बेटे ने हथिया ली लायसेंस सहित बंदूक, गोली मारने की धमकी देता है
इंदौर। पुलिस के रिटायर्ड प्रधान आरक्षक ने बुजुर्गों के लिए लगाई गई पंचायत में पेश होकर बेटे-बहू के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। पीडि़त का कहना है कि बेटे ने बंदूक और लायसेंस हथिया लिया है और अब उसी से गोली मारने की धमकी देता है।
एएसपी प्रशांत चौबे के सामने गुहार लेकर पहुंचे सूदामा नगर निवासी रिटा. प्रधान आरक्षक महेश वर्मा ने कहा कि बेटा नट्टू उर्फ सचिन उर्फ सूर्यप्रकाश वर्मा अपराधी है। बहू कल्याणीसिंह उर्फ क्रिमा भी धमकाती है। उन्होंने नट्टू पर दर्ज विभिन्न अपराधों का ब्यौरा भी अफसरों को सौंपा है, जिसमें मारपीट, अवैध वसूली, छेड़छाड़ के कई केस दर्ज है। वह अन्नपूर्णा थाने का नामजद अपराधी है और उसने महेश की लाइसेंसी बंदूक ले ली है। ऐसे में अपराधी के पास हथियार होना खतरनाक हो सकता है। वर्मा का आरोप है कि नट्टू और क्रिमा उनकी संपत्ति हथियाना चाहते है। दोनों हुक्माखेड़ी का फॉर्म हाउस, दुकान, फ्लैट पर कब्जा कर उन्हें बेदखल करना चाहते हैं। वह पहले भी जान से मारने की कोशिश कर चुका है। एक बार तो उसने मारने की नियत से लिफ्ट में ही करंट फैला दिया।
बुजुर्ग का कहना है कि घर खर्चा चलाने के लिए उन्होंने फ्लैट किराये पर दिया लेकिन नट्टू किरायेदारों को धमका कर रुपये ले जाता है। कभी-कभी बेटी राधिका के साथ भी मारपीट कर देता है। वे ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीज हैं इसके बावजूद भी बहू कमरे में फिनाइल का छिड़काव कर देती है। एएसपी ने मामले में अन्नपूर्णा पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए है।
बेटी और नाती ने फ्लैट हड़पे, रुपये भी निकाल लिए
बुजुर्ग दंपती ने अपनी ही बेटी और नाती पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। दोनों पति-पत्नी अफसरों को शिकायत कर कार्रवाई की मांग कर रहे है। नानक नगर पिपल्याराव निवासी मोहनसिंह पिता भगवानसिंह (88) ठीक से देख भी नहीं पाते। मोहनसिंह ने बेटी हरिंदर कौर और नाती उदीपसिंह की शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि काटजू कॉलोनी स्थित हरिओम पैलेस का फ्लैट हरिंदर ने ले लिया है। उसने कहा था कि फ्लैट पर लोन लेकर उसका रिनोवेशन करवाएगी। बेटी की बातों पर विश्वास किया और उसके बताए अनुसार कागजों पर साइन कर दिए। बाद में पता चला हरिंदर ने तो फ्लैट ही स्वयं के नाम करवा लिए। मोहनसिंह ने कहा कि बीमारी में इलाज के लिए रुपयों की जरुरत पड़ती रहती है। पोस्ट आफिस और कैनरा बैंक के खाते से रुपये निकालने के लिए बेटी को अधिकृत किया था। उसने धोखे से 25 लाख रुपये भी निकाल लिए और अब
बेदखल कर दिया।
एएसपी प्रशांत चौबे ने सुनवाई की लेकिन कानूनी बाध्यता के चलते हरिंदर व उदीपसिंह के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर पाए। एएसपी के अनुसार मोहनसिंह ने मर्जी से हस्ताक्षर किए थे। कानूनन फ्लैट हरिंदर के नाम पर हो चुका है। ऐसे में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने में असमर्थ हैं। बेटी को बुलाकर समझाईश दे चुके हैं।
इंदौर
अपराधी किस्म के हैं बेटा-बहू, रिटायर प्रधान आरक्षक ने लगाया आरोप
- 09 Dec 2021