अंटार्कटिका का नाम सुनते ही शरीर में ठंड का एहसास होने लगता है। यहां की दुनिया कई रहस्यों को अपने में समेटे हुए है। यही वजह है कि, इतनी ठंड के बावजूद दुनिया भर के वैज्ञानिक यहां शोध के लिए पहुंचते हैं। बता दें कि,5 अगस्त को अंटार्कटिका में चार महीने के बाद सूरज निकलने की एक तस्वीर जारी की गई थी। इस तस्वीर को हैगसन ने क्लिक की थी। यहां सूर्य के उगते ही अंधेरा छंट गया,,सर्दी खत्म हो गई। सूर्य के निकलते ही कॉनकोर्डिया रिसर्च स्टेसन में 12 सदस्यों वाले क्रू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। खुशी हो भी क्यों नहीं, चार महीने की अंधेरी रात के बाद सवेरा जो हुआ है। सच में जिंदगी में उजाले का कितना महत्व है, यह आपको अंटार्कटिका जाकर ही पता लगेगा।
अंटार्कटिका में सूरज का निकलना महत्वपूर्ण
अंटार्कटिका में सूरज का निकलना वैज्ञानिकों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल मई में यहां सूरज अस्त हुआ था और इसके दोबारा उगने का वैज्ञानिक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अंटार्कटिका एकदम दक्षिण में है और यहां पर सूरज का निकलना एक बड़ी घटना माना जाता है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) की तरफ से एक ब्लॉग लिखकर और फोटोग्राफ शेयर कर इस बात की जानकारी दी गई है।
अंधेरा खत्म होते ही वैज्ञानिक महत्वपूर्ण काम करते हैं
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने सूर्य के उगने और अंधेरा छंटने की जानकारी दी। कॉनकॉर्डिया अनुसंधान केंद्र के 12 सदस्यीय दल दुनिया के दक्षिणी छोर पर चार महीने के बाद के उजाले से काफी प्रसन्न थे और वे अब काम में जुट जाना चाहते थे। बता दें कि, अंटार्कटिका में सूर्य के चार महीने के लिए अस्त होने के साथ लंबी रात इस साल मई में शुरू हुई थी।
अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए अंटार्कटिका महत्वपूर्ण केंद्र
बता दें कि, अंटार्कटिका अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है। इसे सोने की खान कहा जाता है। अब रात गुजरने के साथ ही एक नए सवेरा के लिए नया बैच स्टेशन पर काम करने के लिए पहुंच रहा है, जो पूरी सर्दी यहां काम करेंगे। क्रू अक्टूबर में ग्रीष्मकालीन अभियान के लिए आधार तैयार करना शुरू कर रहे हैं । जानकारी के मुताबिक, बेस में 40 शोधकर्ता आ रहे हैं।दुनिया में हम जहां चार मौसमों का आनंद लेते हैं, वहीं अंटार्कटिका में सिर्फ गर्मी और सर्दी का मौसम होता है।
यहां की सर्दियां और रातें बड़ी बेरहम होती हैं
यहां अंटार्कटिका में सर्दियों का मौसम बेरहम माना जाता है। यहां का तापमान 80 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। जब यहां कई महीनों तक रात होती है, तो ऐसे में यहां काम करना क्रू मेंबर्स के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। यहां जिंदगी जीना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। यहां के सभी स्टेशनों में काम करने वाले वैज्ञानिक काम के साथ-साथ खेल और अन्य चीजों में खुद को व्यस्त रखते हैं।
साभार
विविध क्षेत्र
अंटार्कटिका जहां 'बेरहम सर्दी' में जीने के लिए होता है 'संघर्ष'
- 24 Aug 2022