इंदौर। ठंड का असर तेज होते ही गर्म कपड़ों की मांग भी तेजी से बढऩे लगी है। पेटियों में बंद रखे ऊनी कपड़े बाहर निकल आए हैं। बच्चे व बुजुर्ग के बाद अब बड़े भी गर्म कपड़ों से ढंके नजर आने लगे हैं।
नवंबर के अंतिम सप्ताह से ही ठंड का असर तेज हो गया था, लेकिन इस बीच हल्की गर्मी होने से गर्म कपड़ों की तरफ रुझान कम होने लगा था। अब दिसंबर के प्रथम सप्ताह से ठंड बढऩे के साथ ही गर्म कपड़ों की मांग निकल आई है। नगर की कपड़ा दुकानों पर भीड़ आने लगी है। अभी सुबह और शाम के समय सर्द हवाओं से ठिठुरन बढती जा रही है। वातावरण में ठंड बढऩे के साथ गर्म कपड़ों का बाजार चल पड़ा है। प्रतिदिन दुकानों में गर्म कपड़ों की अच्छी खासी बिक्री हो रही है।
गर्म कपड़ों के विक्रेताओं से चर्चा करने पर यह बात सामने आ रही है कि इस साल अधिक बारिश व मौसम के मिजाज को देखते हुए अच्छी ठंड पडऩे की संभावना है। इसी के चलते उनके द्वारा ऊनी कपड़ों का अच्छा स्टॉक किया गया है । ट्रांसपोर्टिंग की लागत बढऩे के कारण गर्म कपड़ों की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। समय के हिसाब से युवाओं के बीच स्वेटर की मांग कम हुई है। वहीं इसकी जगह जैकेट की मांग ज्यादा है। जैकेट 400 से दो हजार व महिलाओं और युवतियों के स्वेटर 200 से 1000 रुपए की रेंज में उपलब्ध हैं। वहीं ठंड के चलते गर्म खाद्य पदार्थों की दुकानों पर इन दिनों काफी चहल-पहल दिखाई दे रही है।
राहत पाने अलाव का ले रहे सहारा
सर्दी के चलते सुबह-शाम जगह-जगह अलाव जलते हुए दिखाई देने लगे हैं, जहां पर अलाव ताप कर लोग सर्दी से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे तो ठंड का यह प्रारंभिक रूप है। सप्ताह की शुरुआत से ही धीरे-धीरे ठंड ने दस्तक देने का कार्य प्रारंभ किया था, जो शुक्रवार-शनिवार को बढ़ गया और लोगों को गर्म कपड़े पहनने तथा अलाव जलाने के लिए मजबूर कर दिया। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे ठंड से रबी की प्रमुख फसल गेहूं को फायदा होने की उम्मीद है। इससे किसानों के चेहरे पर प्रसन्नाता दिखाई देने लगी है तो वहीं आलू एवं चने की फसल पर ठंड का विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इधर ठंड ने गर्म वस्त्र के व्यवसाय में भी बढ़ोतरी कर दी है। ऊनी वस्त्रों के साथ ही गर्म एवं चटपटे व्यंजनों की दुकानों पर भी भीड़ दिखाई देने लगी है।
इंदौर
ठंड का असर तेज, गर्म कपड़ों की पूछपरख
- 09 Dec 2019