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इंदौर

बिगड़ गया रसोईघरों का बजट, बढ़ते दामों ने बिगाड़ दिया सब्जी का जायका

  • 20 Jun 2024

एक सप्ताह में ही दोगुने से अधिक हो गए सब्जियों के भाव, बिगड़ गया रसोईघर का बजट
इंदौर। आम जनता को महंगाई से कोई राहत नहीं मिली है। जहां एक तरफ जहां जून माह में प्री मानूसन के बाद भी भीषण गर्मी से लोग परेशान है तो अब महंगाई ने भी आम जनता को परेशान कर दिया है। एक बार फिर से हरी सब्जियों के साथ टमाटर के दाम में इजाफा हो रहा है। पिछले हफ्ते प्याज और आलू के दाम में बढ़ोतरी हुई थी और अब टमाटर महंगा हो गया है। हीटवेव और भीषण गर्मी ने आम जनता को डबल झटका दिया है। इस गर्मी के सीजन में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। प्याज और आलू के साथ टमाटर भी महंगक होते जा रहा है। पिछले दो हफ्तों में टमाटर के दाम में दोगुना इजाफा हुआ है। सब्जियों के बढ़ते दामों ने जहां सब्जी का जायका बिगाड़ दिया है, वहीं अनेक परिवारों के रसोईघरों का बजट भी बिगड़ गया है।
कल शहर में अच्छा सुर्ख टमाटर 80 रुपए बिका। इसे देखकर हरी सब्जियों के भाव भी आसमान चढ़ गए। आलू-प्याज ही लोगों की पहुंच तक बचे हैं। कद्दू और लौकी छोड़ कोई सब्जी बीस रुपए पाव से कम नहीं है। हरी मिर्ची जो बीस रूपए में कभी बिकती थी। अब 40 रुपए पाव बोली जा रही है। दस रुपए में मिर्ची या हरी धनिया नहीं मिल रही है।
जमाखोर हुए सक्रिय
सब्जियों की कम आवक व फसल खेतों में नहीं होने से दामों में इजाफा हुआ है। टमाटर के भाव सबसे ज्यादा हैं। आवक कम होने तथा दामों में तेजी आने के कारण स्टोरेज में जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। स्थानीय सब्जी मंडी में जिले के अतिरिक्त पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात के रास्ते सब्जियां पहुंच रही हैं। वहीं बे-सीजन सब्जियां नासिक से आती हैं।
कम हो गई आवक
रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। मंडी में सब्जी की आवक कम हो गई है। इसके चलते हरी सब्जियों के भाव बीते कुछ दिनों से दो-गुने हो गए हैं। इससे रसोई का बजट बिगड़ गया है।
गरीब की थाली से हरियाली गायब
गरीब की थाली से हरी सब्जी गायब होने लगी है। लोगों की आम जरूरत वाली हरी मिर्च के दामों में आग लगी हुई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान हरी मिर्च का भाव तीन गुना हो चुका है। बाजार में बारिश के सीजन में सब्जियों के भाव चढ़े नजर आ रहे हैं। पिछले सप्ताह तक बाजार में बिक रही सब्जियों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है। हरी सब्जियों जैसे लौकी कद्दू, बैंगन, भिंडी, बंदगोभी आदि के दाम भी कई गुना तक बढ़ गए हैं।
रुला रही हरी मिर्च
एक पखवाड़े पहले सौ रुपयों की खरीदी गई सब्जी से झोला भर जाया करता था, अब सब्जियों के दाम बढऩे से लोगों का झोला खाली रहने लगा है। भोजन की थाली में तीखेपन के अहसास कराने वाली हरी मिर्च की कीमतों में तीखापन नजर आया। बाजार में बीस रूपए किलो बिकने वाली हरी मिर्च 160 रूपए प्रतिकिलो तक पहुँच गई है। हरी सब्जी के बगैर भोजन की थाली खाली दिखाई देती है।
खपत की तुलना में आपूर्ति कम
इंदौर की  देवी अहिल्याबाई होलकर फल एवं सब्जी थोक मंडी में सहित अन्य मंडियों में इन खपत की तुलना में सब्जियों की आपूर्ति कम हो रही है, जिससे बड़े व्यापारी भी ऊंचे भावों में सब्जियां खरीदने के बाद ठेले वालों सहित दुकानदारों को महंगे भाव में ही सब्जियां बेच रहे हैं।
मौसम में बदलाव का असर
व्यापारियों व किसानों का कहना है कि मौसम में बदलाव का असर सब्जियों के उत्पादन पर हो रहा है। अनेक जगहों पर सब्जियां खेतों में ही खराब हो रही है, ऐसे में किसान उन सब्जियों को वहीं पर नष्ट कर रहे हैं।
यह चल रहे सब्जियों के भाव
सब्जियों के थोक विक्रेताओं का कहना है कि पिछले दिनों तापमान का सामान्य से अधिक रहा, जो सब्जी उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए चुनौतियां बढ़ा रहा है।  खेतों में सब्जियां खराब हुई, जिससे मंडियों में आपूर्ति कम हुई है।
टमाटर 15 से 18 रु. किलो, केरी 20 से 25रु. किलो, भिंडी 20 से 25रु. किलो, गिलकी 30 से 35रु. किलो, पालक 15 से 20रु. किलो, धनिया 70 से 80रु. किलो, हरी मिर्च 50 से 60रु. किलो,शिमला मिर्च 55 से 60रु. किलो, बैंगन 15 से 20रु. किलो,लोकी 15 से 20रु. किलो,परमल 30 से 35रु. किलो,टेंसी 25 से 30रु. किलो, रु. किलो, पत्तागोभी 8 से 10रु. किलो, करेला 25 से 30, गाजर 15 से 20 रु. किलो, कद्दू 7 से 8रु. किलो,  ककड़ी खीरा 25 से 30रु. किलो, हरी ककड़ी 25 से 30रु. किलो, रेतवाली ककड़ी 18 से 20रु. किलो, अदरक 90 से 110रु. किलो,  सूरजने की फली 40 से 45रु. किलो, मैथी 25 से 30रु. किलो।