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इंदौर

कलेक्टर की जनसुनवाई में मदद, छात्रा के परिवार को मिला रोजगार का सहारा

  • 28 Jun 2023

इंदौर। मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में कई मामले आए जिनका समाधान किया गया तो कुछ मामले संबंधित विभाग को कार्यवाही के लिए दिए गए। इन्हीं में एक मामला नेहा मांडरे के परिवार का था। बीकॉम फस्र्ट ईयर में पढऩे वाली नेहा अपनी मां के साथ जनसुनवाई में आई। उसने बताया कि वह परिवार में सबसे बड़ी है तथा एक बहन और भाई हैं। पिता लम्बे समय से लकवा ग्रस्त थे जिनका 25 मई को निधन हुआ है। कमाई का कोई जरिया नहीं है तथा परिवार आर्थिक तंगी में गुजर-बसर कर रहा है।
उसने बताया कि वह के साथ मां कुछ करना चाहती है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने पूछा तो उसने कहा कि वह स्कूटी बेस्ड चार पहिया वाहन चाहती है ताकि उसमें सब्जियां लेकर बेच सके। उक्त वाहन मॉडिफाइड होता है तथा इसके जरिए अन्य व्यापार भी किए जा सकते हैं। नेहा के साथ मां ने कहा कि चार बच्चों को जिम्मेदारी है और अभी कमाई कुछ नहीं है। अगर इस तरह का रोजगार मिलेगा तो परिवार का पालन-पोषण हो सकेगा। इस पर कलेक्टर ने मौके पर भी एडीएम अभय बेडकर को उक्त परिवार के लिए एक लाख रु. की मदद करने के निर्देश दिए। उक्त राशि से अब परिवार जल्द ही व्यवसाय शुरू करेगा।
छात्रा को फीस भरने का दिया भरोसा
आयुषी कुमावत अपने नाना के साथ जनसुनवाई में पहुंची। उसने बताया मां का पहले तलाक हो चुका था। दूसरी शादी के कुछ दिनों बाद मां की मौत हो गई तब से वह नाना के पास ही रहती है। वह एक प्राइवेट स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ती है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण नाना फीस नहीं भर पा रहे हैं। अगर फीस नहीं भरी तो स्कूल से नाम कट जाएगा। इस पर कलेक्टर ने उसे भरोसा दिलाया कि उसकी फीस भर दी जाएगी, वह अपना पढ़ाई जारी रखें।
मेडिकल टीम करेगी जांच
आशुतोष मकाने ने बताया कि उसके पिता की दो माह पहले कैंसर से मौत हुई थी। उसने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उसने कहा कि 20 अप्रैल को उसके पिता को अस्पताल में एडमिट किया गया था। पांचवें दिन डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया और उन्हें क्या बीमारी है यह स्पष्ट नहीं किया। फिर हम सरकारी कैंसर अस्पताल पहुंचे तो तो पता चला कि पिताजी को कैंसर आखिरी स्टेज पर है। वहां से तुरंत अरबिंदो अस्पताल ले गए जहां पांच घंटे बाद उनकी मौत हो गई। मामले में कलेक्टर ने डीन को एक मेडिकल टीम से मामले की जांच कराने को कहा है।
कॉलोनी के डेवलपमेंट में बाधा डाल रहे लोग
जनसुनवाई में महालक्ष्मी धाम कॉलोनी के मूल प्लाट धारकों का एक प्रतिनिधि मंडल एसोसिएशन के संयोजक प्रकाश राजदेव व सुनील डेम्बला के साथ पहुंंचा। पीडि़तों ने बताया कि उक्त कॉलोनी 2011 में संतोष देवकॉन प्रा .लि. कंपनी ने ने काटी है लेकिन कुछ दिनों बाद ही कंपनी के डायरेक्टरों के आपसी विवाद के कारण एनटीसीएल कोर्ट मेंं आठ सालों तक केस चलने के चलते विकास व आवंटन नहीं हुआ। 2022 में इनके आपसी समझौते के बाद अन्य प्रमोटरों द्वारा इसे लेने के बाद इसका विकास शुरू हुआ है। कॉलोनी के मूल प्लॉटधारकों व कंपनी की मीटिंग के बाद सभी निर्धारित शुल्क व बाकी का पेमेंट किश्तों में देने की भी आपसी सहमति बन चुकी है लेकिन कुछ ब्रोकर्स व ऐसे लोग जिन्होंने बड़ी संख्या में प्लॉट की रसीदें खरीद रखी हैं वे अपने निजी लाभ के कारण अब झूठी शिकायतें कर कॉलोनी के विकास बाधित कर रहे हैं। उन्होंने झूठी शिकायते& करने वाले शरारती तत्वों व कथित ब्रोकर्स के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
दो महिलाओं के एक जैसे नामों से मृत्यु के मामले में गफलत
एक मामला दो महिलाओं के एक जैसे नामों का था। इनमें से एक महिला की मौत हुई थी तो जो महिला जीवित थी उसका खाता नंबर मृत महिला के खाते से जोड़ दिया गया था जिससे भ्रम की स्थिति हो गई थी। कलेक्टर ने तत्काल जोनल अधिकारी को तलब कर उसे ठीक करवाया। इसके साथ ही जो महिला जीवित है उसकी पेंशन फिर से शुरू कराई।