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इंदौर

अज्ञान और मोह की कुंभकर्णी निंद्रा से गुरू ही मुक्त करा सकते हैं -स्वामी केदारनाथ

  • 10 May 2023

मां आनंदमयी पीठ पर धूमधाम से मना भगवान पूर्ण ब्रह्मनारायण का प्राकट्य दिवस  महोत्सव का समापन
इंदौर। गुरू के प्रति कृतज्ञता व्यक्त नहीं करना भी एक दोष है। अज्ञान और मोह की कुंभकर्णी निंद्रा से गुरू ही मुक्त करा सकते हैं। जीवन की सार्थकता और धन्यता यही है कि हम सबकी भगवत दृष्टि बनी रही। सदगुरू की कृपा के बिना संसार के विषयों का त्याग नहीं हो सकता। भगवत दृष्टि सज्जनों की कृपा के बगैर नहीं मिल सकती। संसार में मां से पृथक कुछ भी नहीं है। जो कुछ है वह मां ही हैं। जब तक हमारी चेतना के  तार परमात्मा से नहीं जुड़ेंगे, हमारे बंधन भी नहीं खुलेंगे। मां आनंदमयी अपने नाम के अनुरूप आनंद का ही पर्याय है।
ए.बी. रोड, मेडिकल कालेज के पास स्थित श्रीश्री माता आनंदमयी पीठ पर चल रहे पांच दिवसीय मातृ जन्म महोत्सव के समापन अवसर पर पीठ के अध्यक्ष स्वामी केदारनाथ महाराज ने उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए और मां आनंदमयी से जुड़े प्रेरक एवं भावपूर्ण संस्मरण भी सुनाए। समापन दिवस पर आज तड़के 3 बजे से ही भक्तों का आगमन शुरू हो गया था। मां आनंदमयी के 128वें जन्मोत्सव एवं भगवान श्री पूर्ण ब्रह्मनारायण प्राकट्य दिवस के उपलक्ष्य में मां के मंदिर में अभिषेक, पूजा, आरती, विष्णु सहस्त्रनाम एवं ललिता सहस्त्र नामार्चन से सैकड़ों भक्तों ने श्री यंत्र का कुमकुम से पूजन-अभिषेक किया। आश्रम परिसर के अमरनाथ महादेव मंदिर पर आचार्य पं. दीपक शास्त्री के निर्देशन में हवन एवं कन्या पूजन का आयोजन भी सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। इस मौके पर सैकड़ों भक्तों ने सुश्रृंगारित मां आनंदमयी के मंदिर की परिक्रमा भी की।