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भोपाल

अपराध अनुसंधान और कानून-व्यवस्था के लिए अलग-अलग होंगी टीम

  • 12 Oct 2021

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस अपराधों की जांच और कानून-व्यवस्था के लिए नई व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए योजना का प्रारूप पुलिस मुख्यालय में तैयार किया जा रहा है। अपराधों की जांच में होने वाली देरी को दूर करने के लिए इस योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत अपराधों की जांच के लिए अलग टीम होगी। इस टीम का काम जांच कर कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करने का होगा। इस टीम के सदस्यों को पुलिस गश्त सहित थानों की अन्य जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाएगा। यह टीम हर जिले में पुलिस अधीक्षक के नियंत्रण में काम करेगी।
मालूम हो कि पुलिस कमीशन ने कई अवसरों पर अनुसंधान और कानून-व्यवस्था के लिए अलग-अलग टीम बनाने की सिफारिश की है। इसकी वजह यह है कि अपराधों की जांच को महत्वपूर्ण और कानून-व्यवस्था की स्थिति को तत्काल आवश्यकता माना गया है। कानून व्यवस्था के कारण अपराधों की जांच का काम प्रभावित होता है और यह भी आशंका रहती है कि लंबित मामलों में गवाहों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ हो जाती है।
यही वजह है कि अपराधों की जांच और कानून व्यवस्था की टीम को अलग-अलग करने की व्यवस्था बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय में इस योजना का खाका भी तैयार कर लिया है। इसमें जिले को इकाई मानते हुए स्थानीय स्तर पर पुलिस अधीक्षक सामंजस्य स्थापित करेंगे। जो टीम जांच कार्य में रहेगी, उसे पुलिस के रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाएगा। जांच टीम का काम कोर्ट में चालान और साक्ष्य प्रस्तुत करने तक रहेगा।
बल की उपलब्धता है चुनौती
इस व्यवस्था में पर्याप्त पुलिस बल बड़ी चुनौती है। हालांकि जो योजना बनाई जा रही है, उसमें इसका समाधान इस प्रकार रखा गया है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में पुलिस लाइन में मौजूद रिजर्व बल का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। थाना स्तर पर जांच के काम में अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम इस प्रकार गठित की जाए कि बल की कमी की दिक्कत न हो। यानी जिन थानों में अपराध का ग्राफ कम हो, वहां जांच टीम छोटी रखी जाए।