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इंदौर

अद्भुत है मंथरा उसका चरित्र और कृतित्व... मंथरा गन की पांचवी  कड़ी संपन्न हुई...

  • 15 Feb 2024

गत दिवस मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में, कविवर पंडित सत्यनारायण जी सत्तन द्वारा रचित खंडकाव्य मंथरा के प्रमुख पदों को स्वर मय कर प्रति मंगलवार को श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है । इसे मंथरा गान का नाम दिया गया है ।  पांचवी कड़ी के अवसर पर श्री नरहरि केकरें साहब संघ संचालक भामाशाह नगर के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी साहित्यकार श्री ज्ञानी जी द्वारा की गई। दीप जलन उपरांत डॉ शशि निगम एवं श्री रमेशथत्ते जी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया । सरस्वती वंदना मधुर आवाज में डॉक्टर दीप्ति गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई । तदुपरांत श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा मंथरा के प्रमुख पदों का गायन स्वर देते हुए प्रस्तुत किया । पांचवी कड़ी में श्री पुष्प द्वारा मंथरा के कृतित्व की नई सोच एवं कर्म प्रधानता को प्रस्तुत किया गया साथ ही राम मय मंथरा का वर्णन किया गया जिसे सभी ने सराहा ।मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात रखते हुए श्री नरहरि केकरे जी ने श्री पुष्प की प्रस्तुति एवं मंथरा के चरित्र तथा राम मय जग का जग सारा पर अपने विचार व्यक्त किये । वहीं अध्यक्ष उद्बोधन में श्री ज्ञानी जी द्वारा समाज में व्याप्त व्यवस्थाओं पर और सत्तन जी की पुस्तक पर चर्चा की मंथरा के कृतित्व की सराहना की। आभार व्यक्त करते हुए डॉक्टर पुष्पेंद्र दुबे द्वारा इस अनूठे आयोजन के लिए और इस आयोजन में उपस्थित होने के लिए सहभागिता करने के लिए सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया । समिति की ओर से श्री अरविंद जवलेकर जी प्रधानमंत्री साहित्य समिति विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम के संचालन का दायित्व संस्था काव्य रस के संस्थापक श्री राजेंद्र पांडे तपन द्वारा किया गया । कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध जन साहित्यकार वरिष्ठ समाजसेवी एवं गणमानय नागरिकों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया ।