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लखनऊ

अनिल दुजाना एनकाउंटर में ढेर

  • 05 May 2023

लखनऊ. 4 मई, वो दिन जब यूपी STF अपना फाउंडेशन डे मना रही थी, उत्तर प्रदेश से एक और माफिया का खात्मा हो गया. मेरठ में यूपी एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना मारा गया. इस तरह यूपी में अब माफियाओं की सूची में अब 63 माफिया पुलिस के रडार पर है. 4 मई 1998 को उत्तर प्रदेश से श्री प्रकाश शुक्ला जैसे तमाम गैंगस्टर्स का सफाया करने के लिए गठित की गई स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर लिए हैं.
गुरुवार को मेरठ में एसटीएफ ने एक एनकाउंटर में गैंगस्टर अनिल दुजाना को मार गिराया. अनिल दुजाना की मौत के साथ ही चिन्हित माफियाओं की सूची में एक और नाम कम हो गया और यह लिस्ट घटकर 63 हो गई है. योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में 66 माफियाओं को चिन्हित किया गया था. इनमें से बीते 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी गई तो वहीं दूसरी तरफ अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया.
अब इन चिन्हित माफियाओं की सूची में मुख्तार अंसारी, सुनील राठी, सुंदर भाटी, बबलू श्रीवास्तव, खान मुबारक समेत 38 माफिया जेल में है. 20 जमानत पर बाहर हैं, जबकि  5 की तलाश की जा रही है. 5 माफिया फरार हैं, उसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश पुलिस का ढाई लाख का इनामी बदन सिंह बद्दो, राशिद नसीम शामिल है. जो 20 माफिया जमानत पर बाहर हैं, उनकी गतिविधियों पर यूपी एसटीएफ लगातार नजर रखे है. इनमें माफिया डॉन बृजेश सिंह,सुशील मूंछ के नाम शामिल हैं.
साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी में माफियाओं की उल्टी गिनती चालू है. वह फिर चाहे बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हो, चित्रकूट जेल में मुकीम काला और अंशु दीक्षित की गैंगवार में मौत हो या फिर पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या, उत्तर प्रदेश में या तो माफिया पुलिस की गोली का शिकार हो रहे हैं या फिर गैंगवार में मारे जा रहे हैं. पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ दशक से आतंक का पर्याय रहे अनिल दुजाना को एनकाउंटर में मार गिराया तो इसे STF ने अपनी स्थापना के 25वें साल पर यूपी की जनता को क्रिमिनल फ्री स्टेट का गिफ्ट दिया है.
साभार आज तक