वृक्ष मानव जीवन व पर्यावरण के मूल आधार है, प्रकृति का वातावरण सुखद बनाने के लिए वृक्ष का होना आवशक होता है, वृक्षो पर हमारा जीवन पूर्णतः निर्धारित है, वृक्षो से हमे आक्सीजन तो मिलता ही है साथ ही हर वृक्ष की अपनी विशेषता होती है।
इन्हीं वजहों से हमारे शस्त्रों में वृक्षों का पूजन और अलग-अलग विधान बताए गए हैं।
ज्योतिष में वृक्षों की पूजा का महत्व और विधान है,जिसमें जातक की जन्मकुंड्ली का विश्लेषण कर संबंधित ग्रह, नक्षत्र, राशि और राशि स्वामी के द्वारा हो रही परेशानियों के उपायों के लिए उपयुक्त पेड़ पौधों के रोपण करने या सेवा करने से समाधान मिलता है।
“भारतीय ज्योतिष” में हर नक्षत्र, ग्रह और राशि के लिए पेड़ और पौधा निर्धारित किया गया है। साथ ही “वास्तुशास्त्र” में पेड पौधों को लगाने के लिए सही दिशा भी निर्धारित की गई है।
ग्रहों और नक्षत्रो के नाम और निर्धारित पेड – पौधे
नक्षत्र स्वामी : केतु - कुश
अश्विनी – कोचिला, मघा – बट, मूला – शाल
नक्षत्र स्वामी : शुक्र – गुलहड़
भरनी –आंवला. पूर्वा फाल्गुन – पलास, पूर्वाषाढ़ – अशोक
नक्षत्र स्वामी : सुर्य – अकोन
कृतिका – गुलहड़, उत्तरा फाल्गुन – पाकड़, उत्तराषाढ़ – कटहल
नक्षत्र स्वामी : चन्द्र – पलास
रोहिणी – जामुन, हस्त – रीठा, श्रवण – अकोन
नक्षत्र स्वामी : मंगल – खैर
मृगशिरा –खैर, चित्रा – बेल, धनिष्ठा –शमी
नक्षत्र स्वामी : राहु – दुर्वा
आद्रा – शीशम, स्वाती- अर्जुन, शतभिषा – कदम्ब
नक्षत्र स्वामी : गुरु – पीपल
पुनर्वसु – बांस, विशाखा –कटैया, पूर्व भाद्र – आम
नक्षत्र स्वामी : शनि – शमी
पुष्य – पीपल, अनुराधा – भालसरी, उत्तरभाद्र – नीम
नक्षत्र स्वामी : बुध – चिरचिरी
अश्लेषा – नागकेसर, ज्योष्ठा – चीर, रेवती – महुआ
वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा पेड पौधे लागने के लिए उत्त्म बताई गई है।
बाबा पंडित
अपनी राशि- ग्रह- नक्षत्र के अनुसार पेड़-पौधों का चुनाव कीजिये
- 07 Jun 2022