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Exclusive...रक्षक की बन रहे भक्षक www.dgr.co.in

  • 19 Jul 2020

दो सनसनीखेज वारदातों में सामने आई सिक्युरिटी गार्डों की भूमिका
अब पुलिस कंपनियों से सुरक्षाकर्मियों की जानकारी जुटाएगी
इंदौर। जिन सिक्युरिटी गार्ड को हम अपनी सुरक्षा के लिए तैनात करते हैं, वहीं इन दिनों रक्षक की जगह भक्षक बनते जा रहे हैं। शहर में गत दिनों अन्नपूर्णा थानाक्षेत्र के उषा नगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी लोकेश चौपड़ा के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती और परदेशीपुरा चौराहा स्थित एक्सिस बैंक में लूट की वारदातों में सिक्युरिटी गार्ड की भूमिका भी मिलने के बाद अब पुलिस सिक्युरिटी एजेंसी व कंपनियों से इनके यहां पर काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों की जानकारी जुटाने का अभियान चलाएगी।
पुलिस अब यह जानकारी जुटाएगी कि सिक्योरिटी एंजेसी द्वारा जिन सुरक्षा गार्डों को रखा है, उनकी जानकारी थाने पर दी है या नहीं और उनके अपराधिक रिकार्ड है या नहीं। यदि जानकारी नहीं दी होगी तो पुलिस कंपनी पर कार्रवाई करेगी। हाल ही उषानगर नगर में नौ बदमाशों ने कपड़ा कारोबारी लोकेश चौपड़ा के घर पर वारदात को अंजाम देते हुए 40 हजार रुपए नगद और करीब 15 तोला सोना ले गए थे। वहीं परदेशीपुरा बैंक में बीते दिनों ही  बदमाशों ने एक्सिस बैंक को निशाना बनाते हुए यहां से सवा पांच लाख रुपए से अधिक लूट ले गए थे। पुलिस इन दोनों वारदातों का खुलासा करते हुए अपराधियों को पकड़ा था। दोनों में वादरदातों में एक बात साफ थी कि वारदात की जानकारी सिक्योरिटी गार्डों ने ही दी थी वहीं दोनों जगहों पर गार्ड भी वारदात में शामिल थे। पत्रकार वार्ता में आईजी विवेक शर्मा ने भी कहा था कि दोनों वारदातों में रक्षक ही भक्षक बन गए थे, यानि जिन सिक्युरिटी गार्ड को ड्यूटी पर रखा था वारदात उन्होंने ही कराई थी। दोनों वारदातों के खुलासे के बाद  इसके चलते पुलिस एक बार फिर सिक्योरिटी गार्डों की कंपनी की जानकारी जूटाने लग चुकी है।
वैरिफिकेशन नहीं हुआ तो कार्रवाई
डीआईजी हरिनारायणचारी ने बताया कि आगे से फिर इस तरह की वारदात सामने नहीं आएं इसके चलते हमारी एक टीम यह पता लगा रही है कि कितनी कंपनी शहर में है और वहां कितनी गार्ड काम करते हंै। उनकी जानकारी थाने पर है या नहीं। वहीं थाना प्रभारियों को भी कहा गया है कि रुटिन में वे बैंकों और एटिएम के गार्डो से को चेक करें और जाने की उनका आचरण कैसा है। उनकी जानकारी थाने पर आई है या नहीं और यदी कोई भी संदिग्ध लगता है तो उसकी पूरी जानकारी जुटाएं। ऐसे में यदि यह बात सामने आती है कि कंपनी द्वारा गार्डों का पुलिस वैरिफिकेशन नहीं हुआ तो उन पर कार्रवाई की जाएं।
थाना प्रभारी ले रहे पूरी जानकारी
उधर, दो बड़ी वारदात सामने आने के बाद हर थाने के थाना प्रभारी ने अब क्षेत्र के बैंकों की पूरी जानकारी अपनी टेबल पर ही रखवाना शुरू कर दी। बीट के लोगों को उनके सर्कल में आने वाले बैंक व एटीएम को दिन में दो बार चेक करने के निर्देश दे दिए है। इतना ही नहीं रात को एटीएम पर नजर रखने को कहा गया है।
बैंक मैनेजरों को थमाए नोटिस
इसी क्रम में गत दिनों एरोड्रम पुलिस अपने क्षेत्र के बैंक व एटीएम पर पहुंची तो कई बैंक के मैनेजरों को नोटिस भी थमा दिए, जिसमें सुरक्षा के मद्देनजर बैंक के एंट्री गेट छोटे करने, बैंक में आने वाले हर ग्राहक को सीसीटीवी कैमरे के सामने बिना मास्क के खड़ा कर फोटो लेने साथ ही उसके नाम-पते भी लिखने के निर्देश दिए गए है। वहीं जिन एटीएम पर गार्ड नहीं है ऐसे एटीएम पर गार्ड रखने नहीं तो वारदात होने पर बैंक के अधिकारी को भी आरोपी बनाने की चेतावनी दे दी गई।
नहीं होती सिक्युरिटी कंपनियों की जांच
शहर में संचालित होने वाली सिक्युरिटी एजेंसी व कंपनियों की जांच कभी नहीं होती। इन एजेंसियों को खोलने के लिए लाइसेंस सहित अन्य नियम तो बनाए गए हैं, लेकिन एक दो कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो शेष में नियमों का पालन हो भी रहा है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं रहता।
सफेदपोश बदमाशों पर पुलिस की नजर
पुलिस अब ऐसे बदमाशों पर नजर रखकर उनकी संपत्ति के बारे में पता लगा रही है, जो सीधे तौर पर तो अपराध नहीं कर रहे, लेकिन गुर्गों से वारदात अंजाम दिलवा रहे हैं। बताया जाता है कि आईजी ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत गुंडा लिस्ट का भी एसपी ऑडिट कर नाम जुड़वाएंगे। पुलिस के अनुसार आईजी विवेक शर्मा ने ज़ोन के सभी पुलिस अधीक्षकों के लिए आदेश जारी किया है। इसके तहत अनलॉक के बाद बढ़ते हुए अपराधों की रोकथाम के लिए चलाई जा रही मुहिम को और अधिक प्रभावी बनायें। इसके अलावा थाना स्तर पर जो गुंडा लिस्ट है, उसकी वे स्वयं जांच करेंगे। स्थानीय लोगों से चर्चा कर उस लिस्ट में छूट गए सक्रिय बदमाशों के नाम भी जोड़े जाएं। वहीं ऐसे बदमाश जो कि पुलिस की नजर से बचने के लिए अपराध छोड़कर सफेदपोश बन गए हैं और उनके गुर्गे अपराध कर रहे हैं, उनके माध्यम से अपना काम कर रहे हैं, ऐसे सभी बदमाशों के काम-काज और संपत्ति की जांच कराई जाए। अगर वह अवैधानिक गतिविधियों में पाए जाते हैं, तो कार्रवाई की जाए। वहीं अन्य एजेंसियों से मिलकर उनके अवैध कब्जे भी हटाए जाएं। इसके साथ ही जिलाबदर अपराधियों के रिकॉर्ड भी देखें और फरार अपराधियों पर इनाम घोषित करें। इसके साथ ही समाज के लोगों के बीच में भी एक विश्वास पैदा करें, ताकि बदमाशों के खिलाफ शिकायतें करने में लोग डरें नहीं।