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भोपाल

अति भारी बारिश का अनुमान सटीक नहीं

  • 23 Sep 2022

चार बार अलर्ट फेल; बारिश तो हुई, लेकिन भारी नहीं
भोपाल। प्रदेश में इस बार मानसूनी सीजन में सामान्य से 22 प्रतिशत ज्यादा 45 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेशवासियों को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस बार मानसून में इतनी बारिश होगी। कहीं-कहीं पर भारी बारिश के चलते जनजीवन भी खासा प्रभावित हुआ है। ऐसे में बारिश को लेकर मौसम विभाग अलर्ट तो रहा, लेकिन उसके अनुमान कई पर फेल भी हुए। दरअसल मौसम विभाग के अनुमान और अलर्ट के अनुसार बारिश तो होती रही है, लेकिन उसका अति भारी बारिश का अनुमान सटीक नहीं बैठा। मौसम विभाग ने सितंबर के 21 दिन में से 18 दिन गरज-चमक से लेकर अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया। इनमें से चार बार अनुमान फेल हो गया, जबकि भारी बारिश के अलर्ट में करीब 80 प्रतिशत जिलों में बारिश हुई, लेकिन भारी बारिश नहीं हुई। अब मौसम विभाग के एक्सपर्ट मानसून को देखते हुए इस बार ठंड ज्यादा पडऩे की संभावना जता रहे हैं। इस बार करीब 100 दिन ठंड पड़ सकती है।
मौसम विभाग ने हाल ही में 21 से लेकर 23 सितंबर तक कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया, लेकिन ज्यादा बारिश नहीं हुई। असल में अलर्ट जारी करते समय मौसम विभाग एक शब्द लिखता है कि कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। ऐसे में कहीं एक जगह भी बारिश होने पर उसे अनुमान के अनुसार मान लिया जाता है।
जुलाई-अगस्त में अच्छी बारिश के कारण प्रदेश के आधे से ज्यादा इलाकों में 40 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। पिछले 10 साल में इस साल तीसरी बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है। सितंबर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा पानी गिरा।
प्रदेश में बारिश की स्थिति
प्रदेश में अब तक 45 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य 37 इंच से 8 इंच यानी 22त्न ज्यादा है। जुलाई और अगस्त में 17-17 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में भी 7 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। सितंबर के 8 दिन शेष हैं। ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। प्रदेश में मध्य के इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। बुंदेलखंड, बघेलखंड और ग्वालियर-चंबल में हालात ज्यादा ठीक नहीं हैं। सितंबर में इस बार बीते 10 साल में दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला हो गया है।
पिछले साल जैसी ठंड की संभावना
मौसम एक्सपर्ट एके शुक्ला ने बताया कि पिछले साल की तरह इस बार भी अक्टूबर से ही सर्दी शुरू हो सकती है। ऊपरी हवा का रुख उत्तरी होने लगा है। हमारे यहां उत्तर से आने वाली सर्द हवा के कारण ही ठंडक बढ़ती है। इस बार सर्दी के मौसम में कोहरा छाने और विजिबिलिटी कम होने का ट्रेंड भी बढ़ सकता है। ऐसे में करीब 100 दिन ठंड पड़ सकती है। इस बार 15 दिन शीतलहर चल सकती है। 20 दिन तक कोल्ड डे हो सकता है। करीब 45 से ज्यादा दिन रात का तापमान 10 डिग्री या उसके आसपास रह सकता है। मौसम केंद्र के रिटायर्ड डायरेक्टर डीपी दुबे के मुताबिक बारिश की लंबी अवधि के कारण नमी ज्यादा है, तापमान भी कम है। नवंबर से कड़ाके की ठंड शुरू हो सकती है। इस कारण सर्दी के दिनों की संख्या बढ़ेगी, तो ठंड की अवधि भी बढ़ेगी। इसका असर शीतलहर और ठंडे दिन होने की संख्या पर भी पड़ेगा। जब न्यूनतम टेम्प्रेचर 10 डिग्री या उससे कम और सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है, तो इसे शीतलहर कहते हैं। जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या उससे कम और दिन का तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है, तो कोल्ड डे कहलाता है।