भिंड। ताऊते और यास तूफान आने से देशभर में मौसम बदला, बारिश हुई तो मौसम विभाग ने भी पूर्वानुमान जताया कि इस बार मानसून जल्दी आएगा और अच्छी बारिश होगी लेकिन यह सभी पूर्वानुमान ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए झूठे साबित होते दिख रहे हैं। पहले तो मानसून देरी से आया। जब आया तो भी तरबतर नहीं किया। इस साल अब तक अंचल में सूखे के हालात हैं। शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों की औसत बारिश पर नजर डालें तो अब तक महज 10.90 फीसदी बारिश ही हुई है जबकि पिछले साल इससे करीब दोगुनी बारिश हुई थी। इसका सबसे बुरा असर खरीफ फसल की बोवनी पर हुआ है। हालात इतने खराब हैं कि सिर्फ शिवपुरी में ही 60 फीसदी रकबे में बोवनी हो सकी है। बाकी चार जिलों में ज्यादातर खेत खाली पड़े हैं। कुछ किसानों ने अच्छी बारिश की आस में बोवनी कर भी ली तो वे अब मुसीबत में हैं क्योंकि तेज धूप और बारिश की कमी से अंकुरित पौध भी सूख रही है। इससे खाद, बीज का भी नुकसान हो रहा है। जिन किसानों ने पौध रोप दी थी उनको फिर से बोवनी करना पड़ रही।
भिण्ड
अन्नदाता पर संकट
- 17 Jul 2021