जहां-जहां जाएगी विसर्जन की मिट्टी, वहां उग आएगी तुलसी
इंदौर। इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं के प्रचलन के चलते नए-नए तरीकों से गणेश प्रतिमाएं बनाई जाकर पांडालों में विराजित की गई है। इसी कड़ी में कबीटखेड़ी इलाके में एक गणेश प्रतिमा तुलसी के बीजों की माटी से बनाई गई है। इस प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद जहां-जहां यह मिट्टी जाएगी, वहां-वहां तुलसीजी उग आएंगी।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और रिद्धी-सिद्धी गणेश मंडल द्वारा दस दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष धमेंद्रसिंह गौतम और हर्षवर्धनसिंह कुशवाह ने बताया कि कोलकाता के कलाकारों द्वारा बनाई गई प्रतिमा को महाराणा प्रताप का रूप दिया गया है। इनके कपड़े भी कोलकाता से ही बुलवाए गए हैं। प्रतिमा की खासियत यह है कि तुलसी के बीजों (मंझरी) मिली मिट्टी से बनाई गई है प्रतिदिन शाम को आयोजन स्थल पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके चलते उत्सव के प्रथम दिवस की गई महाआरती में प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह गौतम,अर्जुन सिंह चौहान, दीपकसिंह बैस ,सुनील सिंह शेखावत सहित महासभा व मंडल के कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय रहवासी शामिल हुए।