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इंदौर

अनलॉक 2.0 से उद्योगों को लगेगा बूस्टर डोज

  • 08 Jun 2021

डिमांड बढऩे से उत्पादन में होगा इजाफा
कच्चे माल की आपूर्ति होगी व्यवस्थित
इंदौर। कोरोना संक्रमण की दर 3 फीसदी से भी कम होने पर किए जा रहे अनलॉक 2.0 से शहर के उद्योग जगत को बूस्टर डोज मिलेगा। आर्थिक गतिविधियों को संभालने भले ही जिला प्रशासन ने कोरोना कफ्र्यू के दौरान पिछले दो महीने में उद्योगों को कभी बंद नहीं किया, लेकिन डिमांड और कच्चे माल की कमी से उत्पादन लगातार गिर रहा था।
मई मध्य में तो अधिकांश उद्योग 25 से 30 प्रतिशत तक प्रोडक्शन कर रहे थे, लेकिन अनलॉक के बाद इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। बाजार, दुकानें खुलने से लगभग हर उत्पाद की डिमांड बढऩा तय है, जिससे प्रोडक्शन ट्रैक पर आएगा। फैक्ट्रियों की मशीनों में लगने वाले कलपुर्जों का मार्केट बंद होने से दो महीने से उद्योगों का मेंटेनेंस काफी मुश्किल हो गया था, जो उत्पादन में रोड़ा बन रहा, अब यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। कफ्र्यू के चलते स्थानीय सहित अन्य प्रदेश से आने वाले रॉ मटेरियल की आपूर्ति भी बेहतर होने उद्योग ट्रैक पर लौटेंगे।
मेंटेनेंस के लिए मिल सकेंगे उपकरण
प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाले अनिल पालीवाल का कहना है, दो महीने से सांवेर रोड, पोलोग्राउंड, पालदा, रामबलि नगर सहित लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों को चलाने की अनुमति थी, लेकिन मशीनों के मेंटेनेंस से जुड़े उपकरणों और पुर्जों की दुकानें बंद थीं, अब उनके खुलने से काफी राहत मिलेगी। अधिकांश फैक्ट्रियों से नियमित रूप से कलपुर्जों की जरूरत होती है, बाजार बंद होने से परेशानी आ रही थी।
कच्चे माल की सप्लाय सुधरेगी
एआइएमपी के उपाध्यक्ष योगेश मेहता का कहना है, इंदौर, पीथमपुर के कई उद्योगों में कच्चे माल की सप्लाय महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से होती है। कफ्र्यू और लॉकडाउन से कमी हो रही थी, अनलॉक से आपूर्ति सुधरेगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। प्लास्टिक इंडस्ट्री काफी हद तक महाराष्ट्र और गुजरात के कच्चे माल पर निर्भर है।
गांवों से मजदूरों की होगी वापसी
उद्योगपति तरुण व्यास का कहना है, कोरोना के साथ उत्पादन कम होने से कई मजदूर अपने गांव लौट गए थे, अब स्थितियां सामान्य होने उद्योगपति खुद उन्हें वापस ला रहे हैं। अनलॉक होने से डर का माहौल भी कम हो रहा है।
रोलिंग मिलों में उत्पादन शुरू
एआइएमपी के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया का कहना है, लोहे से जुड़ी वस्तुएं बनाने वाली रोलिंग मिलों में मेडिकल ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत होती है। उद्योगों को सप्लाय शुरू होने से शुरू में अधिकांश रोलिंग फिर शुरू हो गई हैं। दवा निर्माण से जुड़े अनिल खरिया का कहना है एम्प्यूल (कांच के इंजेक्शन) का उत्पादन पिछले दिनों प्रभावित हुआ था, लेकिन अब तेजी से सुधार आ रहा है।