भोपाल। मध्यप्रदेश में त्योहारों के बीच बिजली संकट गहरा सकता है। इस मुद्दे पर अभी तक विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर थी, लेकिन अब क्चछ्वक्क के विधायक भी मुखर हो गए हैं। टीकमगढ़ से क्चछ्वक्क विधायक राकेश गिरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि हर रोज 12 से 15 घंटे बिजली बंद होने से किसान परेशान हैं। किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
इससे पहले बिजली कटौती को लेकर क्चछ्वक्क विधायक नारायण त्रिपाठी ऊर्जा मंत्री को घेर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी झूठी जानकारी दे रहे हैं। इस मुद्दे पर क्चछ्वक्क को बड़ा नुकसान होगा। समूचे विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसान, व्यापारी, आम आदमी को बिजली नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को इस मामले को खुद देखना चाहिए। त्रिपाठी ने 4 सितंबर को विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।
बिजली कटौती की 3 वजह
बिजली कटौती की 3 वजह सामने आई हैं। बिजली कंपनियों की देनदारियां, बांधों में कम पानी और सरकार से कंपनियों को सब्सिडी नहीं मिलना। प्रदेश के 3 थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन बंद हो गया है। सरकार फिलहाल निजी क्षेत्र से बिजली खरीदकर सप्लाई कर रही है।
रबी सीजन में हो सकती है मुश्किल
जानकारों का कहना है कि प्रदेश में रबी का सीजन आने वाला है। इसके चलते अक्टूबर से बिजली की डिमांड बढ़ जाएगी। प्रदेश में रबी सीजन में यह डिमांड बढ़ कर 16 से 17 हजार मेगावाट हो जाएगी। ऐसे में बिजली का उत्पादन कम हुआ तो बिजली संकट गहराने के पूरे आसार हैं। फिलहाल सरकार निजी क्षेत्र से बिजली खरीद कर आपूर्ति कर रही है। जानकारी के मुताबिक, पावर मेनेजमेंट कंपनी ने 29 अगस्त को 1363 मेगावॉट की अघोषित लोड शेडिंग की थी, जबकि उसके एक दिन पूर्व 1708 मेगावॉट की लोड शेडिंग की गई थी।
कमलनाथ ने साधा निशाना
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया कर लिखा- मध्यप्रदेश में बिजली का संकट दिन- प्रतिदिन गहराता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों व कृषि क्षेत्रों में स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। कई-कई घंटों की अघोषित कटौती की जा रही है। कोयले की कमी के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। कई ताप विद्युत परियोजनाएं बंद होने की कगार पर है। मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर सामने आ रहा है। सरकार इन सब मामलों से बेखबर बनी हुई है।
कांग्रेस करेगी आंदोलन
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि अघोषित बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई के साथ काम-धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं। यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं होता है तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। उनका कहना है कि सरकार 21 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध होने का दावा कर रही है, तो फिर लगातार अघोषित कटौती क्यों हो रही है।
भोपाल
अघोषित बिजली कटौती पर अपनों से घिरी सरकार
- 31 Aug 2021