10 दिन में 5 बार कोतवाली-देहात क्षेत्र की सीमा को नापतौल कर चुके अफसर, नतीजा सिफर
भिंड। अवैध शराब फैक्टरी संचालित होने का मामला सामने आते ही कोतवाली थाना प्रभारी को निलंबित किया गया। थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा को सस्पेंड किए जाते ही एक नया विवाद शुरू हो गया। कोतवाली थाना पुलिस ने अवैध शराब फैक्टरी को देहात क्षेत्र में होने का दावा किया। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। यह मामला को दस दिन व्यतीत हो गए। इस सीमा विवाद को सुलझाने में पुलिस के आला अफसर, राजस्व विभाग और नगर पालिका के अफसर फीता डालकर नापतौल कर चुके है। परंतु अब तक कोई नतीजा पर नहीं पहुंच सके हैं।
रौन थाना क्षेत्र के इंदुर्खी में बीते दिनों जहरीली शराब पीने से हुए चार लोगों की मौत हुई थी। इस मामला यह बात सामने आई थी कि जहरीली शराब बनाने के लिए अवैध फैक्टरी भिंड में संचालित हो रही थी। यह फैक्टरी स्वतंत्र नगर कॉलोनी के नजदीक खेतों में बने एक मकान में संचालित होना बताया गया था। अवैध फैक्टरी को पुलिस के आला अफसरों ने सिटी कोतवाली क्षेत्र का होने की रिपोर्ट एसपी को दी। इस रिपोर्ट के आधार पर भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने रौन थाना प्रभारी उदय सिंह यादव और सिटी कोतवाली थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा को निलंबित 17 जनवरी को कर दिया था। सिटी कोतवाली थाना प्रभारी शर्मा ने स्वयं पर हुई कार्रवाई को गलत ठहराया और अवैध शराब फैक्टरी को सिटी कोतवाली का हिस्सा न होते हुए देहात थाना में होने का दावा किया था। इसके बाद एसपी चौहान ने तत्काल जांच टीम गठित की। पहले यह जांच का जिम्मा डीएसपी पूनम थापा को दिया गया। परंतु इस मामले में डीएसपी के साथ सीएसपी आनंद राय की ज्वाइंट टीम बनाई। यह दोनों अफसर पिछले दस दिन में एसडीएम, नगर पालिका सीएमओ, पटवारी, आरआई और रजिस्टार ऑफिस के अफसरों को लेकर पांच बार नापतौल कर चुके। हर बार अफसर जाते है लोगों से बातचीत करते है। इसके बाद चले आते है।
स्वतंत्र नगर का नक्शा टाउन ऑफ कंट्री प्लानिंग से है पास
अब तक की पड़ताल में पुलिस के जांच अफसरों अलग-अलग एंगल से जांच कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस के जांच अफसरों के हाथ कुछ दस्तावेज आए। इस दस्तावेजों के आधार पर स्वतंत्र नगर एरिया सिटी कोतवाली की सीमा का हिस्सा था। स्वतंत्र नगर शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सोसयाटी मर्यादित भिंड के नाम से सन् 1988 में पंजीकृत हुई थी। इसका नक्शा टाउंन प्लानिंग ग्वालियर से पास किया गया था। इस कॉलोनी के निर्माण के दौरान 56 प्लॉट स्वीकृत होना बताए जा रहे हैं। स्वतंत्र नगर के पीछे सटे हुई कॉलोनी मनोरमा नगर, द्वारिकापुरी, आनंद नगर, रामभरोसे कॉलोनी, जय श्रीराम नगर है। बताया जाता है कि अवैध शराब इन कॉलोनियों के पीछे खेतों में बने एक मकान में बनाई गई थी।
भिण्ड
अफसर नहीं सुलझा पाए थानों का सीमा विवाद
- 29 Jan 2022