इंदौर। रालामंडल अभयारण्य में चौकीदार रहे एक स्थायीकर्मी ने एक छह हजार वर्गफीट प्लाट पर जबरन कब्जा कर रखा था। वन विभाग ने अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की। इस दौरान पूर्व वनकर्मी के स्वजनों और बेटों ने कार्रवाई का विरोध किया और रेंजर सहित अन्य स्टाफ से विवाद किया। मामले में शासकीय कार्य में बांधा की धाराएं लगाई गई है। वन विभाग ने बेटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
राजकिशोर तिवारी अभयारण्य में चौकीदार था। उसे लकड़ी डिपो के पास एक कमरे का मकान बनाकर वन विभाग ने रहने के लिए दिया। 2019 में तिवारी सेवानिवृत्त हो गया। मगर मकान खाली करने की बजाए डिपो से लगी जमीन पर कब्जा करने लगा। देखते ही देखते छह हजार वर्गफीट पर टीन शेड से घर बना दिया। उसे तीन बार नोटिस दिया, लेकिन हर बार स्टाफ से विवाद करता रहा। डीएफओ नरेंद्र पंडवा ने बेदखली की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
गुरुवार को रेंजर योगेश यादव के नेतृत्व में इंदौर और पर्यावरण रेंज के स्टाफ की मदद से अतिक्रमण हटाया। इस दौरान स्टाफ से तिवारी के तीनों बेटों ने जमकर विवाद किया। यहां तक वनकर्मियों से झूमा-झटकी भी की गई। अधिकारियों को भी अपशब्द कहे गए। घंटेभर में अतिक्रमण हटाया गया। रेंजर यादव ने कहा कि शासकीय कार्य में बाधा को लेकर तिवारी के तीनों बेटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया है, जिसमें सुनील, सुधीर और अनिल तिवारी शामिल है।
इंदौर
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान विवाद, पूर्व वनकर्मी के बेटों पर प्रकरण दर्ज
- 23 Apr 2022