचा और वकीलों की परेशानी एवं समस्या से उन्हें अवगत कराया न्यायालय प्रशासन ने काफी नरम दिल्ली दिखाते हुए यहां पर पुनः टीन शेड का निर्माण करने का आश्वासन दिया था। न्यायिन प्रशासन ने अपना वादा पूरा करते हुए वर्तमान में  यहां कार्य भी आरंभ कर दिया है जिसे लेकर अनेक अभिभाषकों ने जिला न्यायालय प्रशासन के प्रति अपनी कृतज्ञता भी प्रकट की है। इस बात और भावना को खुद कुछ अभिभाषकों ने डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट की टीम के समक्ष व्यक्त किया है। अभिभाषक मनीष जैन ने बताया कि वह न्यायालय प्रशासन के कार्य से संतुष्ट हैं और जो हो रहा है वह अभीभाषको के हित में है। वे समझते हैं कि किसी भी अभिभाषक को इस मामले में कोई शिकायत ना होगी।  वहीं इस मामले में इंदौर जिला कोर्ट अभिभाषक संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष वरिष्ठ अभिभाषक मुकेश सैनी ने बताया कि बरसात का मौसम सर पर है और ऐसे में न्यायालय प्रशासन का यह फैसला काफी सराहनीय है। जो घटना घटित हुई है उस पर किसी का वश नहीं है यह एक दुर्घटना थी लेकिन अब जो हो रहा है वह निश्चित ही राहत भला नजर आ रहा है।

कुछ अभिभावकों ने जताया विरोध

सूत्रों ने बताया कि न्यायालय परिसर की इस ऐतिहासिक इमारत के आसपास बनाए जा रहे टिन सेड को लेकर कुछ अभीभाषको  के मन में असंतोष भी है लेकिन किसी भी अभिभाषक ने फिलहाल मीडिया के सामने खुलकर अपना असंतोष व्यक्त नहीं किया है सूत्रों के अनुसार टिन सेड  लगाने का कार्य फिलहाल स्थगित कर दिया गया है क्योंकि इसे लेकर कहीं ना कहीं विरोध के स्वर नजर आ रहे हैं यह भी जानकारी चर्चा में आई है कि कुछ अभिभाषको के विरोध के चलते अधिकांश अभिभाषको को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बहरहाल इस पूरे मामले में क्या होने वाला है अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा। क्योंकि बरसात में निश्चित ही कहीं ना कहीं सारी स्थिति खुलकर सामने आ सकती है।