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DGR विशेष

वर्ष 2021 - सबसे अधिक बाणगंगा में 1790 तो सबसे कम सराफा थाने में दर्ज हुए 137 प्रकरण

  • 30 Dec 2021

कई मामलों में पुलिस को मिली सफलता, तो कुछ में नहीं पकड़ाए आरोपी
इंदौर। वर्ष 2020 में कोरोना के चलते शहर में लॉक डाउन लगा था। वहीं वर्ष 2021 में भी इस महामारी के कारण लॉक डाउन की नौबत आ गई और शहर में सभी जगह तालाबंदी हो गए। इसके चलते काम धंधे बुरी तरह चौपट हो गए। वहीं दूसरे लॉक डाउन के बावजूद अपराधों में कमी नहीं आई और अपराधों का ग्राफ बढ़ा है।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में प्रतिदिन 82 से ज्यादा अपराध हुए। 1 जनवरी से 25 दिसंबर तक 2021 में प्रकरणों में सबसे अव्वल बाणगंगा थाना रहा। वहां इस अवधि में 1790 केस दर्ज हुए। सबसे कम प्रकरण सराफा थाने में 137 दर्ज हुए। सालभर में शहरी इलाके के थानों में 29,694 केस दर्ज हुए। वैसे देखा जाए तो सबसे कम अपराध क्राइम ब्रांच थाने में 30 दर्ज हुए। इसका कारण ये है कि क्राइम ब्रांच जिस इलाके से अपराधियों को पकड़ती है वह उस इलाके के थाने को सौंप दिए जाते हैं। कुछ विशेष मामले ही क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज होते हैं।
शहर में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने वर्ष 2021 में भी लाख प्रयास किए, लेकिन इसके बाद भी अपराधों में कमी नहीं आई है। वहीं अब जब पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू हो गई है तो उम्मीद की जा रही है कि क्राइम कंट्रोल होगा। वर्ष 2021 में गुंडे बदमाशों पर सतत कार्रवाई के बावजूद वाहन चोरी और डकैती की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई। हत्या जैसे गंभीर प्रकरण में तीन साल के आंकड़े समान रहे। आंकड़े देखें तो वर्ष 2019 में अपराध 16930 थे, जो वर्ष 2021 के अंत तक चार हजार अधिक हो गए।
उपलब्धि- वर्ष की शुरूआत में ही बड़ी कार्रवाई
वर्ष 2021 के पहले ही माह जनवरी नें क्राइम ब्रांच ने 70 करोड़ की एमडी ड्रग्स पकड़ी। इस ड्रग्स के तार देश के कई अन्य राज्यों में फैले हुए मिले। 6 जनवरी 2021 को क्राइम ब्रांच टीम को मुखबिर की सूचना के बाद नायता मुंडला से सनावदिया डामर रोड किनारे देवगुराडिया पहाड के नीचे तरफ खुला स्थान थाना खुडेल क्षैत्र पर घेराबंदी कर छापा मारा और पांच आरोपी दिनेश अग्रवाल, महालक्ष्मी नगर इंदौर, अक्षय उर्फ चीकू अग्रवाल, महालक्ष्मी नगर, चिमन अग्रवाल, मंदसौर, वेद प्रकाश व्यास, तिरूमालागिरी, हैदराबाद, मांगी बैंकटेश, हैदराबाद को दो कारों की मदद से एमडी (मेफेड्रोन ड्रग्स) की डील करते रंगे हाथों पकडे गए। स्पाट से 70 किलो एमडी कीमत 70 करोड़ एवं नगदी कुल 13,03,650 /- रूपए बरामद किए गए। इसके बाद मामले की इनवेस्टीगेश हुई तो कई ड्रग तस्कर जिसमें महिलाएं भी शामिल थी,पकड़ी गई।
बांग्लादेश बालाओं की खरीद फरोख्त-जिस्म फरोशी  का खुलासा
वर्ष 2021 में ही जिस्म फरोशी के इस कारोबार का खुलासा तब हुआ जब विजयनगर पुलिस ने सेक्स रैकेट का पदार्फाश किया। इसमें सागर जैन और उसके भाई धर्मेंंद्र जैन के बारे में पता चला कि, वे बांग्लादेश से बालाओं को लाकर उनसे जिस्म फरोशी करवाते हैं। पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा बांग्लादेशी बालाओं को उनके देश पहुंचाया।
शराब माफियाओं पर कार्रवाई  
शहर के सत्यसांई चौराहा स्थित सिंडिकेट ऑफिस में शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को सरेआम गोली मार दी थी। इस घटना के बाद पुलिस ने दर्जनों शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया। ये भी बेहद चर्चित मामला रहा। इसमें ग्वालियर के रमेश राय का नाम सुर्खियों में आया था इसके साथ ही कई कुख्यात अपराधी भी इसमें लिप्त रहे।
107 हत्या के प्रयास
जिले में जहां चार दर्जन से अधिक हत्या हुई, तो वहीं हत्या के प्रयास 107, डकैती 9, डकैती डालने की योजना 44, लूट 57, चेन स्नेचिंग 29, गृहभेदन 731, पशु चोरी 26, सूने घर और प्रतिष्ठानों में चोरी 798, वाहन चोरी 3807, बलवा 63, बलात्कार 388, अपहरण 803 व अन्य 13096 केस दर्ज हुए। इसमें से 90 प्रतिशत प्रकरणों के आरोपियों को पुलिस सलाखों के पीछे धकेल चुके हैं। यहां पर लूट के मामले इसलिए भी कम हैं, क्योंकि अधिकांश मोबाइल व चेन स्रेचिंग के मामलों में पुलिस ने लूट की जगह चोरी का केस दर्ज करती है।
ये अनसुलझे मामले
एमवाय की पहली मंजिल से कथित नर्स ने नवजात शिशु चुरा लिया था। मामले में संयोगितागंज पुलिस ने केस दर्ज किया था। महिला आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हो सकी।
भंवरकुआ थाना क्षेत्र के पीपल्याहाना क्षेत्र में 18 नवंबर को छह नकाबपोश बदमाशों ने जयप्रकाश वैष्णव के घर डकैती की थी। यहां से बदमाश डेढ़ लाख रुपए लेकर चंपत हो गए थे। आरोपी सवा माह बाद भी फरार हैं।
लसूडिय़ा में चौकीदार तथा खजराना में अधजली महिला की लाश मिली थी। दोनों की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है।
पुलिस कमिश्नरी के बाद पांच हत्याएं
दिसम्बर माह के दूसरे पखवाड़े में सीएम ने पुलिस कमिश्नरी लागू की। इसके बाद शहर में लगातार दो दिन दो हत्याएं हुई। इसमें एक हत्या लसूडिय़ा और दूसरी परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में हुई। वहीं रविवार को भंवरकुआ थाना क्षेत्र में महिला की हत्या उसके प्रेमी ने कर दी। इसके दूसरे ही दिन लसूडिय़ा थाना क्षेत्र में बस कंडक्टर की उसके साथियों द्वारा की गई मारपीट के बाद मौत हो गई। वहीं सेंट्रल कोतवाली इलाके में एक बुजुर्ग व्यापारी की किराए के विवाद में हत्या कर दी गई। मामले में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया, लेकिन आरोपी गिरफ्त में नहीं आए।
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1 जनवरी से बदमाश ने बांड तोड़ा तो जाएगा जेल
अभी पुलिस बदमाश को अपराध न करने के लिए बांड ओवर तो कर देती है। लेकिन उसका पालन नहीं करवा पाती। कई बदमाश बांड तोड़कर अपराध करते है, धारा 122 के तहत जमानत जब्त कर जेल भेजने का प्रावधान रहता है। जिले में करीब 50 फाइल पुलिस व प्रशासन के बीच अटकी हुई है। 1 जनवरी से एसीपी की कोर्ट में इस तरह के मामले चलेंगे और गंभीर मामलों में बदमाशों को सीधे जेल भेजा जा सकेगा। दरअसल पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद जनवरी से दो एसीपी की कोर्ट शुरू हो जाएगी। नए सिस्टम में कुछ धाराओं में कार्वाई का ज्यूडिशियल अधिकार पुलिस के पास आ गए हैं। थाना सेंट्रल कोतवाली परिसर व जूनी इंदौर परिसर में अलग-अलग दो एसीपी की कोर्ट शुरू हो रही हैं। कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, अन्य धाराओं के साथ ही धारा 122 के मामले भी एसीपी कोर्ट में चलेंगे।
पुलिस जब भी बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाती हैं, तो अपराध के आधार पर बांड ओवर किया जाता हैं। इसमें बदमाश से जमानत के साथ बांड भरवाया जाता है कि अगले 3 या 6 महीने तक वह अपराध नहीं करेगा। अपराध करने पर केस दर्ज होने की स्थिति में जमानत जब्त कर धारा 122 के तहत पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। उसके बाद उसे एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाता है पर अब ये मामले में एसडीएम के बजाए एसीपी की कोर्ट में चलेंगे और गंभीर अपराध होने की स्थिति में जेल भेजा जा सकेगा। अफसरों का मानना है, बांड ओवर तोड?े पर बदमाश के जेल जाने से अपराध पर काफी लगाम लगेगी। पुलिस की ऐप्लीकेशन सिटीजन कॉप में आईं शिकायतों के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच कर करीब 400 मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस के पास करीब 8 सौ शिकायतें आई थीं, जिसमें से क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच करते हुए दर्ज होने की स्थिति में जमानत जब्त कर धारा 122 में जेल भेजे जाने का प्रावधान है। पुलिस धारा 122 के तहत पुलिस केस बनाकर एसडीएम की कोर्ट में पेश करती है। सामंजस नहीं होने से अधिकांश मामले लंबित हो जाते है।
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कौन से थाने में दर्ज हुए कितने प्रकरण  
मल्हारगंज - 640
सदरबाजार - 416
एरोड्रम - 709
आजादनगर - 816
तेजाजी नगर - 757
गांधी नगर - 478
राऊ - 789
राजेंद्रनगर - 1076
परदेशीपुरा - 987
एमआईजी - 895
विजयनगर - 1287
लसुडिय़ा - 1703
खजराना - 1253
कनाडिय़ा - 758
तिलकनगर - 436
कोतवाली - 330
एमजी रोड - 381
तुकोगंज - 646
संयोगितागंज - 505
पलासिया - 506
छोटी ग्वाल टोली - 161
हीरानगर - 926
बाणगंगा - 1790
जूनी इंदौर - 553
रावजीबाजार - 442
भंवरकुआ - 1031
अन्नपूर्णा - 432
चंदन नगर - 1128
द्वारकापुरी - 770
सराफा - 137
पंढरीनाथ - 159
छत्रीपुरा - 515
क्राइम ब्रांच - 30
महिला थाना - 252
ग्रामीण इलाकों में दर्ज हुए ये केस :
महू - 504
किशनगंज - 915
बेटमा - 789
मानपुर - 486
शिप्रा - 519
सिमरोल - 466
खुड़ैल - 697
देपालपुर - 438
गौतमपुरा - 232
हातोद - 314
बडग़ोंदा - 613
चंद्रावतीगंज - 134