कपटी लोगों द्वारा निज स्वार्थसाधन हेतु सनातन पर सीधा प्रहार! धर्मप्रेमी जनमानस में भ्रम फैलाने का कुत्सित प्रयास!
पुष्पेन्द्र पुष्प
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स्वामीनारायण संगठन और उनके अनुयायियों द्वारा कथित घनश्याम पांडे को दशाअवतार के रूप में दिखाई जा रहा है... कही पर भगवान कृष्ण, राम, शिव, ब्रह्मा, विष्णु या अन्य सभी भगवानों को घनश्याम पांडे के द्वारपाल और उनकी सेवा में प्रदर्शित किया जा रहा है...जो दुष्प्रचार है , घोर निंदनीय भी है साथ ही सनातन धर्म के मानने वाले लोगों के लिए अपमान जैसा है... घनश्याम पांडे के अनुयाई उन्हें भगवान बता रहे हैं... जो कि सरासर गलत है...ऐसे कई पुस्तकों/चित्रों द्वारा घनश्याम पांडे के अनुयायियों का यह दुष्प्रयास है कि हमारे देवी देवता सनातन धर्म के रक्षक घनश्याम पांडे से कमतर हैं... उन्होंने घनश्याम पांडे की सेवा में... राम, कृष्ण, शिव, हनुमान, विष्णु, महेश, ब्रह्मा तथा अन्य देवी देवताओं को बताया है... !
सनातन का सीधा अर्थ हमारी संस्कृति और संस्कार हैं..यही संस्कार हमारे सनातन रूपी आधार स्तंभ है लाखों सालों से हमारे आराध्य सनातन के प्रतीक हैं । लाखों सालों से साधु संतों का विवरण हमें मिलेगा जिन्होंने अपने चरित्र,आचरण ,व्यवहार से सनातन ज्योति को प्रखरता दी है आज की पीढ़ी भी उसी अनुरूप धर्म का आचरण करती है अनेक संप्रदायों से सनातन धर्म की ध्वजा लहरा रही है और लहराती रहेगी .लेकिन हां समय-समय पर इसे खंडित करने का , कमजोर करने का अपने अनुसार ढालने का कुछ व्यक्तियों , संगठनों द्वारा कुत्चित प्रयास किया जाता रहा है ।
ऐसा ही कुछ प्रयास गुजरात के स्वामीनारायण संगठन द्वारा किया जा रहा है .हाल ही में सारंगपुर में हनुमान जी महाराज को उक्त संगठन के विशिष्ट व्यक्ति की सेवा में भित्तिचित्र द्वारा बताया गया , जिसका विवाद इतना बढ़ गया कि संतो साधुओं के विरोध के कारण उक्त भित्तिचित्रों को हटाने का निर्णय प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा क्षमा मांगते हुए स्वामीनारायण संगठन के कर्ताधर्ताओ ने सूचित किया ।
लेकिन इसी स्वामीनारायण संगठन के द्वारा अन्य तरीकों से भी सनातन धर्म के आधार ,हमारे परम श्रद्धा के केंद्रपूंजो के देवी देवताओं को स्वहित साधन के रूप में कपटता से प्रयोग कर भोलीभाली धर्मप्रेमी जन मानस को भ्रमित किया जा रहा है जो हम सब के लिए निद्नीय के साथ साथ विचारणीय भी है कि कैसे इन स्वार्थगत और कपटी लोगो द्वारा हमारे सनातन धर्म को नुकसान दिया जा रहा है।
इन कपटी स्वार्थी लोगो द्वारा दुष्प्रचार कर भगवान वेदव्यास के श्लोक तोड़मरोड़ कर किसी घनश्याम पांडे के अवतारी होने का उल्लेख किया ...असत्य की बुनियाद पर तथाकथित रूप से तर्क दिया जा रहा है अवतार लेने और देवी देवताओं से ऊपर बताने का , उनसे श्रेष्ठ बताने का प्रचार किया जा रहा है...
यह घनश्याम पांडे है कौन? हमारे देवी देवता उनको प्रणाम कर रहे हैं...हनुमान जी उनकी सेवा कर रहे हैं... कहीं शिव पार्वती को उनकी सेवा में दिखाया गया है... तो पार्वती जी घनश्याम पाडे को राखी बांधते हुए दिखाया गया है... लक्ष्मी जी और गंगा जी को भी कमतर दिखाया जा रहा है... वही सूर्य नारायण को भी प्रश्न अंकित किया गया है...ब्रह्मा विष्णु महेश द्वारा घनश्याम पांडे को स्नान करते हुए दिखाया गया है... हाथ जोड़े खड़े हुए दिखाया गया है... हिमालय पर्वत को इस तरह दिखाया गया है... कि जैसे वह घनश्याम पांडे को दर्शन करने आए हैं...स्वामीनारायण संगठन द्वारा इस तरह का साहित्य जो लाखों पुस्तकों की श्रृंखला में है जिसमे हमारे सनातन धर्म तथा भगवान जो ईश्वर है उनको तथाकथित घनश्याम पांडे की सेवा मेँ दिखाया गया है...
जो सनातन धर्म के मानने वाले हैं वह स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं... तथा ऐसे दुष्प्रचार पर प्रतिबंध एवम पाबंदी की दरकार कर रहे हैं । साधु संत इसे समय की कसौटी पर एक बड़ा प्रश्न भी मान रहे हैं...
क्या तथाकथित घनश्याम पांडे हमारे सनातन धर्म के लिए खतरा है...?
क्या तथाकथित घनश्याम पांडे और उनको मानने वाले स्वार्थी लोग भी वर्तमान समय में हमारे सनातन धर्म के लिए एक खतरा है ..?
डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट अपने जनहितार्थ संकल्प "सतर्क रहें सजग रहे अभियान" के अनुसार आपसे यह निवेदन करता है कि विचार कीजिए!
निर्णय कीजिए ! और ऐसे सभी कपटी प्रवृत्तियो को पहचानते हुए विरोधस्वरूप बहिष्कार कीजिए..!
। सनातन धर्म की जय ।।