ड्रग्स माफिया के खिलाफ NDPS द्वारा युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जा रही है..
वरिष्ठ जनों की सुरक्षा के लिए पुलिस महकमा सजग है और सतर्क भी है ...
DGR @ एल.एन.उग्र (PRO )
कमिश्नर प्रणाली को इंदौर में आप किस तरह से देखते हैं ?
इंदौर में कमिश्नरी प्रणाली लागू हुई है वह अपराधियों के नियंत्रण के लिए बहुत कारगर हथियार है, इसमें अपराधियों को अपराध से रोकने के लिए जो प्रतिबंधात्मक कार्यवाही है, वह समय सीमा में और बहुत कारगर तरीके से बहुत अच्छे से हो सकेगी, जिसके कारण अगर वह पुनः अपराध करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
इससे अपराध जगत पर एवं पुलिस प्रशासन पर कितना फर्क पड़ेगा ?
कमिश्नरी प्रणाली से अपराध जगत पर निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा,पूर्व मैं यह होता था कि प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जो करती थी वह इतने अच्छे तरीके से नहीं हो पाती थी । वर्तमान में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने से बांड ओवर होने की कार्यवाही की जाती है, उनको तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाता है और कुछ समय सीमा के लिए उनको जेल में निरुद्ध कर दिया जाता है तो यह निश्चित है कि अपराध जगत पर इसका बहुत फर्क पड़ेगा। साथ ही हम कह सकते कि पुलिस प्रशासन में भी इस प्रणाली से कसावट आएगी।
पुलिस विभाग द्वारा शासन और प्रशासन के मध्य कैसे समन्वय स्थापित किया जाता है ?
पुलिस विभाग और शासन प्रशासन के मध्य इंदौर में तो पूर्व से भी काफी अच्छा समन्वय रहा है । पूर्व में भी जो कार्यवाही होती थी वह अच्छी कार्यवाही होती थी, अपराध नियंत्रण के लिए जब-जब गुंडे बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाए गए पुलिस विभाग और प्रशासन ने मिलकर अच्छी कार्रवाई की थी । जिसका परिणाम है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भी कई बार इंदौर की इस बात की प्रशंसा की है ।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं इसका क्या संकेत है ?
माननीय मुख्यमंत्री महोदय के जो संकेत हैं उसके आधार पर है यह कह सकते हैं कि अब इसमें बहुत बारीकी से मॉनिटरिंग हमारे वरिष्ठ अधिकारीगण कर रहे हैं । हर छोटी छोटी घटना को बड़ी गंभीरता से लेते हैं, घटना क्यों हुई ? किन परिस्थितियों में हुई ? इसका अध्ययन किया जाता है और पुलिस की क्या भूमिका रही इस पर भी काफी बारीकी से जांच की जाती है।
इंदौर महानगर में ड्रग्स का व्यापार तेजी से बढ़ा है यह मौत के सौदागर जो हैं इन पर क्या कार्यवाही होती है ?
नहीं यह गलत है मौत का सौदागर जो है जिनको हम कह रहे हैं यह गलत है, असल में हो यह रहा है कि पहले कार्यवाही नहीं होती थी और अब कार्यवाही बहुत तेजी से हो रही है,अपराधी पकड़ा रहे हैं, इसलिए लोगों को लगता है कि यहां पर बहुत ज्यादा ड्रग्स का व्यापार और यह मौत के सौदागर अपना जाल बिछा रहे हैं । न केवल इंदौर बल्कि सभी जगह ड्रग्स का सेवन होता है और जब कार्यवाही होती है तो कार्यवाही दिखती है,तो कई बार लोग यह मानते हैं कि इस बार ड्रग्स का सेवन बहुत लोग कर रहे हैं । ऐसा नहीं है , एनडीपीएस की जो कार्यवाही है वह होती है पहले भी कार्रवाई होती थी पर अभी चूँकी युद्ध स्तर पर कार्यवाही हो रही है। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है देखने वालों को कि ड्रग्स का बहुत ज्यादा प्रचलन चल रहा है....
राजनीतिक हस्तक्षेप को पुलिस प्रशासन में कैसे देखा जाता है ?
मेरा ऐसा मानना है कि राजनीतिक जहां आवश्यक है वहां कोई परेशानी नहीं है, कोई व्यक्ति अगर किसी का पक्ष रखता है और वह व्यक्ति का पक्ष अगर सही है तो उसमें कोई पुलिस को दिक्कत नहीं है । और मानना नहीं मानना यह पुलिस का अपना निर्णय होता है । उसे कोई अगर इनलीगल अप्रोच करता है तो आवश्यक नहीं है कि वह बात मानी ही जाए एवं यह पुलिस प्रशासन के ऊपर भी निर्भर करता है ।
वरिष्ठ जनों की सुरक्षा के लिए पुलिस महकमा क्या रोल अदा करता है ?
इंदौर में वरिष्ठ जनों के लिए अलग से वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कार्यवाही जारी है । 60 वर्ष से अधिक के जितने भी लोग हैं उन सभी के कार्ड बनाए हुए हैं, उनका अलग से ग्रुप भी बनाया हुआ है, अगर उनको कोई भी समस्या आती है तो तत्काल में संपर्क करते हैं और पुलिस उस पर तत्काल कार्यवाही भी करती है ।
आपके क्षेत्र की जनता और समाज के लिए आपका कोई संदेश ?
हमारा संदेश यही है कि वाहन चोरी के मामलों में वाहन का जो लॉक होता है वह कमजोर होता है । उसमें एक रॉड यूसेफ की रॉड का जो एक लॉक आता है, उसका उपयोग करें । दूसरा हमारा कहना है कि घर में ज्वेलरी कम से कम रखना चाहिए अगर आपके पास ज्वेलरी ज्यादा है तो आप लॉकर का उपयोग करें । और घरों में इंटरलॉक का उपयोग करें,सुरक्षा के बहुत सारे साधन है, जिनका हम उपयोग कर सकते हैं । सायरन लगा सकते हैं जिनके कई जगह स्विच होते हैं, वह हम बजा सकते हैं एक बार चालू हो जाने के बाद जब तक बंद नहीं होते हैं जब तक मेनस्वीच से उनको बंद ना किया जाए ऐसे सायरन भी होते हैं ऐसे समय में डकैती लूट के चांस होते हैं वह कम हो जाते हैं।
संवाद और परिचर्चा
श्री आर डी कानवा थाना प्रभारी - तेजाजी नगर थाना
- 16 Apr 2022