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DGR विशेष

आरटीओ में भारी न पड़ जाए यह लापरवाही

  • 01 Aug 2020

आने वालों की नहीं हो रही स्क्रीनिंग,बगैर जांच के अंदर बाहर हो रहे लोग
इंदौर। इंदौर करोना का हाटस्पाट बना हुआ है हर दिन सौ के लगभग मरीज मिल रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ निर्देश दे रखे हैं कि शासकीय कार्यालयों में कोरोना से बचाव के लिए खाश इंतजाम किए जाए, लेकिन इसके बावजूद भी आरटीओ में लापरवाही जारी है।
नायता मुंडला स्थिति आरटीओ कार्यालय में हर दिन सैकड़ों लोग आते जाते हैं, इसमें एजेंट से लगाकर आरटीओ स्टाफ तक है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां लापरवाही बरती जा रही है। नियम अनुसार आरटीओ कार्यालय में आने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग होने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाना चाहिए लेकिन दोपहर बाद यहां स्क्रीनिंग तक करने वाला कोई नहीं रहता है। सुबह जब कार्यालय खुलता है तो इक्का-दुक्का लोगों की स्क्रीनिंग कर खानापूर्ति कर दी जाती है। हाल में आटो परमिट शाखा में पदस्थ बाबू उज्जवला घडवंसी की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है लेकिन इसके बावजूद भी आरटीओ अफसरों ने व्यवस्थाएं अब तक दुरूस्त नहीं की हैं। उनकी यह लापरवाही कोरोना को बढावा देने के लिए काफी है।
खुलेआम उड़ रही निर्देशों की धज्जियां
प्रदेश भर में कोरोना का कहर जारी है। बात करें प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की तो यह सबसे ज्यादा प्रभावित है। इंदौर और भोपाल में हर दिन १०० से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं जो प्रशासन के साथ सीएम के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदेश के मुखिया खुद कोरोना की चपेट में आ गए, जिसके बाद वह लोगों से आह्वान कर रहे हैं कि कोरोना से डरें नहीं केवल बचाव ही इसका एकमात्र रास्ता है, लेकिन सीएम की यह सलाह इंदौर के आरटीओ अफसरों को शायद समझ नहीं आ रही है यही वजह है कि निर्देशों की खुलेआम धज्जियां हर दिन नायता मुंडला स्थिति आरटीओ कार्यालय में उड़ रही हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना से निपटने के लिए शासकीय कार्यालयों में समुचित व्यवस्था की जाए। कार्यालयों में आने वाले लोगों की पहले स्क्रीनिंग की जाए इसके बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाए साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाए। मगर इन निर्देशों का पालन आरटीओ कार्यालय में होता नहीं दिखाई दे रहा है। आरटीओ में हर दिन सैकड़ों की तादात में लोग आते जाते हैं। ऐसे में उनका टेम्प्रेचर चेक करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाना चाहिए और जो संदिग्ध दिखे उसकी सूचना फौरन प्रशासन को देना चाहिए लेकिन यहां स्क्रीनिंग भी सही ढंग से नहीं होती है।
कोरोना का कहर यहां पर भी- जेल में बंद भाईयों को बहनें नहीं बांध पाऐंगी रक्षासूत्र
रक्षाबंधन पर्व  इस बार कोरोना का असर साफ देखने को मिलेगा। जेल में सालों से चली आ रही प्रथा पर इस बार ब्रेक लग जाएगा , ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं क्योंकि सालों से जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनें रक्षासूत्र बांधती आई हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार रक्षाबंधन पर जेल में होने वाली मुलाकात को डीजी जेल ने रद्द कर दिया है,ऐसे में जेल की चाहरदिवारी में बंद अपने भाईयों को बहनें रक्षासूत्र नहीं बांध पएंगी।
दरअसल एहतियात और कोरोना के प्रकोप के चलते डीजी जेल ने यह आदेश जारी किए हैं और सभी को इससे अवगत कराने के भी निर्देश उन्होंने दिए हैं।दरअसल प्रदेश की जेलें भी कोरोना की चपेट में आ गई हैं, ऐसे में 31 अगस्त तक मुलाकात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  साल में मात्र रक्षाबंधन पर्व पर ही ऐसा है जब जेल में बंद बंदियों की बहनों को जेल के अंदर आने की इजाजत होती है। इसके चलते हर साल रक्षाबंधन पर जेल प्रबंधन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते रहे हैं मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते रक्षाबंधन पर बंदियों और उनकी बहनों की मुलाकात की मिलने वाली छूट को पूरी तरह जेल प्रबंधन ने रद्द कर दिया  है। हाल ही में डीजी जेल संजय चौधरी ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि आगामी 31 अगस्त तक बंदियों की मुलाकात पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। खासकर रक्षाबंधन पर जो इंतजाम जेल प्रंबधन द्वारा हर साल किए जाते थे उसे भी रद्द कर दिया गया है और इस सूचना को जेल अफसरों को आम करने के निर्देश भी मुख्यालय से मिले हैं ताकि रक्षाबंधन वाले दिन किसी तरह की गफलत की स्थिति ना बने।