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इंदौर

अधेड़ उम्र के लोगों के साथ किशोर और युवा भी हो रहे शिकार ... दिल की बीमारी रोक रही सांसें

  • 29 Feb 2024

साइलैंट अटैक बढ़ते मामलों को लेकर हर कोई चिंता में
इंदौर। कुछ वर्षों पहले तक देखने या सुनने में आता था कि फलां-फलां व्यक्ति की हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई है, या फिर मोटापे के चलते उसे ह्रदयाघात हो गया और उसकी जान चली गई, लेकिन हाल ही के कुछ माहों में इस अटैक ने सभी को चिंता में डाल दिया है। इस अटैक के शिकार केवल बुजुर्ग या अधेड़ उम्र के लोग ही नहीं हो रहे, बल्कि नाबालिग और युवा भी हो रहे हैं। शहर में ही नहीं वरन पूरे प्रदेश और देश में अनेक ऐसे मामले में सामने आए हैं, जिनमें उम्मीद ही नहीं थी कि ऐसे फिट लोगों को भी हार्ट अटैक आ सकता है या फिर खेलने-कूदने की उम्र या भरी जवानी में ही साइलैंट अटैक से मौत हो गई। इस खतरनाक बीमारी के चलते मौत का शिकार होने वालों में स्कूली छात्र-छात्राएं भी हैं। इन मामलों ने सभी को चिंता में डाल दिया है कि आने वाले समय में क्या होगा। विशेषज्ञ चिकित्सक भी हैरान हैं कि आखिर क्या कारण है कि इतनी कम उम्र के लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
हाल ही के दिनों साईलैंट अटैक से करीब 8 लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक तो रास्ते में चक्कर खाकर गिरे और दम तोड़ दिया। केवल ये मामले ही ऐसे नहीं है। प्रदेशभर में हार्ट अटैक और साईलैंट अटैक से मौतों के कुछ ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं जब खेलते-कूदते, यहां तक कि बैठे-बैठे भी लोगों और खासतौर पर युवाओं ने दम तोड़ दिया।
हाल ही में सामने आए मामलों में मौत की एक घटना रावजी बाजार थाना क्षेत्र में सामने आई है। जब पैदल जा रहे राजू सुनहरे रास्ते में ही सीने में दर्द उठने से बेसुध होकर गिर गए। सूचना पर पुलिस पहुंची और अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 50 साल के राजू सुनहरे पाटनीपुरा फूल माली समाज धर्मशाला से घर के लिए निकले थे लेकिन रास्ते में ही मौत से सामना हो गया।
सोते समय आया हार्ट अटैक
हार्ट अटैक का एक ऐसा ही मामला हीरा नगर थाना क्षेत्र में सामने आया है। यहां 40 साल के युवा शकील खान की एकाएक मौत हो गई। शकर खेड़ी में रहनेवाले उनके परिजन मोहम्मद अली ने बताया कि मृतक शकील घर में सो रहे थे। जब पत्नी के कई बार पुकारने पर भी उन्होंने जवाब नहीं दिया तो परिवार के सदस्यों को बुलाया और शकील को उठाने का प्रयास किया। उन्हें अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
कम उम्र वाले की मौत का दूसरा मामला
साइलेंट अटैक के दौरान पिछले साल शहर में कई लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में कम उम्र के दो युवकों की साइलेंट अटैक से मौत हुई है। आजाद नगर क्षेत्र में मूसाखेड़ी के रहने वाले 26 साल का राहुल रायकवार की भी ऐसे ही मौत हो गई। राहुल अपने भाई के साथ एक्टिवा पर सवार होकर घर का सामान लेने जा रहा था। राहुल बाइक पर पीछे बैठा था। एकाएक उसके सीने में दर्द उठा और उसकी भी मौत हो गई। इससे पहले एक नाबालिग लडक़ी की भी अटैक से मौत हुई थी। नए साल में बीते 2 महीनों में भी अटैक के कई मामले सामने आए हैं, जिसमेें कम उम्र के लोगो ंको अटैक आया है।
कोचिंग क्लास में ही चली गई थी जान
इंदौर में 15 जनवरी को एमपपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र की साइलेंट अटैक से मौत हो गई थी। युवक को क्लास में पढ़ाई करते वक्त सीने में दर्द उठा था, इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता वह अपनी टेबल से गिर गया था।  उसके दोस्त आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल पहुंचे।  यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना का सीसीटीवा फुटेज भी सामने आया था। मृतक छात्र की पहचान राजा लोधी के रूप में हुई थी। वह सागर का रहने वाला था. राजा इंदौर में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई कर रहा था। राजा अधिकारी बनना चाहता था।
कम उम्र में मौत, परिवार पर वज्रपात
कम उम्र में मौत होना मृतक के परिवार पर किसी वज्रपात से कम नहीं है। परिवार के लोग कुछ समझ ही नहीं पाते हैं और देखते ही देखते उनका एक ऐसा सदस्य काल के गाल में समां जाता है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
बदली हुई लाइफ स्टाइल बड़ी वजह
कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर्स के अनुसार युवाओं में हार्ट अटैक या साईलैंट अटैक की सबसे बड़ी वजह उनकी बदली हुई लाइफ स्टाइल है। ज्यादातर युवा स्मोकिंग और तंबाकू के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। समोसे, कचोरी जैसे तले हुए खाद्य पदार्थ, अनसैचुरेटेड फैट का सेवन भी इसकी बड़ी वजह है।
सर्दी के दिनों में ज्यादा मामले
ज्यादातर युवा एक्सरसाइज बिल्कुल भी नहीं करते। सर्दी में हार्ट अटैक के ज्यादा मामले इसलिए भी सामने आते हैं, क्योंकि ऐसे मौसम में हार्ट वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। इससे बचने के लिए नशा आदि से बचाव बेहद जरूरी है।
नशा भी है कारण
भोपाल के हमीदिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस मीना कहते हैं कि ज्यादा नशा करने से हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती है। इन्हीं मसल्स से हार्ट का निर्माण होता है। इन मसल्स के कमजोर होने से धडक़न की गति असामान्य हो जाती है और कार्डियक फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
स्मोकिंग और तंबाकू हार्ट के लिए खतरा
जेके अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जीसी गौतम कहते हैं कि पहले के मुकाबले युवाओं में हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह लाइफ स्टाइल है। जितने भी युवा है, उनमें स्मोकिंग का चलन बढ़ा है। वे तंबाकू का भी इस्तेमाल करते हैं। ये हार्ट के लिए फायदेमंद नहीं है।
यह भी है एक कारण
साथ ही अनसैचुरेटेड फैट जैसे समोसे, कचोरी और तला हुआ खाना भी इसकी बड़ी वजह है। ज्यादातर युवा घर के खाने की बजाय बाहर की चीजें ज्यादा खाते हैं। एक्सरसाइज बिल्कुल नहीं करते। वैसे भी सर्दी में हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा होती है क्योंकि हार्ट वेसल्स में सिकुडऩ होती है।
विटामिन की कमी भी बड़ी वजह
भोपाल एम्स के डॉ. किसलय श्रीवास्तव कहते हैं कि विटामिन की कमी से हाइपरहोमोसिस्टीनेमिया होता है। ये होमोसिस्टीन एक अमीनो एसिड होता है, जो शरीर में बढ़ जाता है। इससे ब्लड क्लॉट के चांस बढ़ जाते हैं। अभी मैंने जांच में पाया है कि इसकी मात्रा लोगों के शरीर में बढ़ी हुई है। पहले ये 20 से 30 फीसदी होती थी, अब 80 से 90 फीसदी हो गई है। अब या तो ये विटामिन की कमी से है या फिर आनुवांशिक है। ज्यादा चांस विटामिन की कमी से लगते हैं। विटामिन की कमी दूर कर हम युवाओं को बचा सकते हैं।